नई दिल्ली, 17 जुलाई 2025 (यूटीएन)। विमानन सलाहकार कैप्टन खालिद ने एअर इंडिया विमान हादसे की एक और थ्योरी दी है। उनके मुताबिक हादसे का शिकार हुए एअर इंडिया के विमान एआई171 के स्टेबलाइजर की भी जांच की जानी चाहिए। विमानन सलाहकार ने आशंका जताई कि स्टेबलाइजर की खराबी के चलते ऐसा भी हो सकता है कि पायलट ने गलती से ईंधन स्विच बंद कर दिए, जिसके कारण विमान के दोनों इंजन बंद हो गए और विमान हादसे का शिकार हो गया। एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 गुजरात के अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड बाद हादसे का शिकार हो गई थी। इस हादसे में कुल 260 लोग मारे गए थे।
हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट 12 जुलाई को सामने आई है। हादसे को लेकर कई थ्योरी सामने आ रही हैं। जांच रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि जो विमान हादसे का शिकार हुआ, उसमें स्टेबलाइजर की भी खराबी थी और चालक दल ने उड़ान से पहले इंजीनियर्स को इसकी जानकारी दी थी। जिसे कथित तौर पर इंजीनियर्स द्वारा ठीक कर दिया गया था।
*विमानन विशेषज्ञ ने बताया हादसे की संभावित वजह*
अब विमानन विशेषज्ञ कैप्टन एहसान खालिद ने बताया कि जांचकर्ताओं को फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से स्टेबलाइजर इनपुट की भी जांच करनी चाहिए। हो सकता है कि वह ठीक न हुआ हो, जिससे उड़ान के दौरान समस्या हुई। कैप्टन खालिद ने बताया कि स्टेबलाइजर विमान के पिछले भाग का हिस्सा होता है और यह टेकऑफ के दौरान विमान के अगले हिस्से को ऊपर-नीचे करने में मदद करता है। खालिद ने कहा कि विमान की कंट्रोल यूनिट में स्टेबलाइजर का कंट्रोल बटन, ईंधन बटन के पास ही लगे होते है। स्टेबलाइजर में खराबी आने पर पायलट को ही उनका स्विच ऑफ करना होता है।
*स्टेबलाइजर स्विच की बजाय ईंधन स्विच बंद होने की आशंका*
विमानन विशेषज्ञ ने आशंका जताई कि हो सकता है कि टेकऑफ के दौरान स्टेबलाइजर में कुछ खराबी आई होगी। उस स्थिति में पायलट ने एक हाथ से कंट्रोल कॉलम को संभाला होगा और दूसरे हाथ से स्टेबलाइजर के स्विच को बंद करने की कोशिश की होगी। खालिद ने कहा कि हो सकता है कि गलती से पायलट ने स्टेबलाइजर स्विच की बजाय ईंधन स्विच को बंद कर दिया हो क्योंकि दोनों स्विच आसपास लगे होते हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दोनों स्विच अलग-अलग होते हैं और छूने से दोनों का साफ पता चलता है, लेकिन टेकऑफ के दौरान इस गलती से इनकार नहीं किया जा सकता।
*वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को लेकर भारत के विमानन विशेषज्ञों में असंतोष*
अहमदाबाद में 12 जून को हुए विमान हादसे को लेकर अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को लेकर भारत में विमानन विशेषज्ञों के बीच असंतोष बढ़ गया है। इसमें फ्यूल स्विच को लेकर बड़ा दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान के कैप्टन ने फ्यूल स्विच को बंद कर दिया था।
वॉल स्ट्रील जर्नल की इस रिपोर्ट की भारत में व्यापक स्तर पर आलोचना हो रही है। पायलट्स एशोसिएशन के साथ ही कई विमानन विशेषज्ञों ने इसे खारिज किया है और कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
*अल्पा इंडिया ने भी किया पायलटों का बचाव*
इस बीच, पायलट्स एसोशिएसन एएलपीए इंडिया ने भी एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-171 की दुखद दुर्घटना से जुड़े प्रारंभिक निष्कर्षों और सार्वजनिक चर्चा पर चिंता व्यक्त की है। एएलपीए इंडिया ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त एआई 171 विमान के चालक दल ने विमान में सवार यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया और वे सम्मान के हकदार हैं। उनका बिना किसी आधार के चरित्र-निर्णय के नहीं। अल्पा ने एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के अमेरिका में लीक होने पर भी सवाल खड़े किए। अल्पा का मानना है कि अजीब बात यह है कि एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट का खुलासा और लीक अमेरिका में हो रहा है। यह भारत में हम सभी के लिए और भी चिंता का विषय है।
यह भारत सरकार द्वारा नियंत्रित एक स्वतंत्र संगठन है बावजूद इसके ऐसा लगता है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल को भारत में हम में से किसी से भी, हमारी संसद या नागरिक उड्डयन मंत्रालय से ज़्यादा जानकारी है। भारतीय पायलट संघ ने रिपोर्ट और एएआईबी की भूमिका पर अपना असंतोष व्यक्त किया है। मैं इससे पूरी तरह सहमत हूं। हमें भारत के प्रधानमंत्री से अपील करनी चाहिए कि वे इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरतें और इस पूरी प्रक्रिया में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किसी वर्तमान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से इस मामले की न्यायिक जांच करवाएं।
हादसे पर आई वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को लेकर अल्पा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने आज सुबह एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि उड़ान संख्या एआई171 के कमांडर ने ईंधन स्विच खोल दिए थे। जबकि भारत के एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में केवल एक ही बयान जारी किया गया है। इसमें बहुत ही स्पष्ट रूप से दोनों पायलट की बातचीत बताई गई है। जिसमें सह पायलट पायलट से पूछता है कि “आपने इसे क्यों बंद किया? और पायलट ने जवाब दिया, “नहीं, मैंने नहीं किया। इस एक बयान के आधार पर नहीं लगता कि हमारे पास कोई निर्णय लेने की पर्याप्त गुंजाइश है। एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में सीवीआर की पूरी कॉपी भी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
पायलट एसोसिएशन का कहना है कि एएआईबी की रिपोर्ट में एक विशेष टर्म ‘बदलाव हुआ’ का उपयोग किया गया है। इसमें कहा गया है कि फ्यूल स्विच की स्थिति में बदलाव देखा गया। ऐसे में यह भी देखा जा सकता है कि फ्यूल स्विच की स्थिति को लेकर दोनों पायलट एक दूसरे से सवाल भी कर रहे हैं। दोनों पायलट्स के बीच उसकी स्थिति में बदलाव को लेकर भ्रम की स्थिति है। ऐसे में अगर इन स्विचों के लॉकिंग सिस्टम में कोई समस्या थी, तो पायलट भी असहाय थे। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कई पहलुओं पर विचार करना होगा, जैसे कि पायलटों की बातचीत, उनकी उड़ान का अनुभव, और विमान के इंजन में क्या खराबी आई थी।
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विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।