नई दिल्ली, 22 मई 2023 (यूटीएन)। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि एक ऐसी पार्टी जो दिल्ली सरकार में किसी विभाग के सचिव से लेकर चपरासी तक के ट्रांसफर का अधिकार अपने सर्विसेज मंत्री के हाथ में रखना चाहती है उसकी महापौर डा. शैली ओबरॉय को नगर निगम में ट्रांसफर पोस्टिंग में ऑनलाइन पारदर्शिता लाने एवं कमेटी बनाने की
बात करते देख दिल्ली वाले स्तब्ध हैं। महापौर की घोषणा में कुछ भी
नया नहीं है, उत्तरी नगर निगम में 2018-19 में तत्कालीन शिक्षा समिति अध्यक्ष रितु गोयल ने शिक्षा विभाग में आनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी लागू कर दी थी तो वहीं दक्षिण निगम के शिक्षा विभाग में आयुक्त महोदय ने 2021-22 में ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी लागू कर दी थी। पूर्वी निगम में मात्र 2 जोन थे इसलिए वहाँ वर्ष में एक बार शिक्षकों को इंटर जोन ट्रांसफर की सुविधा दी जाती थी।
सफाई कर्मचारियों को घर के नजदीक काम की सुविधा दशकों से लागू है। सफाई निरीक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग भी पांच से छह साल में एक बार होती हैं। केवल संवेदनशील विभागों जैसे बिल्डिंग एवं लाइसेंसिंग आदि में ट्रांसफर-पोस्टिंग का कार्य आवश्यकता अनुसार वर्ष में दो
तीन बार निगम आयुक्त द्वारा सतर्कता आयुक्त की संस्तुति पर होता है। अलग-अलग समय पर कांग्रेस, भाजपा एवं आम आदमी पार्टी से जुड़े महापौर, नेता सदन, स्थाई समिति अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष रहे हैं पर शायद ही कभी किसी ने निगम आयुक्त द्वारा किये गये ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आपत्ति की हो। दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा ने कहा है कि महापौर की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर आज की घोषणा
केवल खबरों में बने रहने का प्रयास है क्योंकि नगर निगम में ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार केवल निगम आयुक्त के पास है और यही निगम अधिनियम में लिखा है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |