Tuesday, October 7, 2025

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दांतों की सुरक्षा केवल दिन में ब्रश करने से नहीं, बल्कि अच्छी जीवनशैली से भी होती है: दंत विशेषज्ञ

इंडियन सोसाइटी फॉर डेंटल रिसर्च के 35वें वार्षिक सम्मेलन में सम्मेलन में मौजूद विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की कि वे मुँह के लगातार सूखेपन, छालों या असहजता जैसे शुरुआती संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें और इन्हें गंभीरता से लें।

नई दिल्ली, 20 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। इंडियन सोसाइटी फॉर डेंटल रिसर्च के 35वें वार्षिक सम्मेलन में सम्मेलन में मौजूद विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की कि वे मुँह के लगातार सूखेपन, छालों या असहजता जैसे शुरुआती संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें और इन्हें गंभीरता से लें। उन्होंने कहा कि ओरल हेल्थ की सुरक्षा केवल दिन में दो बार ब्रश करने से नहीं होती, बल्कि अच्छी जीवनशैली के चुनाव से भी होती है।
सुप्रसिद्ध दंत चिकित्सक डॉ. अश्विनी वाई.बी. ने बताया कि शराब मुंह और दांतों को पहले ही घूंट से नुकसान पहुँचाना शुरू कर देती है। उन्होंने कहा कि हम अक्सर सुनते हैं कि शराब लिवर और शरीर के लिए हानिकारक है, लेकिन इसकी शुरुआत मुंह से ही हो जाती है। उन्होंने बताया “हमारे मुंह में एक नाज़ुक परत होती है जिसे म्यूकोसा कहते हैं। शराब इसके संपर्क में आते ही इस परत को सुखा देती है। यह सूखापन परत को कमजोर कर देता है, दर्दनाक छाले बनाता है।
और मुंह को संक्रमणों के लिए और अधिक संवेदनशील बना देता है।” लेकिन नुकसान यहीं तक सीमित नहीं है। शराब लार के प्रवाह को भी कम कर देती है, जबकि लार मुंह की प्राकृतिक सफाई करती है। कम लार होने पर हानिकारक बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, संक्रमण बढ़ता है और लंबे समय में ओरल कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। डॉ. अश्विनी ने शराब और तंबाकू के मिश्रण पर भी चेतावनी दी। “शराब और तंबाकू का साथ में सेवन गंभीर ओरल बीमारियों और कैंसर का जोखिम कई गुना बढ़ा देता है। दुर्भाग्य से भारत में यह आदत बहुत आम है।”
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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दांतों की सुरक्षा केवल दिन में ब्रश करने से नहीं, बल्कि अच्छी जीवनशैली से भी होती है: दंत विशेषज्ञ

इंडियन सोसाइटी फॉर डेंटल रिसर्च के 35वें वार्षिक सम्मेलन में सम्मेलन में मौजूद विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की कि वे मुँह के लगातार सूखेपन, छालों या असहजता जैसे शुरुआती संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें और इन्हें गंभीरता से लें।

नई दिल्ली, 20 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। इंडियन सोसाइटी फॉर डेंटल रिसर्च के 35वें वार्षिक सम्मेलन में सम्मेलन में मौजूद विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की कि वे मुँह के लगातार सूखेपन, छालों या असहजता जैसे शुरुआती संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें और इन्हें गंभीरता से लें। उन्होंने कहा कि ओरल हेल्थ की सुरक्षा केवल दिन में दो बार ब्रश करने से नहीं होती, बल्कि अच्छी जीवनशैली के चुनाव से भी होती है।
सुप्रसिद्ध दंत चिकित्सक डॉ. अश्विनी वाई.बी. ने बताया कि शराब मुंह और दांतों को पहले ही घूंट से नुकसान पहुँचाना शुरू कर देती है। उन्होंने कहा कि हम अक्सर सुनते हैं कि शराब लिवर और शरीर के लिए हानिकारक है, लेकिन इसकी शुरुआत मुंह से ही हो जाती है। उन्होंने बताया “हमारे मुंह में एक नाज़ुक परत होती है जिसे म्यूकोसा कहते हैं। शराब इसके संपर्क में आते ही इस परत को सुखा देती है। यह सूखापन परत को कमजोर कर देता है, दर्दनाक छाले बनाता है।
और मुंह को संक्रमणों के लिए और अधिक संवेदनशील बना देता है।” लेकिन नुकसान यहीं तक सीमित नहीं है। शराब लार के प्रवाह को भी कम कर देती है, जबकि लार मुंह की प्राकृतिक सफाई करती है। कम लार होने पर हानिकारक बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, संक्रमण बढ़ता है और लंबे समय में ओरल कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। डॉ. अश्विनी ने शराब और तंबाकू के मिश्रण पर भी चेतावनी दी। “शराब और तंबाकू का साथ में सेवन गंभीर ओरल बीमारियों और कैंसर का जोखिम कई गुना बढ़ा देता है। दुर्भाग्य से भारत में यह आदत बहुत आम है।”
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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