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दिल्ली की लाइफ लाइन यमुना को बचाने के लिए डेढ़ लाख लोगों ने बनाई मानव शृंखला

यमनोत्री से यमुना जब निकलती है तो यमुना का जल अमृत समान होता है लेकिन दिल्ली तक आते-आते इसका पानी पीने लायक तक नहीं रह जाता.

नई दिल्ली, 05 जून 2023 (यूटीएन)। यमनोत्री से यमुना जब निकलती है तो यमुना का जल अमृत समान होता है लेकिन दिल्ली तक आते-आते इसका पानी पीने लायक तक नहीं रह जाता. इसे बचाने के लिए मानव शृंखला बनाई गई.
दिल्ली की लाइफ लाइन यमुना को बचाने के लिए अब दिल्ली के लोग खुद पहल कर रहे हैं. 4 जून 2023 को यमुना संसद के माध्यम से एक आंदोलन की शुरुआत की गई. इसमें दिल्ली ही नहीं देश के लाखों लोगों ने भाग लिया.
*18 सौ से अधिक संस्थाएं हुईं शामिल*
यमुना संसद में 18 सौ से अधिक संस्थाएं शामिल हुईं. स्कूलों के बच्चों से लेकर किसान, दिल्ली के व्यापारी व्यापारी, धर्मगुरु, नेता, पत्रकार, समाजसेवी सहित लाखों लोग यमुना के घाटों पर एकत्रित हुए. वजीराबाद से लेकर कालिंदी कुंज तक मानव शृंखला का निर्माण किया. यमुना संसद से जुड़े एक लाख से ज्यादा लोगों ने पूरी दिल्ली में मानव शृंखला बनाई और यमुना के प्रति जागरूकता अभियान चलाया. लोगों को यमुना का महत्व बताया.
यमुना संसद के आयोजन के लिए वजीराबाद जहां से यमुना दिल्ली में प्रवेश करती है और कालिंदी कुंज तक जहां से यमुना दिल्ली से उत्तर प्रदेश के लिए प्रस्थान करती है के बीच के जगहों का चयन किया गया था. वजीराबाद, उस्मानपुर, पुराने लोहे का पुल, गीता कॉलोनी, आईटीओ, निजामुद्दीन, डीएनडी, कालिंदी कुंज दिल्ली कि इन आठ जगहों पर करीब डेढ़ लाख लोग इकट्ठा हुए और 22 किलोमीटर तक मानव शृंखला का निर्माण किया.  दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा एवं दिल्ली की जनता का मांगा समर्थन  यमुना संसद में आईटीओ घाट के पास दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा भी शामिल हुए.
गोपाल राय ने दिल्ली की जनता का समर्थन मांगा. उन्होंने कहा कि हर किसी को यमुना के संरक्षण के लिए अपना योगदान देना चहिए. यमुना को मां का दर्जा देते हुए रविवार को दिल्ली वासी सड़कों पर उतर आए और यमुना संसद के माध्यम से यमुना में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए जागरूकता फैलाने का एक प्रयास किया.आज दिल्ली के हजारों कार्यकर्ताओं एवं सामाजिक, व्यापारिक और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ यमुना संसद द्वारा आयोजित यमुना मानव श्रृंखला कार्यक्रम में सम्मलित हुए एवं यमुना सफाई -पूजन का संकल्प दोहराया। यमुना सफाई आदि के भव्य कार्यक्रम के तहत आई.टी.ओ. छठ घाट पर लम्बी मानव श्रृंखला बनाकर यमुना जी को स्वच्छ बनाने का संदेश दिया
और साथ ही यमुना किनारे आरती कर यमुना को निरंतर स्वच्छ रखने का संकल्प लिया। इस मौके पर जैन आचार्य मुनि लोकेश, राष्ट्रीय चिंतक गोविंदाचार्य, यमुना संसद के संयोजक रवि तिवारी, मनोनीत पार्षद मनोज जैन, अशोक उपाध्याय सहित अनेक साधू संत एवं भारी संख्या में अन्य गणमान्य उपस्थित थे।  वहीं नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी कालिंदी कुंज यमुना घाट पर आयोजित मानव श्रृंखला में सम्मिलित हुये और यमुना को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि हम दिल्ली के लोग अपनी जरूरत का करीब 70 फीसदी पानी यमुना से लेते हैं और दिल्ली की पूरी गंदगी यमुना में डाल देते हैं, तभी यमुना यहां खत्म होने के करीब, मृतप्राय हो गई है और यह पीड़ादायक है।
सचदेवा ने सभी को आगे आकर यमुना सफाई की मुहिम में साथ जुड़ने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि लाखों दिल्लीवासियों की जीवनरेखा यमुना आज खतरे में है और हम सब की जिम्मेदारी है कि एक दूसरे का हाथ पकड़कर यमुना की सफाई के लिए एक साथ चले और नाले में बदलती यमुना को फिर से साफ-सूथरा और अविरल यमुना बनायें।
वीरेन्द्र सचदेवा ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा यमुना सफाई का मोर्चा सम्भालने की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली वाले उपराज्यपाल द्वारा यमुना किनारे साफ कराये गये स्थानों पर नियमित चर्चा करें और सामाजिक संस्थाऐं वहाँ पिकनिक आदि रख लोगों को यमुना सफाई का महत्व समझायें।
*आजतक नहीं निकला समाधान*
राजधानी दिल्ली में लोगों का जीवन यमुना नदी पर निर्भर करता है लेकीन दिल्ली तक पहुंचते-पहुंचते यमुना अपना निर्मल स्वरूप खो देती है. यमनोत्री से यमुना जब निकलती है तो यमुना का जल अमृत समान होता है लेकिन दिल्ली तक आते-आते यमुना का पानी पीने लायक तक नहीं रह जाता. यमुना के दूषित होने के कारण तो बहुत हैं लेकीन समाधान अभी तक सामने नहीं आए हैं. दिल्ली में कई सरकारें आईं और गईं यमुना की सफाई हमेशा अहम राजनीतिक मुद्दा रहा लेकिन कोई भी सरकार यमुना को साफ करने में सफल नहीं हो पाई.
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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