Sunday, June 29, 2025

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सरकारी दफ्तरों में इस्तेमाल होंगी बीएसएनएल की सेवाएं

दूरसंचार विभाग ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश को अपने सरकारी कार्यालयों, एजेंसियों और पब्लिक सेक्टर कंपनियों के ऑफिस में बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेवाएं इस्तेमाल करने का आग्रह किया है।

नई दिल्ली, 11 जून 2025 (यूटीएन)। दूरसंचार विभाग ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश को अपने सरकारी कार्यालयों, एजेंसियों और पब्लिक सेक्टर कंपनियों के ऑफिस में बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेवाएं इस्तेमाल करने का आग्रह किया है। दूरसंचार विभाग ने अपने इस निर्देश के पीछे राष्ट्रीय डेटा सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत जैसे कारण बताए है। दूरसंचार विभाग ने राज्य सरकारों के प्रमुख सचिवों को इस संदर्भ में 8 अप्रैल को पत्र एक लिखा था।
विभाग के सचिव ने 2019 में लिए गए केंद्र सरकार के फैसले का हवाला देते हुए पत्र में राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि सरकारी विभाग, एजेंसी और पीएसयू में बीएसएनएल या एमटीएनएल की सर्विस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ये सरकारी कंपनियां हाई सर्विस क्वालिटी मुहैया करा रही हैं। सरकार के इस पत्र में किसी तरह की अनिवार्यता नहीं है, लेकिन केंद्र ने स्पष्ट रूप से राज्यों से बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेवाओं को प्राथमिकता देने का किया है।
सरकार का कहना है कि, राज्य सरकारें इंटरनेट, ब्रॉडबैंड और लैंडलाइन जैसे कामों के लिए बदलाव कर सकती है। बीएसएनएल ने हाल ही में एमटीएनएल की सर्विस को ऑपरेट करना शुरू कर दिया है। बीएसएनएल और एमटीएनएल भी अन्य टेलीकॉम कंपनियों को अब कंपीटिशन देना शुरू कर दिया है। सरकार ने अपने पत्र में लिखा है कि, केंद्र सरकार अपने दफ्तरों में बीएसएनएल और एमटीएनएल की सर्विस इस्तेमाल करती है।
राज्य सरकारों को भी अपने दफ्तरों में इन दोनों की सर्विस का उपयोग करना चाहिए। बीते वर्षों में 2019, 2022 और 2023 के पुनरुद्धार पैकेज के बाद बीएसएनएल और एमटीएनएल की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। दोनों कंपनियां अब प्रतिस्पर्धी सेवा दरों और तकनीकी समाधान देने में सक्षम हो चुकी हैं। ट्राई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस समय टेलीकॉम सेक्टर में प्राइवेट टेलीकॉम की 92 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
जबकि सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल का मार्केट शेयर 8 प्रतिशत है। दूरसंचार विभाग ने अपने पत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा का भी हवाला दिया है। दोनों सरकारी कंपनी पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक वाले इक्विपमेंट इस्तेमाल करते हैं। पिछले दिनों आई रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के टेलीकॉम इक्विपमेंट्स में अभी भी बड़े पैमाने पर विदेशी इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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सरकारी दफ्तरों में इस्तेमाल होंगी बीएसएनएल की सेवाएं

दूरसंचार विभाग ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश को अपने सरकारी कार्यालयों, एजेंसियों और पब्लिक सेक्टर कंपनियों के ऑफिस में बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेवाएं इस्तेमाल करने का आग्रह किया है।

नई दिल्ली, 11 जून 2025 (यूटीएन)। दूरसंचार विभाग ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश को अपने सरकारी कार्यालयों, एजेंसियों और पब्लिक सेक्टर कंपनियों के ऑफिस में बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेवाएं इस्तेमाल करने का आग्रह किया है। दूरसंचार विभाग ने अपने इस निर्देश के पीछे राष्ट्रीय डेटा सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत जैसे कारण बताए है। दूरसंचार विभाग ने राज्य सरकारों के प्रमुख सचिवों को इस संदर्भ में 8 अप्रैल को पत्र एक लिखा था।
विभाग के सचिव ने 2019 में लिए गए केंद्र सरकार के फैसले का हवाला देते हुए पत्र में राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि सरकारी विभाग, एजेंसी और पीएसयू में बीएसएनएल या एमटीएनएल की सर्विस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ये सरकारी कंपनियां हाई सर्विस क्वालिटी मुहैया करा रही हैं। सरकार के इस पत्र में किसी तरह की अनिवार्यता नहीं है, लेकिन केंद्र ने स्पष्ट रूप से राज्यों से बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेवाओं को प्राथमिकता देने का किया है।
सरकार का कहना है कि, राज्य सरकारें इंटरनेट, ब्रॉडबैंड और लैंडलाइन जैसे कामों के लिए बदलाव कर सकती है। बीएसएनएल ने हाल ही में एमटीएनएल की सर्विस को ऑपरेट करना शुरू कर दिया है। बीएसएनएल और एमटीएनएल भी अन्य टेलीकॉम कंपनियों को अब कंपीटिशन देना शुरू कर दिया है। सरकार ने अपने पत्र में लिखा है कि, केंद्र सरकार अपने दफ्तरों में बीएसएनएल और एमटीएनएल की सर्विस इस्तेमाल करती है।
राज्य सरकारों को भी अपने दफ्तरों में इन दोनों की सर्विस का उपयोग करना चाहिए। बीते वर्षों में 2019, 2022 और 2023 के पुनरुद्धार पैकेज के बाद बीएसएनएल और एमटीएनएल की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। दोनों कंपनियां अब प्रतिस्पर्धी सेवा दरों और तकनीकी समाधान देने में सक्षम हो चुकी हैं। ट्राई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस समय टेलीकॉम सेक्टर में प्राइवेट टेलीकॉम की 92 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
जबकि सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल का मार्केट शेयर 8 प्रतिशत है। दूरसंचार विभाग ने अपने पत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा का भी हवाला दिया है। दोनों सरकारी कंपनी पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक वाले इक्विपमेंट इस्तेमाल करते हैं। पिछले दिनों आई रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के टेलीकॉम इक्विपमेंट्स में अभी भी बड़े पैमाने पर विदेशी इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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