Wednesday, March 12, 2025

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मीतली रजवाहे की पटरी टूटी, डेढ सौ बीघा फसलें जलमग्न, क्षतिपूर्ति की मांग

खेकड़ा, 06 मार्च 2025 (यूटीएन)। मीतली रजवाहे की पटरी टूटने से नगर के आधा दर्जन से अधिक किसानों को गेहूं व ईख की फसलें हुई जलमग्न।गेहूं की फसल के जलमग्न होने से भारी नुकसान का अनुमान तो दूसरी ओर गन्ना डालने के लिए आई मिल की पर्ची हेतु खेतों में कटाई करना हुआ मुश्किल। गत देर रात्रि पानी के तेज बहाव से मीतली रजवाहे की पटरी अचानक टूट गई। जिससे आसपास के खेतों की लगभग 150 बीघा फसलें पानी से लबालब हो गई। किसानों का कहना है कि पानी सूखने में कई दिन लगेंगे, जिससे भारी नुकसान होगा।
दूसरी ओर किसान हरेंद्र ने बताया कि हर बार पटरी टूट जाती है, लेकिन मरम्मत नहीँ कराई जाती जिससे किसानों को फसलों की तबाही देखने को मजबूर होना पडता है। बताया कि प्रभावित किसानों में जयपाल, महेश, सुधीर, प्रमोद, आजाद, सुखबीर, नीरज व देवेंद्र आदि शामिल हैं जिनकी लगभग 150 बीघा फसल जलमग्न हैं। बताया कि रात में ही स्थानीय लोगों ने मिलकर पटरी की मरम्मत का प्रयास किया, लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण वे सफल नहीं हो पाए। किसानों का आरोप है कि एसडीओ और अवर अभियंता रजवाहे की नियमित जांच नहीं करते, तभी यह मंजर बार बार देखने को मजबूर हैं।फसलों की जलमग्न स्थिति को देख किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

International

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मीतली रजवाहे की पटरी टूटी, डेढ सौ बीघा फसलें जलमग्न, क्षतिपूर्ति की मांग

खेकड़ा, 06 मार्च 2025 (यूटीएन)। मीतली रजवाहे की पटरी टूटने से नगर के आधा दर्जन से अधिक किसानों को गेहूं व ईख की फसलें हुई जलमग्न।गेहूं की फसल के जलमग्न होने से भारी नुकसान का अनुमान तो दूसरी ओर गन्ना डालने के लिए आई मिल की पर्ची हेतु खेतों में कटाई करना हुआ मुश्किल। गत देर रात्रि पानी के तेज बहाव से मीतली रजवाहे की पटरी अचानक टूट गई। जिससे आसपास के खेतों की लगभग 150 बीघा फसलें पानी से लबालब हो गई। किसानों का कहना है कि पानी सूखने में कई दिन लगेंगे, जिससे भारी नुकसान होगा।
दूसरी ओर किसान हरेंद्र ने बताया कि हर बार पटरी टूट जाती है, लेकिन मरम्मत नहीँ कराई जाती जिससे किसानों को फसलों की तबाही देखने को मजबूर होना पडता है। बताया कि प्रभावित किसानों में जयपाल, महेश, सुधीर, प्रमोद, आजाद, सुखबीर, नीरज व देवेंद्र आदि शामिल हैं जिनकी लगभग 150 बीघा फसल जलमग्न हैं। बताया कि रात में ही स्थानीय लोगों ने मिलकर पटरी की मरम्मत का प्रयास किया, लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण वे सफल नहीं हो पाए। किसानों का आरोप है कि एसडीओ और अवर अभियंता रजवाहे की नियमित जांच नहीं करते, तभी यह मंजर बार बार देखने को मजबूर हैं।फसलों की जलमग्न स्थिति को देख किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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