नई दिल्ली, 14 जून 2025 (यूटीएन)। गुजरात में 12 जून को 242 यात्रियों और चालक दल को लेकर लंदन जाने वाला विमान एआई171 अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। देखते ही देखते एअर इंडिया का विमान आग का गोला बन गया था।
हादसे में विमान में सवार 52 ब्रिटिश नागरिकों सहित 241 लोगों की मौत हो गई थी। एक व्यक्ति हादसे में बच गया था, जिसका इलाज चल रहा है। मामले में सरकार ने शनिवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हादसे की पूरी कहानी बताई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने मीडिया को विस्तार से मामले की पूरी जानकारी दी।
*650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर ऊंचाई खोने लगा विमान*
समीर कुमार सिन्हा ने बताया, ’12 जून को दोपहर करीब दो बजे हमें सूचना मिली कि अहमदाबाद से गैटविक लंदन जा रहा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। हमने तुरंत एटीसी अहमदाबाद के जरिए इस बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की। यह एआईसी 171 था और इसमें कुल 242 लोग सवार थे, जिसमें 230 यात्री, दो पायलट और 10 क्रू मेंबर शामिल थे। इस विमान ने दोपहर 1:39 बजे उड़ान भरी और कुछ ही सेकंड में करीब 650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर यह ऊंचाई खोने लगा यानी इसकी ऊंचाई कम होने लगी।’
*दुर्घटना से पहले विमान ने पेरिस-दिल्ली-अहमदाबाद सेक्टर की उड़ान बिना किसी परेशानी के पूरी की*
उन्होंने आगे बताया कि दोपहर 1:39 बजे पायलट ने अहमदाबाद एटीसी को मे डे की सूचना दी यानी पूरी तरह से इमरजेंसी थी। एटीसी के मुताबिक जब उसने विमान से संपर्क करने की कोशिश की तो उसे कोई जवाब नहीं मिला। ठीक एक मिनट बाद यह विमान मेधानीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
जो एयरपोर्ट से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विमान के कैप्टन सुमित सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव सुंदर थे। जहां तक विमान की बात है तो इस दुर्घटना से पहले विमान ने पेरिस-दिल्ली-अहमदाबाद सेक्टर की उड़ान बिना किसी परेशानी के पूरी की थी। दुर्घटना के कारण दोपहर 2:30 बजे रनवे को बंद कर दिया गया और सभी प्रोटोकॉल पूरे करने के बाद शाम पांच बजे से अहमदाबाद के रनवे को सीमित उड़ानों के लिए खोल दिया गया।’
*दुर्घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया*
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा, ‘पिछले दो दिन बहुत मुश्किल भरे रहे हैं। अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास हुई दुर्घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं व्यक्तिगत रूप से घटनास्थल पर गया था, ताकि देख सकूं कि क्या किया जाना चाहिए? क्या सहायता प्रदान की जानी चाहिए? ऐसा ही गुजरात सरकार ने भी किया। भारत सरकार और मंत्रालय के अन्य लोगों भी ऐसा ही कर रहे थे।
*विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो को तुरंत सक्रिय किया गया*
उन्होंने आगे कहा, ‘जब हम घटनास्थल पर पहुंचे तो हमने देखा कि सभी संबंधित विभागों की प्रतिक्रिया टीमें जमीन पर काम कर रही थीं, जो भी संभव हो, बचाव करने की कोशिश कर रही थीं, आग पर काबू पाने और मलबे को हटाने की कोशिश कर रही थीं, ताकि शवों को जल्द से जल्द अस्पताल भेजा जा सके। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो, जिसे विशेष रूप से विमानों के आसपास होने वाली घटनाओं, दुर्घटनाओं की जांच करने के लिए बनाया गया था, को तुरंत सक्रिय किया गया।’
*डीजीसीए ने भी 787 विमानों की विस्तृत निगरानी करने का आदेश दिया*
राम मोहन नायडू ने कहा, ‘हमारे देश में सुरक्षा के बहुत सख्त मानक हैं। जब यह घटना घटी, तो हमें भी लगा कि बोइंग 787 सीरीज की विस्तृत निगरानी की जरूरत है। डीजीसीए ने भी 787 विमानों की विस्तृत निगरानी करने का आदेश दिया है। आज हमारे भारतीय विमान बेड़े में 34 विमान हैं। मेरा मानना है कि 8 विमानों की पहले ही जांच हो चुकी है और तत्काल सभी विमानों की जांच की जाएगी।
*प्रक्रिया या प्रोटोकॉल में कोई चूक न हो*
उन्होंने कहा कि जान गंवाने वाले लोगों की कहानियां देखना बहुत ही दुखद हैं। हमने एयर इंडिया को निर्देश दिया है कि वह यात्रियों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करे। एक तरफ डीएनए परीक्षण भी हो रहा है, ताकि शवों की पहचान की जा सके और उन्हें संबंधित परिवारों को दिया जा सके।
गुजरात सरकार इसके साथ समन्वय कर रही है। डीएनए परीक्षण की पुष्टि होने के बाद शवों को संबंधित परिवारों को दिया जाएगा और हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह प्रक्रिया भी जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी, लेकिन दस्तावेजीकरण और प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रक्रिया या प्रोटोकॉल में कोई चूक न हो।
*ब्लैक बॉक्स के जरिए मिलेगी अहम जानकारी*
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तकनीकी जांच से एक महत्वपूर्ण अपडेट कल शाम 5 बजे के आसपास घटनास्थल से ब्लैक बॉक्स की बरामदगी है। ब्लैक बॉक्स की यह डिकोडिंग गहराई से जानकारी देने वाली है। दुर्घटना की प्रक्रिया के दौरान या दुर्घटना से पहले के क्षणों में वास्तव में क्या हुआ होगा? इसकी जानकारी भी ब्लैक बॉक्स के जरिए ही मिलेगी। हम इस बात का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि पूरी जांच के बाद क्या परिणाम या रिपोर्ट सामने आएगी।
*जांच के लिए सरकार ने बनाई हाई लेवल कमेटी*
अहमदाबाद में एयर इंडिया प्लेन क्रैश मामले में सिविल एविएशन मंत्रालय ने हाई लेवल कमेटी का गठन किया. कमेटी तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी. कमेटी की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार करेंगे. सिविल एविएशन मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक कमेटी एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की जांच करेगी. कमेटी मौजूदा एसओपी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश सुझाएगी।
इसमें सचिव नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, अतिरिक्त सचिव/संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय, राज्य गृह विभाग, गुजरात सरकार से प्रतिनिधि, राज्य आपदा प्रतिक्रिया प्राधिकरण, गुजरात सरकार का प्रतिनिधि,पुलिस आयुक्त, अहमदाबाद, महानिदेशक, निरीक्षण और सुरक्षा, भारतीय वायु सेना, महानिदेशक, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो/डीजी बीसीएएस, महानिदेशक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय/डीजी डीजीसीए, विशेष निदेशक, आईबी, निदेशक, फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय, शामिल रहेंगे.
कमेटी की तरफ से उपयुक्त समझे जाने वाले किसी अन्य सदस्य, जिसमें विमानन विशेषज्ञ, दुर्घटना जांचकर्ता और कानूनी सलाहकार शामिल हैं. उन्हें भी कमेटी की तरफ से शामिल किया जा सकता है. कमेटी के पास सभी रिकॉर्ड तक पहुंच होगी, जिसमें अन्य बातों के अलावा, उड़ान डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान रखरखाव रिकॉर्ड, एटीसी लॉग और गवाहों की गवाही शामिल है. साइट निरीक्षण करना भी शामिल है. इसके साथ ही चालक दल, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और संबंधित कर्मियों का साक्षात्कार लेना. इसके साथ ही यदि विदेशी नागरिक या विमान निर्माता शामिल हैं तो अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग करना. ये कमेटी तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी.
*हर पहलू का विश्लेषण होगा*
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने यह भी कहा कि जो भी थ्योरी इस वक्त चल रही है, जांच में उससे जुड़े हर पहलू का विश्लेषण होगा। तीन महीने में विस्तृत रिपोर्ट जारी होगी। रिपोर्ट में हादसे के अलावा भविष्य में ऐसी घटना न हो, इस पर सिफारिशें की जाएंगी।
*इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अपील के बाद टाटा ग्रुप आगे आया*
एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. 12 जून को हुई इस भयानक दुर्घटना में 274 लोगों की मौत हो गई. मरने वालोंं में सिर्फ विमान में सवार यात्री ही नहीं बल्कि जमीन पर मौजूद कई लोग भी थे. अहमदाबाद में हुए इस हादसे में बीजे मेडिकल कॉलेज के कई छात्र भी मौजूद थे, जिनमें कुछ घायल हुए और कुछ की जान भी चली गई. इस दुखद घटना के बाद अब इन छात्रों और उनके परिवारों की सहायता की मांग उठी है.
*आईएमए ने टाटा समूह से लगाई मदद की गुहार*
गुजरात राज्य शाखा की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शनिवार को टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को पत्र लिखकर बीजे मेडिकल कॉलेज के प्रभावित छात्रों के लिए वित्तीय और मानवीय सहायता की अपील की है. आईएमए ने अपने पत्र में लिखा- “हम आपसे विनम्र अनुरोध करते हैं कि आप घटनास्थल पर मौजूद उन मेडिकल छात्रों के लिए वित्तीय सहायता और जरूरी मदद दें जो इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में घायल हुए या जिनकी जान चली गई.” पत्र में यह भी कहा गया कि एयर इंडिया ने अपने यात्रियों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.
ऐसे में मेडिकल छात्रों के साथ भी समान संवेदना और सहयोग होना चाहिए. आईएमए ने लिखा, ये छात्र सिर्फ पीड़ित नहीं थे, बल्कि भविष्य के डॉक्टर थे, उनके परिवार भी सहायता के हकदार हैं.” आईएमए की अपील के कुछ ही घंटों बाद एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ कैंपबेल विल्सन ने एक वीडियो संदेश में यह घोषणा की है कि टाटा ग्रुप हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को 1 करोड़ की सहायता राशि देगा. साथ ही, जो लोग घायल हुए हैं, उनके सभी इलाज का खर्च टाटा ग्रुप उठाएगा. उन्होंने भावुक होकर कहा, “हम इस अपूरणीय क्षति से बेहद दुखी हैं और प्रभावितों के लिए शोक व्यक्त करते हैं.”
*आईएमए और मेडिकल समुदाय ने टाटा ग्रुप की तत्परता की सराहना की*
आईएमए और मेडिकल समुदाय ने टाटा समूह की संवेदनशीलता, तेज प्रतिक्रिया और जिम्मेदारी भरे रवैये की खुलकर तारीफ की है. कैंपबेल विल्सन ने बताया कि वह खुद घटनास्थल का दौरा कर चुके हैं और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं. साथ ही, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि एयर इंडिया जांच में पूरा सहयोग देगा और पीड़ित परिवारों के साथ दीर्घकालिक रूप से जुड़ा रहेगा.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।