Wednesday, July 30, 2025

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छठी के केवल 53 फीसदी छात्र ही जानते हैं 10 तक का पहाड़ा

गणित विषय में सरकारी और निजी स्कूलों के विद्यार्थी पिछड़ रहे हैं, शिक्षा मंत्रालय के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि छठी के केवल 53 फीसदी विद्यार्थियों को ही 10 तक का पहाड़ा आता है।

नई दिल्ली, 09 जुलाई 2025 (यूटीएन)। गणित विषय में सरकारी और निजी स्कूलों के विद्यार्थी पिछड़ रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि छठी के केवल 53 फीसदी विद्यार्थियों को ही 10 तक का पहाड़ा आता है। वहीं, कक्षा तीन के केवल 55 फीसदी विद्यार्थियों को ही एक से 99 तक की संख्या को घटते और बढ़ते हुए क्रम में लिखने का ज्ञान है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के समग्र विकास के लिए ज्ञान का प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और विश्लेषण पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण (परख) के तहत पिछले साल दिसंबर में 21,15,022 विद्यार्थियों का सर्वे किया गया था। इस सर्वेक्षण में 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 781 जिलों के 74,229 सरकारी और निजी स्कूलों को शामिल किया गया था। यह सर्वे तीसरी, छठी और नौवीं के विद्यार्थियों को लेकर किया गया था। सर्वे में तीनों कक्षाओं के 21,15,022 बच्चों का मूल्यांकन किया गया।
जबकि 2,70,424 शिक्षकों ने प्रश्नावलियों के जवाब दिए। रिपोर्ट के मुताबिक तीसरी कक्षा के 55 फीसदी विद्यार्थी ही 99 तक के अंकों को घटते और बढ़ते क्रम में लिख सकते हैं। जबकि 58 फीसदी दो अंकों के जोड़ और घटाव का हल कर सकते हैं। वहीं, छठी कक्षा के केवल 53 फीसदी बच्चे ही अंकगणित की क्रियाओं को समझने के साथ-साथ जोड़ व गुणा को समझ सकते हैं। कक्ष 6 में ही भाषा और गणित के अलावा  द वर्ल्ड अराउंड अस् को शामिल किया गया है।
*सबसे कम गणित में 46 फीसदी अंक मिले*
विद्यार्थियों को गणित में सबसे कम 46 फीसदी, जबकि भाषा में 57 फीसदी और वर्ल्ड अराउंड अस में 49 फीसदी अंक प्राप्त हुए। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार 50 फीसदी से कम छात्रों के सही जवाब देने से उनके सीखने की क्षमता में अंतर का साफ पता चलता है।
*केवी के नौवीं के छात्रों का शानदार प्रदर्शन*
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कक्षा छह के विद्यार्थियों के मामले में सरकारी सहायता प्राप्त और सरकारी स्कूलों में खासकर गणित में खराब प्रदर्शन देखने को मिले हैं। वहीं, कक्षा 9 के केंद्रीय विद्यालयों के विद्यार्थियों का सभी विषयों में सबसे शानदार प्रदर्शन रहा है। खासकर भाषा में ये सबसे आगे रहे। वहीं, निजी स्कूलों के विद्यार्थियों ने विज्ञान और समाज विज्ञान में अच्छा प्रदर्शन किया पर गणित में इनका प्रदर्शन कमजोर रहा। कक्षा 3 के मामले में केवी के छात्रों ने गणित में सबसे खराब प्रदर्शन किया है।
*सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के नतीजे भी एक जैसे*
सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के नतीजे भी एक जैसे ही रहे, लेकिन गणित में प्रदर्शन सबसे खराब रहा। हालांकि भाषा के मामले में सभी स्कूलों का बेहतरीन प्रदर्शन रहा। सर्वे में ग्रामीण और शहरी स्कूलों के परिणामों पर भी गौर किया गया है। इसमें ग्रामीण इलाकों के कक्षा तीन के विद्यार्थियों ने गणित और भाषा में बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि शहरी क्षेत्रों के छठी और नौवीं के विद्यार्थियों ने ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को सभी विषयों में पछाड़ दिया।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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छठी के केवल 53 फीसदी छात्र ही जानते हैं 10 तक का पहाड़ा

गणित विषय में सरकारी और निजी स्कूलों के विद्यार्थी पिछड़ रहे हैं, शिक्षा मंत्रालय के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि छठी के केवल 53 फीसदी विद्यार्थियों को ही 10 तक का पहाड़ा आता है।

नई दिल्ली, 09 जुलाई 2025 (यूटीएन)। गणित विषय में सरकारी और निजी स्कूलों के विद्यार्थी पिछड़ रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि छठी के केवल 53 फीसदी विद्यार्थियों को ही 10 तक का पहाड़ा आता है। वहीं, कक्षा तीन के केवल 55 फीसदी विद्यार्थियों को ही एक से 99 तक की संख्या को घटते और बढ़ते हुए क्रम में लिखने का ज्ञान है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के समग्र विकास के लिए ज्ञान का प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और विश्लेषण पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण (परख) के तहत पिछले साल दिसंबर में 21,15,022 विद्यार्थियों का सर्वे किया गया था। इस सर्वेक्षण में 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 781 जिलों के 74,229 सरकारी और निजी स्कूलों को शामिल किया गया था। यह सर्वे तीसरी, छठी और नौवीं के विद्यार्थियों को लेकर किया गया था। सर्वे में तीनों कक्षाओं के 21,15,022 बच्चों का मूल्यांकन किया गया।
जबकि 2,70,424 शिक्षकों ने प्रश्नावलियों के जवाब दिए। रिपोर्ट के मुताबिक तीसरी कक्षा के 55 फीसदी विद्यार्थी ही 99 तक के अंकों को घटते और बढ़ते क्रम में लिख सकते हैं। जबकि 58 फीसदी दो अंकों के जोड़ और घटाव का हल कर सकते हैं। वहीं, छठी कक्षा के केवल 53 फीसदी बच्चे ही अंकगणित की क्रियाओं को समझने के साथ-साथ जोड़ व गुणा को समझ सकते हैं। कक्ष 6 में ही भाषा और गणित के अलावा  द वर्ल्ड अराउंड अस् को शामिल किया गया है।
*सबसे कम गणित में 46 फीसदी अंक मिले*
विद्यार्थियों को गणित में सबसे कम 46 फीसदी, जबकि भाषा में 57 फीसदी और वर्ल्ड अराउंड अस में 49 फीसदी अंक प्राप्त हुए। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार 50 फीसदी से कम छात्रों के सही जवाब देने से उनके सीखने की क्षमता में अंतर का साफ पता चलता है।
*केवी के नौवीं के छात्रों का शानदार प्रदर्शन*
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कक्षा छह के विद्यार्थियों के मामले में सरकारी सहायता प्राप्त और सरकारी स्कूलों में खासकर गणित में खराब प्रदर्शन देखने को मिले हैं। वहीं, कक्षा 9 के केंद्रीय विद्यालयों के विद्यार्थियों का सभी विषयों में सबसे शानदार प्रदर्शन रहा है। खासकर भाषा में ये सबसे आगे रहे। वहीं, निजी स्कूलों के विद्यार्थियों ने विज्ञान और समाज विज्ञान में अच्छा प्रदर्शन किया पर गणित में इनका प्रदर्शन कमजोर रहा। कक्षा 3 के मामले में केवी के छात्रों ने गणित में सबसे खराब प्रदर्शन किया है।
*सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के नतीजे भी एक जैसे*
सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के नतीजे भी एक जैसे ही रहे, लेकिन गणित में प्रदर्शन सबसे खराब रहा। हालांकि भाषा के मामले में सभी स्कूलों का बेहतरीन प्रदर्शन रहा। सर्वे में ग्रामीण और शहरी स्कूलों के परिणामों पर भी गौर किया गया है। इसमें ग्रामीण इलाकों के कक्षा तीन के विद्यार्थियों ने गणित और भाषा में बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि शहरी क्षेत्रों के छठी और नौवीं के विद्यार्थियों ने ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को सभी विषयों में पछाड़ दिया।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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