Thursday, July 31, 2025

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स्कूलों के विलयन पर अधिवक्ता आक्रोशित, बच्चों की शिक्षा के कानूनी अधिकार की रक्षा हेतु लिया संकल्प

जनपद के न्यायालय परिसर में एड रासिद तस्लीम के चैंबर पर यूपी सरकार के प्राथमिक विद्यालय बंद करने के निर्णय के विरोध में एक बैठक हुई, जिसमें अधिवक्ताओं ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया।

बागपत, 17 जुलाई 2025 (यूटीएन)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पांच हजार स्कूलों की बंदी अथवा विलयन के निर्णय से जहां बच्चों और अभिभावकों के आगे परेशानी आ गई है, वहीं बेरोजगार प्रशिक्षित युवाओं की उम्मीदें भी टूटती नजर आने लगी हैं। इसबीच सत्ता पक्ष के कुछ नेता गण इस निर्णय पर दबी जुबान से आफ द रिकॉर्ड बतिया रहे हैं वहीं विरोधी खेमा खुलकर विरोध कर रहा है।

इसी कड़ी में वकीलों ने भी सरकार के निर्णय को सही नहींं बताते हुए बैठक का आयोजन भी किया। जनपद के न्यायालय परिसर में एड रासिद तस्लीम के चैंबर पर यूपी सरकार के प्राथमिक विद्यालय बंद करने के निर्णय के विरोध में एक बैठक हुई, जिसमें अधिवक्ताओं ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया।

एड महेश रंगा ने कहा कि, यूपी सरकार ने शराब के ठेकों की संख्या में वृद्धि की है, लेकिन स्कूलों को बंद कर रही है। एड फिरोज ने शिक्षा के निजीकरण पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि, इससे गरीब मजदूरों के बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी।

एड हर्ष वशिष्ठ व तेजपाल भाटी ने कहा कि, अच्छी और मुफ्त शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। उन्होंने इसे शिक्षा विरोधी निर्णय की संज्ञा दी और कहा,सरकार इस शिक्षा विरोधी निर्णय को वापस ले। अधिवक्ताओं ने बच्चों के शिक्षा के कानूनी अधिकार की रक्षा का संकल्प लिया।

बैठक की अध्यक्षता जिला बार के पूर्व अध्यक्ष सोमेन्द्र ढाका ने की। संचालन एड समोद पंवार ने किया। बैठक में आरिफ, सुरजीत अजित, अजय वर्मा, गिरीश, नेत्रपाल सहित कई अधिवक्ता मौजूद रहे।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

International

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स्कूलों के विलयन पर अधिवक्ता आक्रोशित, बच्चों की शिक्षा के कानूनी अधिकार की रक्षा हेतु लिया संकल्प

जनपद के न्यायालय परिसर में एड रासिद तस्लीम के चैंबर पर यूपी सरकार के प्राथमिक विद्यालय बंद करने के निर्णय के विरोध में एक बैठक हुई, जिसमें अधिवक्ताओं ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया।

बागपत, 17 जुलाई 2025 (यूटीएन)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पांच हजार स्कूलों की बंदी अथवा विलयन के निर्णय से जहां बच्चों और अभिभावकों के आगे परेशानी आ गई है, वहीं बेरोजगार प्रशिक्षित युवाओं की उम्मीदें भी टूटती नजर आने लगी हैं। इसबीच सत्ता पक्ष के कुछ नेता गण इस निर्णय पर दबी जुबान से आफ द रिकॉर्ड बतिया रहे हैं वहीं विरोधी खेमा खुलकर विरोध कर रहा है।

इसी कड़ी में वकीलों ने भी सरकार के निर्णय को सही नहींं बताते हुए बैठक का आयोजन भी किया। जनपद के न्यायालय परिसर में एड रासिद तस्लीम के चैंबर पर यूपी सरकार के प्राथमिक विद्यालय बंद करने के निर्णय के विरोध में एक बैठक हुई, जिसमें अधिवक्ताओं ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया।

एड महेश रंगा ने कहा कि, यूपी सरकार ने शराब के ठेकों की संख्या में वृद्धि की है, लेकिन स्कूलों को बंद कर रही है। एड फिरोज ने शिक्षा के निजीकरण पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि, इससे गरीब मजदूरों के बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी।

एड हर्ष वशिष्ठ व तेजपाल भाटी ने कहा कि, अच्छी और मुफ्त शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। उन्होंने इसे शिक्षा विरोधी निर्णय की संज्ञा दी और कहा,सरकार इस शिक्षा विरोधी निर्णय को वापस ले। अधिवक्ताओं ने बच्चों के शिक्षा के कानूनी अधिकार की रक्षा का संकल्प लिया।

बैठक की अध्यक्षता जिला बार के पूर्व अध्यक्ष सोमेन्द्र ढाका ने की। संचालन एड समोद पंवार ने किया। बैठक में आरिफ, सुरजीत अजित, अजय वर्मा, गिरीश, नेत्रपाल सहित कई अधिवक्ता मौजूद रहे।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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