नई दिल्ली, 08 जुलाई 2025 (यूटीएन)। सीबीआई ने हाल ही में दो और बड़े मामलों की जांच शुरू की है। इनमें देश के निजी मेडिकल कॉलेजों, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों, डॉक्टरों और एजेंटों के गठजोड़ और साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल किए जा रहे।
विभिन्न बैंकों की 743 ब्रांचों में साढ़े आठ लाख से अधिक म्यूल अकाउंट खोले जाने का पता लगना। दोनों मामलों में अभी तक 18 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इनमें से ना तो म्यूल अकाउंट मामले में अभी तक बैंक के एक भी अधिकारी को पकड़ा जा सका है और ना ही मेडिकल कॉलेज फर्जीवाड़े मामले में कोई बड़ी मछली सीबीआई के हत्थे चढ़ सकी है।
*नामजद में कई अधिकारियों से लेकर डॉक्टर तक शामिल*
हालांकि, निजी मेडिकल कॉलेज फर्जीवाड़े की बात की जाए तो इसमें 35 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बतौर सीबीआई एफआईआर में दर्ज 35 नामजद आरोपियों में स्वास्थ्य मंत्रालय के आठ अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण का एक बड़ा अधिकारी और एनएमसी की इंस्पेक्शन टीम का हिस्सा रहे पांच वरिष्ठ डॉक्टर शामिल हैं।
एफआईआर में सीबीआई ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पूनम मीना, धर्मवीर, पीयूष माल्यान, अनूप जायसवाल, राहुल श्रीवास्तव, दीपक, मनीषा और चंदन कुमार को आरोपी बनाया है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी से जॉइंट डायरेक्टर एंड डिवीजन हेड डॉक्टर जीतू लाल मीना, जबकि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज के चेयरमैन डीपी सिंह, गीतांजलि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार मयूर रावल, रावतपुरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के चेयरमैन रविशंकर जी महाराज और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया का भी नाम एफआईआर में है।
*सिंडिकेट से जुड़े बड़े आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी सीबीआई*
इनके अलावा अन्य कई नाम इस मुकदमे में शामिल किए गए हैं। इस मामले में अभी तक एनएमसी के तीन डॉक्टरों समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन सीबीआई के हत्थे इस सिंडिकेट से जुड़े बड़े आरोपियों तक नहीं पहुंच सके हैं।
मेडिकल कॉलेजों के फर्जीवाड़े में तो यह सिंडिकेट मेडिकल कॉलेजों के इंस्पेक्शन करने जाने वाली टीम से पहले इन्हें सूचना लीक कर देते थे। जिससे रिपोर्ट अपने फेवर में लेने के लिए आरोपी मेडिकल कॉलेजों में पैसा देकर घोस्ट मरीज और घोस्ट फैकल्टी तक रख लेते थे। ताकि जांच टीम को लगे कि सच में मेडिकल कॉलेज बड़े अच्छे से और नियमों के अनुसार चलाया जा रहा है। इसके अलावा भी इस मामले में और कई सारे फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं।
*8.5 लाख से अधिक म्यूल अकाउंट खोले गए*
इसके अलावा साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट जैसी कई घटनाओं की जांच में सीबीआई ने पिछले दिनों 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामले की जांच में सीबीआई ने यह भी पता लगाया था कि देशभर में बैंक अधिकारियों, ई-मित्रों, बैंक मित्रों और एजेंटों की मदद से विभिन्न बैंकों की 743 ब्रांचों में 8.5 लाख से अधिक म्यूल बैंक अकाउंट खोल डाले गए।
जबकि सामान्य तौर पर कोई भी शख्स अगर बैंक अकाउंट खोलना चाहे तो इसके लिए बैंक कई तरह की फॉर्मेलिटी पूरी कराते हैं। लेकिन यहां पैसों के चक्कर में 8.5 लाख म्यूल अकाउंट खोल डाले गए। इस मामले में भी अभी तक सीबीआई एक भी बैंक अधिकारी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। सीबीआई का कहना है कि दोनों मामलों में उनकी टीमें लगी हुई हैं। कई जगह छापेमारी भी की गई। जैसे-जैसे जांच में आरोपी सामने आते रहेंगे, वैसे ही इनकी गिरफ्तारियां भी होती रहेंगी।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।