उत्तर प्रदेश, 22 मार्च 2025 (यूटीएन)। आजमगढ़ जिले के सागर जिले की साइबर पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सात ठगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक एसपी हेमराज मीना ने बताया कि बनारस जिले में छापेमारी के दौरान करीब सात लोग मिले। एसपी ने बताया कि ये पहाड़पुर में किराए के मकान से कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। इनके सभी खातों की जांच की गई तो पता चला कि इन लोगों ने 208 खाते खोल रखे थे। पिछले छह माह में इनमें 95 करोड़ का लेन-देन हुआ है। इनके सभी खाते सीज कर दिए गए हैं। एक करोड़ की रकम फ्रीज कर दी गई है। ये लोग काफी दिनों से काम कर रहे थे। पहले ये आजमगढ़ में थे।
जब यहां छापेमारी हुई तो इनके बाकी सदस्य बनारस से शिफ्ट हो चुके थे। वहां ये क्रिकेट बज़ के नाम से ऑनलाइन गेम संचालित कर रहे थे, जिसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया के जरिए लोगों को गेम खिलवाया जाता था इनका सरगना अभी पकड़ा जाना बाकी है। ये लोग अपने उच्चकों को भी नहीं जानते हैं। हमारी टीम इनकी तलाश कर रही है। जो लोग पकड़े गए हैं उन्होंने फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड करा रखी थीं। एटीएम से पैसे निकालकर शॉपिंग की जाती थी। इनके द्वारा इस्तेमाल किए गए नंबरों में से एक श्रीलंका का है। ये इंटरनेट कॉल के जरिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
बाकी लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। शुभम जायसवाल मिर्जापुर के जमालपुर, धनजीत यादव जौनपुर, अजय यादव बनारस, अभय राय चंदौली, अविनाश राय पश्चिम बंगाल, पीयूष यादव जौनपुर रहने वाला है। इनके पास से करीब 15 लाख का माल मिला है, जिसमें 51 मोबाइल फोन, चार लैपटॉप, 42 एटीएम कार्ड, 13 पासबुक, करीब 80 सिम कार्ड और एक फाइबर राउटर शामिल है। ये लोगों को पैसे जिताने और उसे तीन गुना करने के नाम पर लालच देते थे। जब लोग बड़ी रकम निवेश करते थे तो ये लोग उसे अलग-अलग खातों में या किसी कंपनी के नाम पर ट्रांसफर कर लेते थे या एटीएम के जरिए निकाल लेते थे। यह गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था। इसमें कुल सात लोग पकड़े गए हैं।
20 हजार नकद मिले हैं, अन्य चीजों पर भी काम चल रहा है। पहले ये आजमगढ़ में पकड़े गए थे। इनके साथ ही इन्हें भी पकड़ा गया है। ये लोग सोशल मीडिया के जरिए लोगों को प्रेरित कर ठगी कर रहे हैं। साइबर टीम ने कार्रवाई की और पूरी टीम को 25 हजार का इनाम भी दिया गया है। पहले 11 लोग पकड़े गए थे। अब सात लोग पकड़े गए हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ये लोग अपनी कंपनी में काम कराने के नाम पर दूसरों का प्रचार करते थे। ये आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चैनल और विज्ञापन के जरिए लोगों को फंसाते थे। ये लोग फर्जी अकाउंट और अन्य चीजों का काम कर रहे थे। गेमिंग के जरिए खातों में आए पैसे को ट्रांसफर करना और कैश निकालना इनका काम था। जल्द ही इनका मुख्य सरगना भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।