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कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने डीवाई चंद्रचूड़ के फैसले की तारीफ की

सुप्रीम कोर्ट का राइटर्स क्रैंप यानी ऐंठन के चलते हाथ कांपने की बीमारी से जूझ रहे शख्स को राहत देने के आदेश को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सरहाया है.

नई दिल्ली, 02 मई 2023 (यूटीएन)।  सुप्रीम कोर्ट का राइटर्स क्रैंप यानी ऐंठन के चलते हाथ कांपने की बीमारी से जूझ रहे शख्स को राहत देने के आदेश को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सरहाया है. उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की तारीफ की है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक सेवा के एक परीक्षार्थी को परीक्षा लिखने के लिए एक शख्स की मदद लेने की इजाजत दी है. अदालत ने इस मामले में अंतरिम आदेश जारी किया है. इस आदेश को किरेन रिजिजू ने सरहाते हुए कहा, “मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की ओर से दिया ये आदेश दिल को छू देने वाला है. दिव्यांग उम्मीदवार को बड़ी राहत मिली है. एम्स ने उम्मीदवार के विकलांग होने की प्रमाणिक की थी.
*क्या है पूरा मामला?*
ये पूरा मामला धनजंय कुमार का है. परीक्षार्थी धनजंय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने परीक्षा देने के लिए किसी की मदद लेने के अनुरोध को 20 अप्रैल को अस्वीकार कर दिया था. धनजंय ने 25 सितंबर 2017 को एम्स द्वारा जारी एक प्रमाणपत्र भी जमा कराया. धनजंय के इस दाखिल याचिका पर अदालत ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार को नोटिज जारी कर जवाब मांगते हुए पूछा कि
धनजंय का अनुरोध क्यों खारिज किया गया? प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार को 12 मई तक मामले में जवाब देने को निर्देश दिया. साथ ही लोक सेवा आयोग को धनजंय को परीक्षा लिखने के लिए किसी शख्स की मदद देने का अंतरिम आदेश पारित किया.  सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीदवार को ऐसे समय में राहत दी जब अगले ही दिन परीक्षा होने वाली थी. मतलब सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को आदेश दिया और रविवार को परीक्षा अयोजित की गई.
*याचिकाकर्ता के वकील ने भी की जमकर तारीफ*
याचिकाकर्ता के वकील ने फैसले की तारीफ करते हुए ट्वीट किया कि ‘हमने शाम में साढ़े ग्यारह बजे रिट पिटीशन दायर की थी। जिसका डायरी नंबर सुबह सवा दस बजे मिला। सुबह साढ़े दस बजे उसे मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश किया गया। मुख्य न्यायाधीश ने मामले पर सुनवाई की और उसी दिन अंतरिम आदेश पारित कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश के इस कदम से जनता का न्यायपालिका में विश्वास कायम रहेगा।’ इसी ट्वीट पर केंद्रीय कानून मंत्री ने रिप्लाई किया। कानून मंत्री की मुख्य न्यायाधीश को लेकर यह तारीफ ऐसे समय सामने आई है, जब सरकार और न्यायपालिका में कॉलेजियम सिस्टम को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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