नई दिल्ली, 06 जून 2025 (यूटीएन)। पीएम मोदी ने कश्मीर में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे बड़े रेलवे ब्रिज का उद्घाटन कर दिया है. इस मौके पर उनके साथ सूबे के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे. ब्रिज का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी कटरा में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे. पीएम मोदी के संबोधन से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर मंच पर आए. उन्होंने इस ब्रिज के लिए पीएम मोदी को शुक्रिया कहा. लेकिन इसके बाद जो उन्होंने कहा कि उसकी जगह खूब चर्चा हो रही है.
उमर अब्दुल्ला ने अपने संबोधन में कहा कि इस ब्रिज के उद्घाटन से कश्मीर वालों की तकदीर बदल जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि इस ब्रिज का निर्माण उस वक्त शुरू हुआ था जब मैं 8वीं कक्षा में पढ़ता था. भले आज इस ब्रिज पर ट्रेन दोड़ेगी लेकिन सही मायनों में अगर मैंने इस मौके पर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद नहीं किया तो ये गलत होगा. इस ब्रिज का काम काम शुरू उनकी वजह से ही हुआ था.

*एलजी साहब का प्रमोशन हुआ और मेरा डिमोशन*
जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य रहा है कि जब भी रेलवे के लिए बड़े कार्यक्रम हुए हैं, मैं उसका हिस्सा रहा हूं। पहली बार अनंतनाग रेलवे स्टेशन का उद्घाटन हुआ, तब बनिहाल रेल सुरंग खोली गई थी उस समय भी मैं मौजूद था। कार्यक्रम के दौरान केंद्र शासित प्रदेशों में चीजें सामान्य होने की उम्मीद जताते हुए सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि 2014 में जब कटरा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन हुआ था, तब भी यही चार लोग मौजूद थे। मनोज सिन्हा उस समय रेल राज्य मंत्री थे, उन्हें माता की कृपा से उपराज्यपाल के पद पर प्रमोशन मिला। हालांकि, मेरा थोड़ा डिमोशन हुआ मैं एक राज्य के मुख्यमंत्री से केंद्रशासित प्रदेश का सीएम बना।
इस दौरान मंच पर बैठे पीएम नरेंद्र मोदी की ओर मुखातिब होते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द मिलेगा. उमर अब्दुल्ला ने कहा, “लेकिन मानकर चल रहा हूं कि इसको दुरुस्त होने में अब ज्यादा देर नहीं लगेगा. और आप ही के हाथों जम्मू-कश्मीर को दोबारा रियासत यानी की पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल होगा. सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री जी इस रेल का ख्वाब बहुत लोगों ने देखा था. यहां तक कि कश्मीर को बाकी मुल्क के साथ जोड़ने का ख्वाव अंग्रेजों ने भी देखा था. लेकिन वो पूरा नहीं हो सका था.
लेकिन जो अंग्रेज न पूरा कर पाए वो आपके हाथों पूरा हुआ और जम्मू-कश्मीर और कश्मीर की वादी को बाकी मुल्क के साथ जोड़ दिया गया. इस प्रोजेक्ट में हो रहे देरी को याद करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ तो मैं 8वीं क्लास में था. अब मैं 55 साल का हो गया हूं. इस प्रोजेक्ट से जम्मू-कश्मीर को बहुत फायदा होगा. स्थानीय लोगों को आने वाले दिनों में बहुत लाभ मिलने जा रहा है. कश्मीर के सेब और अन्य चीज अब रेल के जरिए पूरे दश तक पहुंच सकेगा. चिनाब ब्रिज से प्रदेश के विकास में तेजी आएगी.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।