नई दिल्ली, 11 जुलाई 2025 (यूटीएन)। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज दूरसंचार सचिव,डॉ. नीरज मित्तल के साथ भारत 6-जी गठबंधन (बी6जीए) की प्रगति की समीक्षा की। उच्च-स्तरीय बातचीत के दौरान, गठबंधन ने वर्ष 2030 तक 6-जी में वैश्विक अग्रणी बनने की दिशा में भारत की प्रगति पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम में कार्य समूह के अध्यक्षों द्वारा व्यापक प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनमें कार्यान्वयन योग्य योजनाओं और प्रमुख तकनीकी प्रगति की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
गठबंधन के कार्यकारी समूहों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सदस्यों ने रणनीतिक अपडेट, पहलों और कार्य योजनाओं पर व्यापक जानकारी साझा की। प्रस्तुतियों में स्वदेशी आरएएन तकनीक, ग्रामीण संपर्क के लिए बुद्धिमान और समावेशी नेटवर्क, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, स्मार्ट और टिकाऊ परिनियोजन जैसे क्षेत्रों में अंतर-क्षेत्रीय 6-जी अनुप्रयोगों जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला गया। भारत 6-जी गठबंधन ने केंद्रीय मंत्री को पिछली समीक्षा के बाद से सरकार और उद्योग द्वारा की गई प्रमुख कार्रवाइयों से भी अवगत कराया। गठबंधन अब 80 सदस्य संगठनों के एक मजबूत नेटवर्क तक विस्तारित हो गया है, जिसमें 30 से अधिक स्टार्टअप शामिल हैं।
जो स्वदेशी 6-जी नवाचार के लिए बढ़ती राष्ट्रीय गति को दर्शाता है। यह कार्यक्रम भारत 6-जी गठबंधन के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है, जहां सितंबर 2024 में आयोजित अंतिम समीक्षा के बाद से हुई प्रगति के लिए 100 से अधिक दूरसंचार प्रतिनिधियों और हितधारकों के साथ बातचीत की जा सकती है। इसके साथ ही 6-जी प्रौद्योगिकियों में भारत के नेतृत्व को स्थापित करने के उद्देश्य से नवाचारों और सहयोगात्मक प्रयासों पर भी चर्चा की जा सकती है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अपने संबोधन में अगली पीढ़ी की संचार प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार मज़बूत नीतिगत ढाँचों, अनुसंधान कोष में वृद्धि और परीक्षण तथा नवाचार को सुगम बनाने के लिए समय पर स्पेक्ट्रम आवंटन के माध्यम से इस परिवर्तन को संभव बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत 6-जी गठबंधन को 6-जी प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रित, रणनीतिक और स्पष्ट रूपरेखा तैयार करना चाहिए। उन्होंने वैश्विक स्तर पर 6-जी प्रौद्योगिकी में 10 प्रतिशत बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) प्राप्त करने के देश के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक कार्यसमूह स्तर पर प्रगति की नियमित समीक्षा पर बल दिया।
भारत सरकार ने मार्च 2023 में भारत 6-जी विज़न दस्तावेज़ का अनावरण किया, जिसने छठी पीढ़ी (6-जी) की वायरलेस प्रणाली में भारत के नेतृत्व की रणनीतिक नींव रखी। इस विज़न को कार्यान्वित करने के लिए, भारत 6-जी गठबंधन (बी6जीए) की स्थापना एक बहु-हितधारक मंच के रूप में की गई, जो शिक्षा जगत, उद्योग, स्टार्टअप और सार्वजनिक संस्थानों को एकजुट करता है। भारत 6-जी गठबंधन एक सहयोगात्मक पहल है, जिसे भारत में एक व्यापक और भविष्य के लिए तैयार 6-जी इकोसिस्टम बनाने के लिए तैयार किया गया है। अनुसंधान एवं विकास, नवाचार और मानकीकरण पर इसका ध्यान भारत को 6-जी में वैश्विक रूप से अग्रणी बनाने के राष्ट्रीय मिशन का केंद्रबिंदु है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।