मथुरा, 21 जून 2025 (यूटीएन)। माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद तथा उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ व माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा के निर्देशानुसार दिनांक 21.06.2025 को प्रातः 06.30 बजे से केन्द्रीय कक्ष, जनपद न्यायालय, मथुरा में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रभारी जनपद न्यायाधीश अजय पाल सिंह द्वारा की गई।
इस अवसर पर अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुरेन्द्र प्रसाद सहित अन्य न्यायिक अधिकारीगण, कर्मचारीगण, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, अधिवक्तागण आदि द्वारा संयुक्त रूप से केन्दीय कक्ष, जनपद न्यायालय, मथुरा में उपस्थित होकर योग दिवस मनाया गया। उपस्थित न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों आदि को पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के प्रशिक्षित योग शिक्षक एवं जनपद न्यायालय, मथुरा के पेशकार हरेकृष्ण द्वारा योगाभ्यास कराते हुए योग द्वारा होने वाले लाभों से अवगत कराया गया।
समस्त न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों आदि द्वारा केन्द्रीय कक्ष में उपस्थित होकर संयुक्त रूप से कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीत, प्रणव प्राणायाम, चकियासन, कलाई कंधे का सूक्ष्म व्यायाम, कमर चक्रासन, मंडूकासन, पश्चोत्तानासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, भुजंगासन आदि योगाभ्यास किया गया। योग दिवस के अवसर पर उक्त कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुरेन्द्र प्रसाद, अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा बताया गया कि प्रत्येक वर्ष 21 जून को “अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाता है।
इस खास दिन को मनाये जाने का मकसद लोगों को योग की तरफ प्रेरित करना है। मानसिक और शारीरिक विकास को बढ़ावा देने के लिए “अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। दुनिया के कई देश योग के महत्व को समझते हुए योग दिवस को मनाते हैं। योग का अभ्यास शरीर और मस्तिष्क की सेहत के लिए फाइदेमंद है। शरीर और मन की शांति के लिए योग बहुत जरूरी है। योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है। साथ ही योग से मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रतिदिन योग करने से शारीरिक व मानसिक बीमारियां दूर रहतीं हैं। योग से शारीरिक व मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
योग करने वाले लोग फिट रहने के साथ ही इम्यूनिटी के मामले में भी दूसरे लोगों से बेहतर होते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी जनपद न्यायाधीश अजय पाल सिंह द्वारा कहा गया कि योग शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति देता है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योग होता आ रहा है। योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है जिसको अब विदेशों में अपनाया गया है। प्रभारी जनपद न्यायाधीश द्वारा उपस्थित न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों से यह अपील की गई कि अपने जीवन में योग को नियमित रूप से अपनायें तथा अपने रिश्तेदारों, जान-पहचान के प्रत्येक व्यक्ति को योग के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे कि शारीरिक और मानसिक ऊर्जा में वृद्धि हो।
मथुरा-रिपोटर, (पीयूष पुरोहित)।