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गर्मी के मौसम से पहले हरकत में सरकार

गर्मी के मौसम के आने से पहले ही तापमान में बढ़ोतरी के चलते आने वाले महीनों में बिजली कटौती की आंशका जताई जा रही है।

नई दिल्ली, 09 मार्च  2023 (यूटीएन)। गर्मी के मौसम के आने से पहले ही तापमान में बढ़ोतरी के चलते आने वाले महीनों में बिजली कटौती की आंशका जताई जा रही है। ऐसे में लोगों को राहत दिलाने और बिजली कटौती को रोकने के लिए ऊर्जा मंत्रालय हरकत में आ गया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह बिजली कंपनियों से हर हाल में ये सुनिश्चित करने को कहा है कि गर्मियों के मौसम में बिजली कटौती का लोगों को सामना ना करना पड़े। उन्होंने सभी स्टेकहोल्डरों से बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने रेलवे, कोयला और ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों से साथ एक अहम समीक्षा बैठक की है। इस बैठक में उन्होंने आने वाले गर्मी के मौसम खासतौर से अप्रैल और मई 2023 में देश में बिजली उत्पादन और सप्लाई के हालात को लेकर समीक्षा की है। ऊर्जा मंत्रालय ने इस बैठक को लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने सभी स्टेकहोल्डरों से हालात पर करीब से नजर बनाये रखने और आने वाले महीनों में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पहले से कदम उठाने को कहा है। आर के सिंह ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथारिटी से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोयले के आवंटन के लिए निष्पक्ष एवं पारदर्शी व्यवस्था बनाने को कहा है। प्राधिकरण का अनुमान है।
कि इस वर्ष बिजली की सर्वाधिक मांग अप्रैल में 229 गीगावॉट रह सकती है। गर्मी के मौसम में निर्बाध बिजली सप्लाई बनाये रखने के लिए बिजली कंपनियों से कोल-बेस्ट पावर प्लांट में पहले ही मेंटेनेंस का कार्य करने को कहा है जिससे संकट वाले काल में मेंटेनेंस की आवश्यकता ना पड़े। सेक्शन -11 के तहत सभी इंपोर्ट आधारित कोल-बेस्ट पावर प्लांट से 16 मार्च 2023 से अपनी पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन करने को कहा गया है। थर्मल पावर प्लांट पर कोयले की सप्लाई बढ़ाई जाएगी। बैठक में रेलवे बोर्ड के सदस्य ने कोयले के ट्रांसपोर्ट के लिए पर्याप्त संख्या में रैक उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है। रेल मंत्रालय ने कोल इंडिया और जीएसएस के अलग अलग सब्सिडियरी को 418 रैक उपलब्ध कराने को लेकर सहमति दे दी है। साथ ही रैक की संख्या बढ़ाई जाएगी जिससे पर्याप्त कोल स्टॉक पावर प्लांट में रखा जा सके।
पीक-डिमांड के दौरान गैस-बेस्ड पावर से आपूर्ति की जाएगी। ऊर्जा मंत्रालय ने एनटीपीसी से अप्रैल-मई के दौरान 5000 मेगावाट वाले गैस-बेस्ड पावर प्लांट को चालू रखने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त दूसरी गैस-बेस्ड पावर कंपनियां अलग से 4000 मेगावाट बिजली  सप्लाई सुनिश्चित करेंगी। गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया गैस सप्लाई बनाये रखने को भरोसा दिया है। सभी हाइड्रो पावर प्लांट को रीजनल और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर्स के साथ मिलकर उपलब्धता बनाये रखने के लिए कार्य करने को कहा गया है। नए कोल-बेस्ड पावर प्लांट से 2920 मेगावाट की बिजली का उत्पादन इस महीने के आखिर तक चालू हो जाएगा। मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद बरौनी के दो यूनिट (2X110 मेगावॉट) बिजली संकट में समय में उपलब्ध कराई जाएगी।
*इस गर्मी बढ़ सकती है परेशानी*
आने वाले अप्रैल महीने में आपको गर्मी परेशान कर सकती है क्योंकि हो सकता है बिजली कटौती के चलते आपका एसी, कूलर या पंखा रात में ना चल पाये। मार्च के महीने से ही देश में तापमान बढ़ने लगा है। जिससे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि बीते वर्ष के समान इस साल भी बिजली की भारी मांग देखने को मिल सकती है। लेकिन मुश्किल ये कि कोयले से चलते वाले नए पावर प्लांट के जोड़ने में देरी और कम हाइड्रो पावर के उत्पादन में की क्षमता के चलते बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में इस गर्मी के मौसम में दिक्कतें आ सकती है। जिससे लोगों को भारी गर्मी के बीच बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है।
*रात में बिजली कटौती संभव!*
रिपोर्ट के मुताबिक दिन के दौरान सोलर पावर के चलते बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिली है। लेकिन कोल-बेस्ड पावर प्लांट की कमी और हाइड्रो पावर के जरिए बिजली के उत्पादन में कमी के चलते रात के दौरान जब सोलर बिजली उपलब्ध नहीं होता है तब बिजली कटौती का संकट देखने को मिल सकता है। फेडरल ग्रिड रेग्युलेटर ग्रिड कंट्रोलर  ऑफ इंडिया के इंटर्नल रिपोर्ट के मुताबिक नॉन-सोलर समय में आने वाले अप्रैल 2023 में पीक डिमांड के मुकाबले 1.7 फीसदी कम बिजली उपलब्ध होगा।
अप्रैल के महीने में रात में 217 गीगावाट बिजली की मांग देखने को मिली सकती है जो बीते वर्ष अप्रैल 2022 के मुकाबले 6.4 फीसदी ज्यादा है। ऐसे में इस गर्मी के मौसम में बिजली का संकट देखने को मिल सकता है। कोयला, न्यूक्लियर और गैस के जरिए होने वाले बिजली उत्पादन से रात के समय में कुल डिमांड की 83 फीसदी बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी। बाकी बचे बिजली सप्लाई करने हाइड्रो पावर प्लांट की बड़ी भूमिका होगी। हालांकि ग्रिड इंडिया ने भविष्यवाणी की है कि इस अप्रैल में बीते वर्ष अप्रैल के मुकाबले हाइड्रो पावर के जरिए 18 फीसदी कम बिजली की सप्लाई देखने को मिल सकती है।
*पावर प्लांट के कंस्ट्रक्शन में देरी* 
दरअसल मांग-आपूर्ति में भारी अंतर के लिए कोल-बेस्ट पावर प्लांट के कंस्ट्रक्शन में देरी है। सेंट्रल इलेक्ट्रसिटी अथॉरिटी के डाटा के मुताबिक 16.8 गीगावाट की क्षमता वाले 26 कोल-बेस्ड पावर प्लांट का कंस्ट्रक्शन एक साल की देरी से चल रहा है। तो कुछ पावर प्लांट ऐसे भी हैं जिनके तैयार होने में 10 साल से ज्यादा की देरी हो चुकी है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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