नई दिल्ली, 03 अप्रैल 2025 (यूटीएन)। भारत अमेरिका के साथ व्यापारिक मतभेदों को दूर करने और शुल्क विवादों को हल करने की दिशा में बातचीत कर रहा है. भारत और चीन के बीच पिछले वित्त वर्ष में द्विपक्षीय व्यापार में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अब 118.40 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. इसमें मुख्य रूप से चीन से भारतीय आयात शामिल हैं. हालांकि, 2020 के सीमा संघर्ष के बाद भारत ने चीनी निवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे अभी तक नहीं हटाया गया है. इसके बावजूद, भारत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाई गई.
चिंताओं को दूर करने के लिए टैरिफ कम करने पर विचार कर रहा है, और दोनों देशों ने अपने टैरिफ विवादों को हल करने के लिए एक प्रारंभिक व्यापार समझौता सुरक्षित किया है.
चीन और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में दोनों देशों के नेता सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, और यह दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और भी गहरा कर सकता है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संदेश भेजा है, जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग की आवश्यकता जताई है. भारत-चीन कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग की जरूरत पर जोर दिया था. इसके साथ ही, चीन भारतीय पक्ष से चीनी बाजार के लिए उपयुक्त और अधिक भारतीय उत्पादों का आयात करने का भी प्रस्ताव करता है.
चीन ने बुधवार से लागू होने वाले अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से बचने के लिए भारतीय उत्पादों का आयात बढ़ाने और व्यापार सहयोग को बढ़ाने का निर्णय लिया है. यह घोषणा बीजिंग के राजदूत ने की, जिसमें उन्होंने कहा कि चीन भारत के अधिक उत्पादों का आयात करने के लिए तैयार है. अमेरिका ने 2 अप्रैल से चीन पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिससे व्यापार पर असर पड़ने की संभावना है. ऐसे में चीन ने भारत की ओर कदम बढ़ाए हैं और कहा है कि वह भारतीय उत्पादों का अधिक आयात करेगा. चीन का यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में है, खासकर 2020 में बॉर्डर पर संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आई खटास.
*भारत और चीन के बीच व्यापार अवसरों पर चर्चा*
भारत के साथ चीन में व्यापार के अवसरों की संभावना तलाशने की बात की और चीन के विकास के लाभों को साझा करने की इच्छा जताई. उन्होंने यह भी कहा कि भारत को चीनी कंपनियों के लिए एक पारदर्शी और निष्पक्ष कारोबारी माहौल तैयार करना चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच लाभकारी सहयोग को और बढ़ाया जा सके. भारत-चीन व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत और चीन ने जनवरी में पांच साल बाद सीधी हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई थी.
यह कदम व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर मतभेदों को सुलझाने में मदद करेगा. भारतीय विदेश मंत्री विक्रम मिश्री और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बीजिंग में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया. भारत के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि दोनों देश जल्द ही उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए रूपरेखा पर बातचीत करेंगे.