Thursday, April 24, 2025

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कहरका में विवादित जमीन पर फसल काटने का आरोप ,समझौते के बाद भी तीन किसानों पर कार्रवाई की मांग

16 अप्रैल को कोर्ट में अगली सुनवाई तक कोई भी पक्ष जमीन की फसल नहीं काटेगा,लेकिन ग्राम प्रधान सुनीता का आरोप है कि,इसके बावजूद 11 अप्रैल को तीन किसानों ने फसल काट डाली और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी।

खेकड़ा,14 अप्रैल 2025 (यूटीएन)। कहरका गांव में ग्राम समाज की विवादित भूमि को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। ग्राम प्रधान ने तीन किसानों पर समझौते का उल्लंघन करते हुए फसल काटने का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी है। कहरका में ग्राम समाज की इस भूमि को लेकर वर्ष 1998 में ग्राम सभा द्वारा भूमिहीन किसानों को पट्टे आवंटित किए गए थे।
इसके विरोध में कुछ ग्रामीणों ने न्यायालय में याचिका दायर कर दी, जिसके चलते यह मामला मेरठ और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। सितंबर 2024 में प्रशासन ने उक्त भूमि को कब्जा मुक्त कराकर ग्राम प्रधान सुनीता के सुपुर्द कर दिया था। बावजूद इसके, कुछ किसानों ने जमीन पर दोबारा फसल बो दी।
10 अप्रैल को जब प्रशासनिक टीम फसल काटने पहुंची, तो किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए धरना शुरू कर दिया। विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ कि, 16 अप्रैल को कोर्ट में अगली सुनवाई तक कोई भी पक्ष जमीन की फसल नहीं काटेगा,लेकिन ग्राम प्रधान सुनीता का आरोप है कि,
इसके बावजूद 11 अप्रैल को तीन किसानों ने फसल काट डाली और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी। ग्राम प्रधान ने तीनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए थाने में तहरीर दी है।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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कहरका में विवादित जमीन पर फसल काटने का आरोप ,समझौते के बाद भी तीन किसानों पर कार्रवाई की मांग

16 अप्रैल को कोर्ट में अगली सुनवाई तक कोई भी पक्ष जमीन की फसल नहीं काटेगा,लेकिन ग्राम प्रधान सुनीता का आरोप है कि,इसके बावजूद 11 अप्रैल को तीन किसानों ने फसल काट डाली और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी।

खेकड़ा,14 अप्रैल 2025 (यूटीएन)। कहरका गांव में ग्राम समाज की विवादित भूमि को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। ग्राम प्रधान ने तीन किसानों पर समझौते का उल्लंघन करते हुए फसल काटने का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी है। कहरका में ग्राम समाज की इस भूमि को लेकर वर्ष 1998 में ग्राम सभा द्वारा भूमिहीन किसानों को पट्टे आवंटित किए गए थे।
इसके विरोध में कुछ ग्रामीणों ने न्यायालय में याचिका दायर कर दी, जिसके चलते यह मामला मेरठ और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। सितंबर 2024 में प्रशासन ने उक्त भूमि को कब्जा मुक्त कराकर ग्राम प्रधान सुनीता के सुपुर्द कर दिया था। बावजूद इसके, कुछ किसानों ने जमीन पर दोबारा फसल बो दी।
10 अप्रैल को जब प्रशासनिक टीम फसल काटने पहुंची, तो किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए धरना शुरू कर दिया। विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ कि, 16 अप्रैल को कोर्ट में अगली सुनवाई तक कोई भी पक्ष जमीन की फसल नहीं काटेगा,लेकिन ग्राम प्रधान सुनीता का आरोप है कि,
इसके बावजूद 11 अप्रैल को तीन किसानों ने फसल काट डाली और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी। ग्राम प्रधान ने तीनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए थाने में तहरीर दी है।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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