Thursday, July 17, 2025

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सीबीआई:पांच वर्षों में 134 भगोड़ों को देश वापस लाया गया

सफलता दर में वृद्धि का श्रेय सरकार द्वारा बढ़ाए गए राजनयिक जुड़ाव, वीवीआईपी यात्राओं के माध्यम से भारत की पहुंच, द्विपक्षीय संबंधों, तकनीकी प्रगति और इंटरपोल के साथ बेहतर समन्वय को दिया जा सकता है।

नई दिल्ली, 17 जुलाई 2025 (यूटीएन)। बीते पांच वर्षों में सीबीआई 134 भगोड़ों को देश में वापस लाने में कामयाब रही है। यह संख्या 2010 से 2019 के बीच पूरे दशक के दौरान विदेश से देश में लाए गए भगोड़ों की दोगुनी है। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 23 भगोड़ों को अकेले इसी वर्ष यानी 2025 में वापस लाया गया। उन्होंने यह भी बताया कि इसके किए सीबीआई ने इंटरपोल के साथ-साथ राज्य और केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाया। जिसके परिणामस्वरूप 2020 से इन 134 भगोड़ों का प्रत्यर्पण या निर्वासन सुनिश्चित करने में सफलता मिली।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई को ये सफलता यूंही नहीं मिल गई है।
इसमें नयी तकनीक और कूटनीतिक प्रयासों का भी खासा योगदान रहा है। सफलता दर में वृद्धि का श्रेय सरकार द्वारा बढ़ाए गए राजनयिक जुड़ाव, वीवीआईपी यात्राओं के माध्यम से भारत की पहुंच, द्विपक्षीय संबंधों, तकनीकी प्रगति और इंटरपोल के साथ बेहतर समन्वय को दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अपनी नयी डिजिटल पोर्टल भारतपोल के माध्यम से इंटरपोल के साथ समन्वय बढ़ाया है, जिससे भगोड़ों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज हुई है। एजेंसी द्वारा आंतरिक रूप से विकसित यह प्लेटफ़ॉर्म भारतीय पुलिस एजेंसियों को सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल से जोड़ता है, जिससे जांच और प्रत्यावर्तन प्रक्रिया में तेजी आई है, जिससे रेड नोटिस जारी होने में लगने वाला औसत समय छह महीने से घटकर तीन महीने रह गया है।
हाल ही में सीबीआई ने अमेरिका में नेहल मोदी को गिरफ्तार करवाया, जो नीरव मोदी का भाई है और पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में आरोपी है। वहीं, सीबीआई ने एक आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर को भी अमेरिका से प्रत्यर्पित करवाया, जो 1999 में फरार हो गई थी। वहीं, सीबीआई ने कई साइबर अपराधियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। इसके अलावा, सीबीआई देश से भागे हुए अपराधियों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन त्रिशूल चला रही है।  
*तीन चरणों में होता है प्रत्यर्पण*
बता दें कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के तीन चरण होते हैं: इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस जारी करना, भगोड़े की भौगोलिक स्थिति का पता लगाना, और तीसरा, कानूनी और कूटनीतिक प्रयासों के बाद प्रत्यर्पण, ये सभी प्रक्रियाएँ समय लेने वाली हैं। इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस जारी करने में लगने वाले समय को कम करने के लिए, जो किसी देश में वांछित भगोड़े के बारे में सभी 195 देशों को सचेत करता है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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सीबीआई:पांच वर्षों में 134 भगोड़ों को देश वापस लाया गया

सफलता दर में वृद्धि का श्रेय सरकार द्वारा बढ़ाए गए राजनयिक जुड़ाव, वीवीआईपी यात्राओं के माध्यम से भारत की पहुंच, द्विपक्षीय संबंधों, तकनीकी प्रगति और इंटरपोल के साथ बेहतर समन्वय को दिया जा सकता है।

नई दिल्ली, 17 जुलाई 2025 (यूटीएन)। बीते पांच वर्षों में सीबीआई 134 भगोड़ों को देश में वापस लाने में कामयाब रही है। यह संख्या 2010 से 2019 के बीच पूरे दशक के दौरान विदेश से देश में लाए गए भगोड़ों की दोगुनी है। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 23 भगोड़ों को अकेले इसी वर्ष यानी 2025 में वापस लाया गया। उन्होंने यह भी बताया कि इसके किए सीबीआई ने इंटरपोल के साथ-साथ राज्य और केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाया। जिसके परिणामस्वरूप 2020 से इन 134 भगोड़ों का प्रत्यर्पण या निर्वासन सुनिश्चित करने में सफलता मिली।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई को ये सफलता यूंही नहीं मिल गई है।
इसमें नयी तकनीक और कूटनीतिक प्रयासों का भी खासा योगदान रहा है। सफलता दर में वृद्धि का श्रेय सरकार द्वारा बढ़ाए गए राजनयिक जुड़ाव, वीवीआईपी यात्राओं के माध्यम से भारत की पहुंच, द्विपक्षीय संबंधों, तकनीकी प्रगति और इंटरपोल के साथ बेहतर समन्वय को दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अपनी नयी डिजिटल पोर्टल भारतपोल के माध्यम से इंटरपोल के साथ समन्वय बढ़ाया है, जिससे भगोड़ों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज हुई है। एजेंसी द्वारा आंतरिक रूप से विकसित यह प्लेटफ़ॉर्म भारतीय पुलिस एजेंसियों को सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल से जोड़ता है, जिससे जांच और प्रत्यावर्तन प्रक्रिया में तेजी आई है, जिससे रेड नोटिस जारी होने में लगने वाला औसत समय छह महीने से घटकर तीन महीने रह गया है।
हाल ही में सीबीआई ने अमेरिका में नेहल मोदी को गिरफ्तार करवाया, जो नीरव मोदी का भाई है और पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में आरोपी है। वहीं, सीबीआई ने एक आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर को भी अमेरिका से प्रत्यर्पित करवाया, जो 1999 में फरार हो गई थी। वहीं, सीबीआई ने कई साइबर अपराधियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। इसके अलावा, सीबीआई देश से भागे हुए अपराधियों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन त्रिशूल चला रही है।  
*तीन चरणों में होता है प्रत्यर्पण*
बता दें कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के तीन चरण होते हैं: इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस जारी करना, भगोड़े की भौगोलिक स्थिति का पता लगाना, और तीसरा, कानूनी और कूटनीतिक प्रयासों के बाद प्रत्यर्पण, ये सभी प्रक्रियाएँ समय लेने वाली हैं। इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस जारी करने में लगने वाले समय को कम करने के लिए, जो किसी देश में वांछित भगोड़े के बारे में सभी 195 देशों को सचेत करता है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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