Wednesday, October 8, 2025

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मोटापे का ईलाज अब बिना सर्जरी के नई माइक्रोवेव तकनीक चर्बी को पिघलाकर करेगी खत्म

इस तकनीक को लाने वाली बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर मोनिशा कपूर ने बताया कि अभी तक लोगों को अपना मोटापा या एक्स्ट्रा फैट जो लोगों के लिए मुसीबत बन जाता था उसको हटाने के लिए सर्जरी का ही विकल्प था.

नई दिल्ली, 05 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। अभी तक मोटापे से ग्रस्त लोगों को मोटापा कम करने के लिए सर्जरी कराने की जरूरत पड़ती थी. जिसे बैरिएट्रिक सर्जरी कहा जाता है. लेकिन, अब एक ऐसी नई तकनीक आई है जिससे लोग बिना सर्जरी के भी मोटापा कम करा सकते हैं. इस नई तकनीक को माइक्रोवेव तकनीक नाम दिया गया है. तकनीक में एक मशीन के द्वारा मोटापे वाले हिस्से पर माइक्रोवेव तकनीक से थेरेपी दी जाती है. मोटापा कम कराने के लिए इस थेरेपी के 6 सेशन लेने होंगे. इस तकनीक से थेरेपी देकर मोटापा की सारी लेयरों को पिघलाकर खत्म कर दिया जाएगा. यह तकनीक इटली से इंडिया में लाई गई है.
इस तकनीक को लाने वाली बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर मोनिशा कपूर ने बताया कि अभी तक लोगों को अपना मोटापा या एक्स्ट्रा फैट जो लोगों के लिए मुसीबत बन जाता था उसको हटाने के लिए सर्जरी का ही विकल्प था. लेकिन, अब इस तकनीक से लोग बिना सर्जरी बिना चीर फाड़ के अपनी चर्बी को खत्म करा सकेंगे. डॉ मोनिशा कपूर ने बताया कि यह माइक्रोवेव तकनीक ठीक उस तरह से काम करती है जिस तरह हमारे घर में माइक्रोवेव के अंदर अगर कटोरी में सब्जी या किसी भी चीज को गर्म करते हैं तो उस बर्तन के अंदर की सब्जी या रोटी गरम होती है और बाहर का वह बर्तन गर्म नहीं होता है. अगर बर्तन गर्म होता है तो उस सभी या चीज के गर्म होने से. ठीक इसी तरह से इस तकनीक से जहां हमारे शरीर में एक्स्ट्रा फैट है उस जगह पर थेरेपी का सेशन दिया जाएगा जिससे उस जगह की चर्बी को पिघला करके बाहर निकाल दिया जाएगा.
उन्होंने बताया शरीर के जिस भी अंग की एक्स्ट्रा फैट या चर्बी कम करनी है वह इस तकनीक के द्वारा थेरेपी ले सकते हैं. इस थेरेपी के दौरान 6 सेशन में एक-एक महीने का गैप रखना होता है. एक सेशन 30 मिनट का होता है. इस थेरेपी के दौरान किसी भी तरह की कोई दवाई नहीं लेनी होती है. न ही इसका कोई साइड इफेक्ट है. डॉक्टर मोनिशा कपूर ने बताया कि यह तकनीक अभी तक इटली में इस्तेमाल हो रही है, बाकी और जगह नहीं है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. इसका इस्तेमाल इटली में डॉक्टरों के द्वारा हो रहा है और इसके अच्छे रिजल्ट देखने को मिले हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली में हमारे सेंटर डॉक्टर मोनिशा कपूर एस्थेटिक पर इस तकनीक के द्वारा लोगों का ट्रीटमेंट शुरू किया गया है.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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मोटापे का ईलाज अब बिना सर्जरी के नई माइक्रोवेव तकनीक चर्बी को पिघलाकर करेगी खत्म

इस तकनीक को लाने वाली बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर मोनिशा कपूर ने बताया कि अभी तक लोगों को अपना मोटापा या एक्स्ट्रा फैट जो लोगों के लिए मुसीबत बन जाता था उसको हटाने के लिए सर्जरी का ही विकल्प था.

नई दिल्ली, 05 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। अभी तक मोटापे से ग्रस्त लोगों को मोटापा कम करने के लिए सर्जरी कराने की जरूरत पड़ती थी. जिसे बैरिएट्रिक सर्जरी कहा जाता है. लेकिन, अब एक ऐसी नई तकनीक आई है जिससे लोग बिना सर्जरी के भी मोटापा कम करा सकते हैं. इस नई तकनीक को माइक्रोवेव तकनीक नाम दिया गया है. तकनीक में एक मशीन के द्वारा मोटापे वाले हिस्से पर माइक्रोवेव तकनीक से थेरेपी दी जाती है. मोटापा कम कराने के लिए इस थेरेपी के 6 सेशन लेने होंगे. इस तकनीक से थेरेपी देकर मोटापा की सारी लेयरों को पिघलाकर खत्म कर दिया जाएगा. यह तकनीक इटली से इंडिया में लाई गई है.
इस तकनीक को लाने वाली बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर मोनिशा कपूर ने बताया कि अभी तक लोगों को अपना मोटापा या एक्स्ट्रा फैट जो लोगों के लिए मुसीबत बन जाता था उसको हटाने के लिए सर्जरी का ही विकल्प था. लेकिन, अब इस तकनीक से लोग बिना सर्जरी बिना चीर फाड़ के अपनी चर्बी को खत्म करा सकेंगे. डॉ मोनिशा कपूर ने बताया कि यह माइक्रोवेव तकनीक ठीक उस तरह से काम करती है जिस तरह हमारे घर में माइक्रोवेव के अंदर अगर कटोरी में सब्जी या किसी भी चीज को गर्म करते हैं तो उस बर्तन के अंदर की सब्जी या रोटी गरम होती है और बाहर का वह बर्तन गर्म नहीं होता है. अगर बर्तन गर्म होता है तो उस सभी या चीज के गर्म होने से. ठीक इसी तरह से इस तकनीक से जहां हमारे शरीर में एक्स्ट्रा फैट है उस जगह पर थेरेपी का सेशन दिया जाएगा जिससे उस जगह की चर्बी को पिघला करके बाहर निकाल दिया जाएगा.
उन्होंने बताया शरीर के जिस भी अंग की एक्स्ट्रा फैट या चर्बी कम करनी है वह इस तकनीक के द्वारा थेरेपी ले सकते हैं. इस थेरेपी के दौरान 6 सेशन में एक-एक महीने का गैप रखना होता है. एक सेशन 30 मिनट का होता है. इस थेरेपी के दौरान किसी भी तरह की कोई दवाई नहीं लेनी होती है. न ही इसका कोई साइड इफेक्ट है. डॉक्टर मोनिशा कपूर ने बताया कि यह तकनीक अभी तक इटली में इस्तेमाल हो रही है, बाकी और जगह नहीं है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. इसका इस्तेमाल इटली में डॉक्टरों के द्वारा हो रहा है और इसके अच्छे रिजल्ट देखने को मिले हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली में हमारे सेंटर डॉक्टर मोनिशा कपूर एस्थेटिक पर इस तकनीक के द्वारा लोगों का ट्रीटमेंट शुरू किया गया है.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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