Tuesday, October 28, 2025

National

spot_img

जन-जन के लिए आयुर्वेद, धरती के लिए आयुर्वेद” सतत स्वास्थ्य सेवा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है: प्रताप राव जाधव

अपने संबोधन में  जाधव ने एक समग्र, साक्ष्य-आधारित और पर्यावरण की दृष्टि से सतत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के रूप में आयुर्वेद की क्षमता को रेखांकित किया।

नई दिल्ली, 19 सितम्बर (यूटीएन)। आयुष मंत्रालय ने आज राष्ट्रीय मीडिया केंद्र , नई दिल्ली में आयुर्वेद दिवस 2025 के लिए पूर्वावलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने मीडिया को संबोधित किया और 10वें आयुर्वेद दिवस के लिए नियोजित प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला। यह दिवस 23 सितंबर 2025 को गोवा के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में मनाया जाएगा। अपने संबोधन में  जाधव ने एक समग्र, साक्ष्य-आधारित और पर्यावरण की दृष्टि से सतत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के रूप में आयुर्वेद की क्षमता को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा विज्ञान से कहीं अधिक है-यह जीवन का एक तरीका है जो व्यक्तियों का उनके पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्‍थापित करता है। आयुष पर पहले अखिल भारतीय एनएसएसओ सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए जाधव ने ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में आयुर्वेद की व्यापक स्वीकृति पर ज़ोर दिया, जहां यह सबसे अधिक प्रचलित उपचार प्रणाली बनी  हुई है। जाधव ने सूचित किया कि केंद्र सरकार ने 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस के लिए एक निश्चित वार्षिक तिथि के रूप में अधिसूचित करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे इसे एक सार्वभौमिक कैलेंडर पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का विषय – “जन-जन के लिए आयुर्वेद, धरती के लिए आयुर्वेद” – वैश्विक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय कल्याण के लिए एक सतत, एकीकृत समाधान के रूप में आयुर्वेद को आगे बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जाधव ने यह भी घोषणा की कि आयुष मंत्रालय द्वारा आयुर्वेद दिवस 2025 पर कई जन-केंद्रित पहलें शुरू की जाएगी। इनमें छात्रों के लिए “कल्‍याण के लिए छोटे कदम”, झूठे विज्ञापनों का मुकाबला करने के लिए “गुमराह को राह दिखाएं”, “मोटापे के लिए आयुर्वेद आहार” जैसे जागरूकता अभियान, साथ ही पौधों और पशु चिकित्सा स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद पर कार्यक्रम भी शामिल हैं। विशेष ध्यान “कैंसर उपचार में समन्‍वय”, “आयुर्वेद का डिजिटल रूपान्‍तरण” और “संहिता से संवाद”, जो धरती के कल्‍याण हेतु मीडिया साझेदारी है – पर भी दिया जाएगा।
आयुर्वेद दिवस की यात्रा का स्‍मरण करते हुए जाधव ने बताया कि 2016 से इसकी शुरुआत हुई और 2024 संस्करण में 150 से अधिक देशों ने भागीदारी की। उन्होंने 9वें आयुर्वेद दिवस की प्रमुख उपलब्धियों का उल्‍लेख किया, जिनमें एआईआईए के द्वितीय चरण का उद्घाटन, आयुर्वेद में चार उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना और प्रधानमंत्री द्वारा “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” का शुभारंभ शामिल है।
उन्होंने आगे सूचित किया कि 12,850 करोड़ रुपये के निवेश से आयुर्वेद की समग्र स्वास्थ्य सेवा में भूमिका को और मजबूत किया गया है।
इस अवसर पर एआईआईए के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार प्रजापति ने आगामी समारोह का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि 10वें आयुर्वेद दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम, डिजिटल अभियान, अंतर-मंत्रालयी सहयोग, राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025 तथा उप-विषयों जैसे – मोटापा रोकथाम, कैंसर जागरूकता, छात्र पहुंच, पशु एवं पौधा स्वास्थ्य और डिजिटल एकीकरण -पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा। माई गोव और भाई भारत प्लेटफॉर्म पर “आई सपोर्ट आयुर्वेद” जैसी पहलों के माध्यम से जनभागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस पूर्वावलोकन कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय के उप महानिदेशक शसत्यजीत पॉल, पत्र सूचना कार्यालय के प्रधान महानिदेशक  धीरेन्द्र ओझा और एआईआईए के निदेशक डॉ. पी.के. प्रजापति सहित वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

International

spot_img

जन-जन के लिए आयुर्वेद, धरती के लिए आयुर्वेद” सतत स्वास्थ्य सेवा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है: प्रताप राव जाधव

अपने संबोधन में  जाधव ने एक समग्र, साक्ष्य-आधारित और पर्यावरण की दृष्टि से सतत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के रूप में आयुर्वेद की क्षमता को रेखांकित किया।

नई दिल्ली, 19 सितम्बर (यूटीएन)। आयुष मंत्रालय ने आज राष्ट्रीय मीडिया केंद्र , नई दिल्ली में आयुर्वेद दिवस 2025 के लिए पूर्वावलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने मीडिया को संबोधित किया और 10वें आयुर्वेद दिवस के लिए नियोजित प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला। यह दिवस 23 सितंबर 2025 को गोवा के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में मनाया जाएगा। अपने संबोधन में  जाधव ने एक समग्र, साक्ष्य-आधारित और पर्यावरण की दृष्टि से सतत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के रूप में आयुर्वेद की क्षमता को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा विज्ञान से कहीं अधिक है-यह जीवन का एक तरीका है जो व्यक्तियों का उनके पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्‍थापित करता है। आयुष पर पहले अखिल भारतीय एनएसएसओ सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए जाधव ने ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में आयुर्वेद की व्यापक स्वीकृति पर ज़ोर दिया, जहां यह सबसे अधिक प्रचलित उपचार प्रणाली बनी  हुई है। जाधव ने सूचित किया कि केंद्र सरकार ने 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस के लिए एक निश्चित वार्षिक तिथि के रूप में अधिसूचित करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे इसे एक सार्वभौमिक कैलेंडर पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का विषय – “जन-जन के लिए आयुर्वेद, धरती के लिए आयुर्वेद” – वैश्विक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय कल्याण के लिए एक सतत, एकीकृत समाधान के रूप में आयुर्वेद को आगे बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जाधव ने यह भी घोषणा की कि आयुष मंत्रालय द्वारा आयुर्वेद दिवस 2025 पर कई जन-केंद्रित पहलें शुरू की जाएगी। इनमें छात्रों के लिए “कल्‍याण के लिए छोटे कदम”, झूठे विज्ञापनों का मुकाबला करने के लिए “गुमराह को राह दिखाएं”, “मोटापे के लिए आयुर्वेद आहार” जैसे जागरूकता अभियान, साथ ही पौधों और पशु चिकित्सा स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद पर कार्यक्रम भी शामिल हैं। विशेष ध्यान “कैंसर उपचार में समन्‍वय”, “आयुर्वेद का डिजिटल रूपान्‍तरण” और “संहिता से संवाद”, जो धरती के कल्‍याण हेतु मीडिया साझेदारी है – पर भी दिया जाएगा।
आयुर्वेद दिवस की यात्रा का स्‍मरण करते हुए जाधव ने बताया कि 2016 से इसकी शुरुआत हुई और 2024 संस्करण में 150 से अधिक देशों ने भागीदारी की। उन्होंने 9वें आयुर्वेद दिवस की प्रमुख उपलब्धियों का उल्‍लेख किया, जिनमें एआईआईए के द्वितीय चरण का उद्घाटन, आयुर्वेद में चार उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना और प्रधानमंत्री द्वारा “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” का शुभारंभ शामिल है।
उन्होंने आगे सूचित किया कि 12,850 करोड़ रुपये के निवेश से आयुर्वेद की समग्र स्वास्थ्य सेवा में भूमिका को और मजबूत किया गया है।
इस अवसर पर एआईआईए के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार प्रजापति ने आगामी समारोह का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि 10वें आयुर्वेद दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम, डिजिटल अभियान, अंतर-मंत्रालयी सहयोग, राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025 तथा उप-विषयों जैसे – मोटापा रोकथाम, कैंसर जागरूकता, छात्र पहुंच, पशु एवं पौधा स्वास्थ्य और डिजिटल एकीकरण -पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा। माई गोव और भाई भारत प्लेटफॉर्म पर “आई सपोर्ट आयुर्वेद” जैसी पहलों के माध्यम से जनभागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस पूर्वावलोकन कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय के उप महानिदेशक शसत्यजीत पॉल, पत्र सूचना कार्यालय के प्रधान महानिदेशक  धीरेन्द्र ओझा और एआईआईए के निदेशक डॉ. पी.के. प्रजापति सहित वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

National

spot_img

International

spot_img
RELATED ARTICLES