Tuesday, October 7, 2025

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एएसएलआई एजिंग फेस्ट: वरिष्ठ नागरिकों ने जब रैंप पर कदम रखा तो दिखा गज़ब का आत्मविश्वास

60 वर्ष के बाद का जीवन केवल वर्षों को जोड़ने के बारे में नहीं है, बल्कि उन वर्षों को ऊर्जा, आनंद और सार्थकता से जीने के बारे में है।

नई दिल्ली, 25 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। एसोसिएशन ऑफ सीनियर लिविंग इंडिया द्वारा आयोजित छठे एजिंग फेस्ट का मुख्य आकर्षण रहा वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीनियर्स फैशन शो वरिष्ठ नागरिकों ने जब रैंप पर कदम रखा तो एसोसिएशन ऑफ सीनियर लिविंग इंडिया ने दोहराया कि उम्र बढ़ना धीमा होने का संकेत नहीं, बल्कि जीवन को और गहराई से जीने, रिश्तों को मजबूत करने और बिना किसी हिचक के अपनी अभिव्यक्ति का उत्सव मनाने का नाम है।  एएसएलआई द्वारा आयोजित इस शाम को  जब 60 वर्ष की उम्र को पार कर चुके बुजुर्ग महिला -पुरुषों ने जब रैंप वॉक किया तो समाज को एक सशक्त संदेश दिया: 60 वर्ष के बाद का जीवन केवल वर्षों को जोड़ने के बारे में नहीं है, बल्कि उन वर्षों को ऊर्जा, आनंद और सार्थकता से जीने के बारे में है। यह किसी वापसी का अध्याय नहीं, बल्कि एक नवीन शुरुआत का अवसर है नए अनुभव गढ़ने, व्यक्तित्व को आत्मविश्वास और गरिमा के साथ प्रदर्शित करने का मंच। जीवन के उत्तरार्ध को गरिमा, रचनात्मकता और उद्देश्य की यात्रा के रूप में पेश किया।
*परंपरा और आधुनिकता का संगम*
इस वर्ष का थीम महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित था, जिसे हॉट कूचर और प्रगतिशील डिज़ाइन के साथ नए रूप में प्रस्तुत किया गया। महिलाओं ने मंच को मेट गाला-प्रेरित लुक्स से रोशन किया, जिसमें परंपरा की शाश्वत छवि और आधुनिक सौंदर्यशास्त्र का अनूठा संगम दिखा। पुरुषों ने भी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई मोर पंखों की बोल्ड डिजिटल प्रिंट्स वाले परिधानों के साथ, ऐतिहासिक पेशवा पगड़ी से प्रेरित हेडगियर पहनकर जो विरासत और आधुनिक परिष्कार का सुंदर मेल था।
*जश्न और पुनर्नवाचार की भावना*
पुनर्नवाचार की इस भावना को आगे बढ़ाया परांजपे स्कीम्स ने, जो सीनियर्स फैशन शो के गर्वित प्रायोजक रहे। इस शाम की खासियत रहे  शशांक परांजपे, जिनकी उपस्थिति ने संगठन की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि बुढ़ापा आत्मविश्वास, अवसर और गरिमा से भरे जीवन का चरण है। एसोसिएशन ऑफ सीनियर लिविंग इंडिया और साझेदारों ने मिलकर भारत में एक समावेशी समाज के निर्माण की बढ़ती हुई मुहिम को मजबूती दी ऐसा समाज जो अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करे, उन्हें सशक्त बनाए और उनके जीवन का उत्सव मनाए।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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एएसएलआई एजिंग फेस्ट: वरिष्ठ नागरिकों ने जब रैंप पर कदम रखा तो दिखा गज़ब का आत्मविश्वास

60 वर्ष के बाद का जीवन केवल वर्षों को जोड़ने के बारे में नहीं है, बल्कि उन वर्षों को ऊर्जा, आनंद और सार्थकता से जीने के बारे में है।

नई दिल्ली, 25 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। एसोसिएशन ऑफ सीनियर लिविंग इंडिया द्वारा आयोजित छठे एजिंग फेस्ट का मुख्य आकर्षण रहा वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीनियर्स फैशन शो वरिष्ठ नागरिकों ने जब रैंप पर कदम रखा तो एसोसिएशन ऑफ सीनियर लिविंग इंडिया ने दोहराया कि उम्र बढ़ना धीमा होने का संकेत नहीं, बल्कि जीवन को और गहराई से जीने, रिश्तों को मजबूत करने और बिना किसी हिचक के अपनी अभिव्यक्ति का उत्सव मनाने का नाम है।  एएसएलआई द्वारा आयोजित इस शाम को  जब 60 वर्ष की उम्र को पार कर चुके बुजुर्ग महिला -पुरुषों ने जब रैंप वॉक किया तो समाज को एक सशक्त संदेश दिया: 60 वर्ष के बाद का जीवन केवल वर्षों को जोड़ने के बारे में नहीं है, बल्कि उन वर्षों को ऊर्जा, आनंद और सार्थकता से जीने के बारे में है। यह किसी वापसी का अध्याय नहीं, बल्कि एक नवीन शुरुआत का अवसर है नए अनुभव गढ़ने, व्यक्तित्व को आत्मविश्वास और गरिमा के साथ प्रदर्शित करने का मंच। जीवन के उत्तरार्ध को गरिमा, रचनात्मकता और उद्देश्य की यात्रा के रूप में पेश किया।
*परंपरा और आधुनिकता का संगम*
इस वर्ष का थीम महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित था, जिसे हॉट कूचर और प्रगतिशील डिज़ाइन के साथ नए रूप में प्रस्तुत किया गया। महिलाओं ने मंच को मेट गाला-प्रेरित लुक्स से रोशन किया, जिसमें परंपरा की शाश्वत छवि और आधुनिक सौंदर्यशास्त्र का अनूठा संगम दिखा। पुरुषों ने भी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई मोर पंखों की बोल्ड डिजिटल प्रिंट्स वाले परिधानों के साथ, ऐतिहासिक पेशवा पगड़ी से प्रेरित हेडगियर पहनकर जो विरासत और आधुनिक परिष्कार का सुंदर मेल था।
*जश्न और पुनर्नवाचार की भावना*
पुनर्नवाचार की इस भावना को आगे बढ़ाया परांजपे स्कीम्स ने, जो सीनियर्स फैशन शो के गर्वित प्रायोजक रहे। इस शाम की खासियत रहे  शशांक परांजपे, जिनकी उपस्थिति ने संगठन की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि बुढ़ापा आत्मविश्वास, अवसर और गरिमा से भरे जीवन का चरण है। एसोसिएशन ऑफ सीनियर लिविंग इंडिया और साझेदारों ने मिलकर भारत में एक समावेशी समाज के निर्माण की बढ़ती हुई मुहिम को मजबूती दी ऐसा समाज जो अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करे, उन्हें सशक्त बनाए और उनके जीवन का उत्सव मनाए।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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