Tuesday, October 7, 2025

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जलवायु परिवर्तन का स्वास्थ्य पर असर! IIHMR यूनिवर्सिटी में हुई गंभीर चर्चा

गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, IIHMR यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पीआर सोडानी ने कहा, "जलवायु परिवर्तन और बढ़ता तापमान अब दूर की चिंताएँ नहीं रह गई हैं; ये तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियाँ हैं।

जयपुर,24 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने आर्थिक विकास संस्थान के सहयोग से ‘हीट-हेल्थ फोरम’ (एचएचएफ) के तहत एक महत्वपूर्ण परामर्श बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में सरकारी अधिकारी, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और नीति निर्माता एकत्र हुए, जहाँ गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर चर्चा हुई। बैठक का मुख्य फोकस गर्मी से सुरक्षा के उपाय, शमन की नीतियाँ और जनस्वास्थ्य तंत्र की लचीलापन क्षमता बढ़ाने पर रहा।

बैठक में मुख्य अतिथि ऋषभ हेमानी, मुख्य वित्तीय अधिकारी, एआई और जल, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य (वाश) विशेषज्ञ, जलवायु एवं पर्यावरण एवं आपातकालीन केंद्र बिंदु, यूनिसेफ राजस्थान कार्यालय उपस्थित थे। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने परामर्श बैठक की अध्यक्षता की।

गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, IIHMR यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पीआर सोडानी ने कहा, “जलवायु परिवर्तन और बढ़ता तापमान अब दूर की चिंताएँ नहीं रह गई हैं; ये तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियाँ हैं। हीट-हेल्थ फ़ोरम के माध्यम से, हमारा उद्देश्य नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है ताकि साक्ष्य-आधारित रणनीतियाँ विकसित की जा सकें जो समुदायों को गर्मी से संबंधित बीमारियों के बढ़ते जोखिमों से बचा सकें। यह परामर्श भविष्य के लिए एक लचीली और अनुकूल सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक कदम है।”

इस दिन “हीट-हेल्थ जोखिमों की शारीरिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य समझ” और “जोखिम न्यूनीकरण रणनीतियों की योजना, तैयारी और कार्यान्वयन” पर दो व्यावहारिक तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। यह परामर्श विचारों के खुले आदान-प्रदान और पेशेवर संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक आकर्षक मंच के रूप में उभरा। आर्थिक विकास संस्थान की पर्यावरण एवं संसाधन अर्थशास्त्र इकाई की प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. पूर्णमिता दासगुप्ता ने फ़ोरम और अध्ययन के उद्देश्यों का अवलोकन प्रस्तुत किया।

परामर्श बैठक में विभिन्न सरकारी विभागों, प्रमुख विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, मौसम विभाग, नागरिक समाज के संकाय सदस्यों, विशेषज्ञों और योजनाकारों के 60 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उनके सुझावों और सूचनाओं ने हीट-हेल्थ के लिए कार्य योजना तैयार करने में मदद की और राजस्थान में हीट-हेल्थ फोरम के गठन की दिशा भी दिखाई।कार्यक्रम का समापन आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. गौतम साधु द्वारा परामर्श के संक्षिप्त अवलोकन के साथ हुआ, जिसके बाद प्रोफेसर अरिंदम दास ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

जयपुर-रिपोर्टर,(नरेंद्र आर्य) |

International

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जलवायु परिवर्तन का स्वास्थ्य पर असर! IIHMR यूनिवर्सिटी में हुई गंभीर चर्चा

गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, IIHMR यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पीआर सोडानी ने कहा, "जलवायु परिवर्तन और बढ़ता तापमान अब दूर की चिंताएँ नहीं रह गई हैं; ये तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियाँ हैं।

जयपुर,24 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने आर्थिक विकास संस्थान के सहयोग से ‘हीट-हेल्थ फोरम’ (एचएचएफ) के तहत एक महत्वपूर्ण परामर्श बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में सरकारी अधिकारी, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और नीति निर्माता एकत्र हुए, जहाँ गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर चर्चा हुई। बैठक का मुख्य फोकस गर्मी से सुरक्षा के उपाय, शमन की नीतियाँ और जनस्वास्थ्य तंत्र की लचीलापन क्षमता बढ़ाने पर रहा।

बैठक में मुख्य अतिथि ऋषभ हेमानी, मुख्य वित्तीय अधिकारी, एआई और जल, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य (वाश) विशेषज्ञ, जलवायु एवं पर्यावरण एवं आपातकालीन केंद्र बिंदु, यूनिसेफ राजस्थान कार्यालय उपस्थित थे। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने परामर्श बैठक की अध्यक्षता की।

गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, IIHMR यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पीआर सोडानी ने कहा, “जलवायु परिवर्तन और बढ़ता तापमान अब दूर की चिंताएँ नहीं रह गई हैं; ये तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियाँ हैं। हीट-हेल्थ फ़ोरम के माध्यम से, हमारा उद्देश्य नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है ताकि साक्ष्य-आधारित रणनीतियाँ विकसित की जा सकें जो समुदायों को गर्मी से संबंधित बीमारियों के बढ़ते जोखिमों से बचा सकें। यह परामर्श भविष्य के लिए एक लचीली और अनुकूल सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक कदम है।”

इस दिन “हीट-हेल्थ जोखिमों की शारीरिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य समझ” और “जोखिम न्यूनीकरण रणनीतियों की योजना, तैयारी और कार्यान्वयन” पर दो व्यावहारिक तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। यह परामर्श विचारों के खुले आदान-प्रदान और पेशेवर संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक आकर्षक मंच के रूप में उभरा। आर्थिक विकास संस्थान की पर्यावरण एवं संसाधन अर्थशास्त्र इकाई की प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. पूर्णमिता दासगुप्ता ने फ़ोरम और अध्ययन के उद्देश्यों का अवलोकन प्रस्तुत किया।

परामर्श बैठक में विभिन्न सरकारी विभागों, प्रमुख विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, मौसम विभाग, नागरिक समाज के संकाय सदस्यों, विशेषज्ञों और योजनाकारों के 60 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उनके सुझावों और सूचनाओं ने हीट-हेल्थ के लिए कार्य योजना तैयार करने में मदद की और राजस्थान में हीट-हेल्थ फोरम के गठन की दिशा भी दिखाई।कार्यक्रम का समापन आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. गौतम साधु द्वारा परामर्श के संक्षिप्त अवलोकन के साथ हुआ, जिसके बाद प्रोफेसर अरिंदम दास ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

जयपुर-रिपोर्टर,(नरेंद्र आर्य) |

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