बागपत, 12 जुलाई 2025 (यूटीएन)। बेसिक ही नह देर सबेर अब राजकीय हाईस्कूल व इंटर के जीआईसी में भी छात्रों के कम रजिस्ट्रेशन पर सरकार की सख्त निगाह हो सकती है और विलय तक का कठोर निर्णय भी लिया जा सकता है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ और प्रयागराज स्थित माध्यमिक शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि, फिलहाल सरकार की ओर से कोई दिशा निर्देश तो नहीं दिए गए है, लेकिन तमाम कवायद व सुविधाओं के बाद भी बड़ी संख्या में जीआईसी में विद्यार्थियों को आकर्षित करने में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है।
गत शुक्रवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने प्रदेश के सभी डीआईओएस व संयुक्त निदेशक आदि की ऑनलाइन बैठक में नामांकन बढ़ाने के निर्देश दिए हैंं, उनका यह निर्देश भी खतरे को भांपकर शिक्षकों को जागरूक करने की दिशा में अग्रिम कदम माना जा रहा है। वहीं शिक्षा विभाग की ओर से हाल में जारी आंकड़ों के अनुसार यू-डायस डाटा 2023-24 के अनुसार प्रदेश के 436 राजकीय हाईस्कूलों में 50 से कम छात्रों के नामांकन हैं। दूसरी ओर 189 राजकीय इंटर कॉलेज ऐसे हैं।
जहां 100 से कम छात्रों के नामांकन हैं, साप्ताहिक बैठकों आयोजित करें, बढाएं नामांकन इस संबंध में महानिदेशक कंचन वर्मा ने निर्देश दिए कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए मंडल स्तर के अधिकारी, सभी डीआईओएस अपने यहां प्रधानाचार्यों व प्रधानाध्यापकों की बैठक कर इसके लिए रणनीति तैयार करें। कक्षा आठ व दस के सभी विद्यार्थियों का नामांकन सुनिश्चित कराएं। इसके लिए हर सप्ताह बैठक करें। मानना है कि, यदि छात्र- छात्राओं का पंजीकरण बढ़ा या अपेक्षित सुधार हुआ तो विलयन जैसी नीति पर विचार नहींं होगा।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |