Thursday, July 31, 2025

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सर्जरी के लाईव टेलीकास्ट पर अब नहीं चलेगी डॉक्टर-अस्पताल की मनमानी

दिशानिर्देशों के मुताबिक, 'सीधे प्रसारण का उद्देश्य केवल शिक्षा के लिए होना चाहिए, न कि व्यावसायिक लाभ या प्रचार के लिए, शल्य चिकित्सकों को महिमामंडन से बचना चाहिए तथा उनका ध्यान शल्य चिकित्सा तकनीकों और रोगी देखभाल पर होना चाहिए।

नई दिल्ली, 28 जुलाई 2025 (यूटीएन)। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने निर्देश दिया है कि सर्जरी का सीधा प्रसारण ऑपरेशन करने वाले सर्जन, अस्पताल या उत्पाद ब्रांड के प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए और ऐसा करने से पहले मरीज की सहमति अवश्य ली जानी चाहिए। एनएमसी ने सर्जरी के सीधे प्रसारण को विनियमित करने के लिए इस सप्ताह विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये। इसके मुताबिक शल्य चिकित्सकों को ऑपरेशन के दौरान उपयोग किए जाने वाले उपकरणों से वित्तीय या व्यावसायिक हित नहीं साधना चाहिए।
*शिक्षा के लिए होना चाहिए लाइव टेलीकास्ट*
दिशानिर्देशों के मुताबिक, ‘सीधे प्रसारण का उद्देश्य केवल शिक्षा के लिए होना चाहिए, न कि व्यावसायिक लाभ या प्रचार के लिए। शल्य चिकित्सकों को महिमामंडन से बचना चाहिए, तथा उनका ध्यान शल्य चिकित्सा तकनीकों और रोगी देखभाल पर होना चाहिए। इसमें रेखांकित किया गया कि सीधे प्रसारण से जुड़ी जटिलताओं और जोखिमों को कड़े नियमों और बीमा कवरेज के माध्यम से दूर किया जाना चाहिए। एनएमसी ने कहा कि हालांकि सर्जरी का सीधा प्रसारण शिक्षाप्रद हो सकता है, लेकिन यह संवादात्मक या व्यावहारिक प्रशिक्षण के समान गहन शिक्षा प्रदान नहीं कर सकती है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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सर्जरी के लाईव टेलीकास्ट पर अब नहीं चलेगी डॉक्टर-अस्पताल की मनमानी

दिशानिर्देशों के मुताबिक, 'सीधे प्रसारण का उद्देश्य केवल शिक्षा के लिए होना चाहिए, न कि व्यावसायिक लाभ या प्रचार के लिए, शल्य चिकित्सकों को महिमामंडन से बचना चाहिए तथा उनका ध्यान शल्य चिकित्सा तकनीकों और रोगी देखभाल पर होना चाहिए।

नई दिल्ली, 28 जुलाई 2025 (यूटीएन)। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने निर्देश दिया है कि सर्जरी का सीधा प्रसारण ऑपरेशन करने वाले सर्जन, अस्पताल या उत्पाद ब्रांड के प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए और ऐसा करने से पहले मरीज की सहमति अवश्य ली जानी चाहिए। एनएमसी ने सर्जरी के सीधे प्रसारण को विनियमित करने के लिए इस सप्ताह विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये। इसके मुताबिक शल्य चिकित्सकों को ऑपरेशन के दौरान उपयोग किए जाने वाले उपकरणों से वित्तीय या व्यावसायिक हित नहीं साधना चाहिए।
*शिक्षा के लिए होना चाहिए लाइव टेलीकास्ट*
दिशानिर्देशों के मुताबिक, ‘सीधे प्रसारण का उद्देश्य केवल शिक्षा के लिए होना चाहिए, न कि व्यावसायिक लाभ या प्रचार के लिए। शल्य चिकित्सकों को महिमामंडन से बचना चाहिए, तथा उनका ध्यान शल्य चिकित्सा तकनीकों और रोगी देखभाल पर होना चाहिए। इसमें रेखांकित किया गया कि सीधे प्रसारण से जुड़ी जटिलताओं और जोखिमों को कड़े नियमों और बीमा कवरेज के माध्यम से दूर किया जाना चाहिए। एनएमसी ने कहा कि हालांकि सर्जरी का सीधा प्रसारण शिक्षाप्रद हो सकता है, लेकिन यह संवादात्मक या व्यावहारिक प्रशिक्षण के समान गहन शिक्षा प्रदान नहीं कर सकती है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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