Sunday, June 29, 2025

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एम्स दिल्ली में आदिवासी स्वास्थ्य और अनुसंधान संस्थान के लिए एक उन्नत केंद्र की स्थापना

केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने कहा कि “वर्ष 2047 तक देश से सिकल सेल को समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।

नई दिल्ली, 19 जून 2025 (यूटीएन)। केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने कहा कि “वर्ष 2047 तक देश से सिकल सेल को समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। नई दिल्ली में “विश्व सिकल सेल दिवस” के अवसर पर एम्स में संबोधन करते हुए उन्होंने कहा कि खतरनाक रोग सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने में धन की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय देश से इस बीमारी को समाप्त करने के लिए अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है। 1 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 के अंत तक सिकल सेल एनीमिया को देश से मिटाने का संकल्प लिया था।
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप कार्य करते हुए उनका मंत्रालय अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर इस बीमारी के उन्मूलन के लिए जांच, परीक्षण और अन्य आवश्यक कार्य पूरा करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह न केवल चिकित्सक समुदाय के लिए एक चुनौती है, बल्कि देश में आदिवासी समुदायों को सामाजिक न्याय प्रदान करने का एक आंदोलन भी है। उन्होंने चिकित्सक समुदाय से भारत से इस रोग को समाप्त कर प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए आगे आने का आह्वान किया। इस दौरान राज्यमंत्री ने सिकल सेल एनीमिया के मरीजों और उनके परिवारजनों से भी बातचीत की। देश के विभिन्न हिस्सों से लोग वर्तमान में दिल्ली में रह रहे हैं और इलाज करा रहे हैं।
मंत्री ने उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया; उन्होंने आगे उन्हें एससीडी (सिकल सेल रोग) के प्रबंधन से जुड़ी सभी दवाओं की मुफ्त उपलब्धता का आश्वासन दिया। विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए जनजातीय कार्य सचिव विभु नायर ने कहा कि सिकल सेल और एनीमिया से पीड़ित रोगियों को प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने देशभर के एम्स सहित 15 तृतीयक देखभाल अस्पतालों में सक्षमता केंद्र (सीओसी) शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि यह इस वर्ष नवंबर माह के अंत तक कार्य करना शुरू कर देगा और रोगियों को जल्द ही निदान के साथ-साथ परामर्श सुविधाएं भी मिलेंगी।
ये सीओसी एससीडी के अत्याधुनिक निदान और प्रबंधन प्रदान करते हैं, जिसमें प्रसव-पूर्व निदान भी शामिल है। एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. (प्रो.) एम. श्रीनिवास ने पहले ही जनजातीय लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति अपने संस्थान की प्रतिबद्धता व्यक्त की है और इस संबंध में मंत्रालय के प्रयासों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। नायर ने कहा कि ये केंद्र 15 राज्यों के एम्स और अन्य मेडिकल कॉलेजों में स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने चिकित्सा बिरादरी से चिकित्सा विज्ञान में एक पाठ्यक्रम स्थापित करने के लिए प्रयास शुरू करने का आह्वान किया, जो जनजातीय स्वास्थ्य पर जोर दे सके। सचिव ने कहा कि नई दिल्ली स्थित एम्स में आदिवासी स्वास्थ्य पर एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ संदर्भ केंद्र स्थापित किया जा सकता है।
जो विभिन्न राज्यों और जिलों में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों को सहायता प्रदान कर सकता है, यह इस बात की जानकारी दे सकता है कि कई उपायों के बावजूद कुपोषण क्यों हो रहा है, यह जांचना होगा कि यह आनुवंशिक है या कोई अन्य कारण है। नायर ने बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र में हमने बहुत कुछ विकसित किया है, यह दर्शाता है कि भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने एक औषधि विकास पुरस्कार स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है जो 1 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक हो सकता है, ऐसे केंद्र नई दिल्ली स्थित एम्स के सहयोग से स्थापित किए जा सकते हैं। सिकल सेल रोग (एससीडी) के प्रबंधन के लिए केवल एक ही दवा उपलब्ध है।
वर्तमान में किसी रोगी के प्रबंधन के लिए उसकी शारीरिक स्थिति और रोग की गंभीरता के आधार पर दवाओं के विकल्पों से दवा का चयन करने का कोई विकल्प नहीं है। गर्भावस्था, अन्य गंभीर चिकित्सा स्थितियों आदि जैसी विशेष स्थितियों में यह समस्या और भी बढ़ जाती है। इसलिए रोग के प्रबंधन के लिए एक नई दवा/दवाओं के विकास की तत्काल आवश्यकता है। मंत्रालय एम्स दिल्ली के सहयोग से दवा विकास के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित करेगा; चयनित प्रस्ताव को दवा विकास के लिए 10 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर 19 जून, 2025 को सभी 17 एससीडी मिशन राज्यों में विशाल राज्य स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मिशन के संचालन वाले सभी 365 जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
*सिकल सेल एनीमिया*
यह एक आनुवंशिक विकार है, जो एक दुर्बल करने वाला प्रणालीगत सिंड्रोम पैदा करता है, जिसमें क्रोनिक एनीमिया, तीव्र दर्दनाक प्रकरण, रक्त वाहिकाओं में रोक और अंग क्षति के साथ-साथ जीवन अपेक्षित आयु में महत्वपूर्ण कमी होती है। यह रोग देश में मुख्य रूप से आदिवासी लोगों में देखा गया है।
*सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन:* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 जुलाई, 2023 को सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने के लिए शहडोल, मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय मिशन का शुभारंभ किया था। जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए) जनजातीय जनसंख्या के बीच जागरूकता पैदा करने वाली गतिविधियों के माध्यम से मिशन में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) का सहयोग कर रहा है।
*विश्व सिकल सेल दिवस:* प्रतिवर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस रोग, इसके प्रभाव और शीघ्र निदान और प्रबंधन के महत्व के बारे में जागरुक करना है। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर एम्स दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया, इस कार्यक्रम का उद्घाटन जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने किया।
राज्य मंत्री ने मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए रोग के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आदिवासी बहुल क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए सभी परिधीय अस्पतालों में उपचार सुविधाओं में सुधार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। बेहतर देखभाल और प्रबंधन के साथ सिकल सेल रोगी अधिक स्वस्थ और सार्थक जीवन जी सकते हैं। उन्होंने बताया कि मंत्रालय अपने प्रचार कार्यक्रमों के माध्यम से रोग से जुड़ी   को कम करने की कोशिश कर रहा है। मंत्री ने निम्नलिखित घोषणाएँ भी कीं।
राष्ट्रीय आदिवासी स्वास्थ्य और अनुसंधान संस्थान: मंत्रालय एम्स दिल्ली के अंतर्गत आदिवासी स्वास्थ्य और अनुसंधान संस्थान के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र स्थापित करेगा। प्रस्तावित संस्थान विशेष रूप से आदिवासियों में व्याप्त रोगों के लिए एक अत्याधुनिक अनुसंधान केंद्र के रूप में कार्य करेगा और नीति निर्माण में भी सरकार का मार्गदर्शन करेगा। इस केंद्र में आदिवासियों को उच्चतम गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए बाह्य रोगी और आंतरिक रोगी सुविधाएं भी प्राप्त होंगी। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में परिधीय अस्पतालों से निर्बाध परामर्श के प्रावधानों का विस्तार किया जाएगा।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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एम्स दिल्ली में आदिवासी स्वास्थ्य और अनुसंधान संस्थान के लिए एक उन्नत केंद्र की स्थापना

केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने कहा कि “वर्ष 2047 तक देश से सिकल सेल को समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।

नई दिल्ली, 19 जून 2025 (यूटीएन)। केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने कहा कि “वर्ष 2047 तक देश से सिकल सेल को समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। नई दिल्ली में “विश्व सिकल सेल दिवस” के अवसर पर एम्स में संबोधन करते हुए उन्होंने कहा कि खतरनाक रोग सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने में धन की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय देश से इस बीमारी को समाप्त करने के लिए अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है। 1 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 के अंत तक सिकल सेल एनीमिया को देश से मिटाने का संकल्प लिया था।
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप कार्य करते हुए उनका मंत्रालय अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर इस बीमारी के उन्मूलन के लिए जांच, परीक्षण और अन्य आवश्यक कार्य पूरा करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह न केवल चिकित्सक समुदाय के लिए एक चुनौती है, बल्कि देश में आदिवासी समुदायों को सामाजिक न्याय प्रदान करने का एक आंदोलन भी है। उन्होंने चिकित्सक समुदाय से भारत से इस रोग को समाप्त कर प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए आगे आने का आह्वान किया। इस दौरान राज्यमंत्री ने सिकल सेल एनीमिया के मरीजों और उनके परिवारजनों से भी बातचीत की। देश के विभिन्न हिस्सों से लोग वर्तमान में दिल्ली में रह रहे हैं और इलाज करा रहे हैं।
मंत्री ने उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया; उन्होंने आगे उन्हें एससीडी (सिकल सेल रोग) के प्रबंधन से जुड़ी सभी दवाओं की मुफ्त उपलब्धता का आश्वासन दिया। विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए जनजातीय कार्य सचिव विभु नायर ने कहा कि सिकल सेल और एनीमिया से पीड़ित रोगियों को प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने देशभर के एम्स सहित 15 तृतीयक देखभाल अस्पतालों में सक्षमता केंद्र (सीओसी) शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि यह इस वर्ष नवंबर माह के अंत तक कार्य करना शुरू कर देगा और रोगियों को जल्द ही निदान के साथ-साथ परामर्श सुविधाएं भी मिलेंगी।
ये सीओसी एससीडी के अत्याधुनिक निदान और प्रबंधन प्रदान करते हैं, जिसमें प्रसव-पूर्व निदान भी शामिल है। एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. (प्रो.) एम. श्रीनिवास ने पहले ही जनजातीय लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति अपने संस्थान की प्रतिबद्धता व्यक्त की है और इस संबंध में मंत्रालय के प्रयासों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। नायर ने कहा कि ये केंद्र 15 राज्यों के एम्स और अन्य मेडिकल कॉलेजों में स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने चिकित्सा बिरादरी से चिकित्सा विज्ञान में एक पाठ्यक्रम स्थापित करने के लिए प्रयास शुरू करने का आह्वान किया, जो जनजातीय स्वास्थ्य पर जोर दे सके। सचिव ने कहा कि नई दिल्ली स्थित एम्स में आदिवासी स्वास्थ्य पर एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ संदर्भ केंद्र स्थापित किया जा सकता है।
जो विभिन्न राज्यों और जिलों में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों को सहायता प्रदान कर सकता है, यह इस बात की जानकारी दे सकता है कि कई उपायों के बावजूद कुपोषण क्यों हो रहा है, यह जांचना होगा कि यह आनुवंशिक है या कोई अन्य कारण है। नायर ने बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र में हमने बहुत कुछ विकसित किया है, यह दर्शाता है कि भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने एक औषधि विकास पुरस्कार स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है जो 1 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक हो सकता है, ऐसे केंद्र नई दिल्ली स्थित एम्स के सहयोग से स्थापित किए जा सकते हैं। सिकल सेल रोग (एससीडी) के प्रबंधन के लिए केवल एक ही दवा उपलब्ध है।
वर्तमान में किसी रोगी के प्रबंधन के लिए उसकी शारीरिक स्थिति और रोग की गंभीरता के आधार पर दवाओं के विकल्पों से दवा का चयन करने का कोई विकल्प नहीं है। गर्भावस्था, अन्य गंभीर चिकित्सा स्थितियों आदि जैसी विशेष स्थितियों में यह समस्या और भी बढ़ जाती है। इसलिए रोग के प्रबंधन के लिए एक नई दवा/दवाओं के विकास की तत्काल आवश्यकता है। मंत्रालय एम्स दिल्ली के सहयोग से दवा विकास के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित करेगा; चयनित प्रस्ताव को दवा विकास के लिए 10 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर 19 जून, 2025 को सभी 17 एससीडी मिशन राज्यों में विशाल राज्य स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मिशन के संचालन वाले सभी 365 जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
*सिकल सेल एनीमिया*
यह एक आनुवंशिक विकार है, जो एक दुर्बल करने वाला प्रणालीगत सिंड्रोम पैदा करता है, जिसमें क्रोनिक एनीमिया, तीव्र दर्दनाक प्रकरण, रक्त वाहिकाओं में रोक और अंग क्षति के साथ-साथ जीवन अपेक्षित आयु में महत्वपूर्ण कमी होती है। यह रोग देश में मुख्य रूप से आदिवासी लोगों में देखा गया है।
*सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन:* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 जुलाई, 2023 को सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने के लिए शहडोल, मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय मिशन का शुभारंभ किया था। जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए) जनजातीय जनसंख्या के बीच जागरूकता पैदा करने वाली गतिविधियों के माध्यम से मिशन में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) का सहयोग कर रहा है।
*विश्व सिकल सेल दिवस:* प्रतिवर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस रोग, इसके प्रभाव और शीघ्र निदान और प्रबंधन के महत्व के बारे में जागरुक करना है। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर एम्स दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया, इस कार्यक्रम का उद्घाटन जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने किया।
राज्य मंत्री ने मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए रोग के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आदिवासी बहुल क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए सभी परिधीय अस्पतालों में उपचार सुविधाओं में सुधार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। बेहतर देखभाल और प्रबंधन के साथ सिकल सेल रोगी अधिक स्वस्थ और सार्थक जीवन जी सकते हैं। उन्होंने बताया कि मंत्रालय अपने प्रचार कार्यक्रमों के माध्यम से रोग से जुड़ी   को कम करने की कोशिश कर रहा है। मंत्री ने निम्नलिखित घोषणाएँ भी कीं।
राष्ट्रीय आदिवासी स्वास्थ्य और अनुसंधान संस्थान: मंत्रालय एम्स दिल्ली के अंतर्गत आदिवासी स्वास्थ्य और अनुसंधान संस्थान के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र स्थापित करेगा। प्रस्तावित संस्थान विशेष रूप से आदिवासियों में व्याप्त रोगों के लिए एक अत्याधुनिक अनुसंधान केंद्र के रूप में कार्य करेगा और नीति निर्माण में भी सरकार का मार्गदर्शन करेगा। इस केंद्र में आदिवासियों को उच्चतम गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए बाह्य रोगी और आंतरिक रोगी सुविधाएं भी प्राप्त होंगी। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में परिधीय अस्पतालों से निर्बाध परामर्श के प्रावधानों का विस्तार किया जाएगा।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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