नई दिल्ली, 30 मई 2025 (यूटीएन)। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज राजधानी दिल्ली में देशभर के 23 डाक सर्कलों के ग्रामीण डाक सेवकों से मुलाकात की। इस अवसर पर डाक सेवकों ने अपने आत्मीय अनुभव और कार्य से जुड़ी प्रेरक कहानियां साझा कीं। सिंधिया ने ग्रामीण डाक सेवकों को डाक विभाग का अत्यंत महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए एक भावपूर्ण तुलना की। उन्होंने कहा, “जिस प्रकार गांव का कोटवार न केवल सुरक्षा का संवाहक होता है, बल्कि प्रत्येक घर से आत्मिक जुड़ाव रखता है, ठीक उसी प्रकार ग्रामीण डाक सेवक भी हर घर से दिल का रिश्ता जोड़कर सेवा करता है। केंद्रीय संचार मंत्री ने डाक सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले ग्रामीण डाक सेवकों को शुभकामनाएं दी और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से विभागीय कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी एवं उत्तरदायी बनाने हेतु सुझाव आमंत्रित किए, साथ ही यह आश्वासन भी दिया कि प्राप्त सुझावों की गहन समीक्षा कर उन्हें क्रियान्वयन में लाया जाएगा।

*‘प्रोजेक्ट ऐरो’ में अपने योगदान को किया स्मरण*
सिंधिया ने ‘प्रोजेक्ट एरो’ का उल्लेख करते हुए बताया कि यह देशभर में डाकघरों के आधुनिकीकरण की एक महत्त्वाकांक्षी पहल रही है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत हजारों डाकघरों को तकनीकी एवं अधोसंरचनात्मक रूप से सुदृढ़ किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण डाक सेवकों को डिजिटल उपकरणों से सुसज्जित कर, उन्हें ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने हेतु सशक्त बनाया गया है।
*पहले मुंबई में 23 सर्कल प्रमुखों से की थी बैठक*
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व, अप्रैल माह के प्रारंभ में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुंबई में देशभर के 23 डाक सर्कल प्रमुखों के साथ संवाद किया था। इस प्रकार की पहलें संचार मंत्रालय को अधिक जनोन्मुखी और उत्तरदायी बनाने के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं। उनका यह सतत संवाद अभियान न केवल मंत्रालय की कार्यप्रणाली के आंतरिक सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है, बल्कि इससे सेवा की भावना देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य को भी सुदृढ़ आधार प्राप्त होता है।
*‘X’ पर ग्रामीण डाक सेवकों का किया साधुवाद और उत्कृष्ट प्रदर्शन पर दी बधाई*
आज देशभर के 23 सर्किलों से आए डाक परिवार के ग्रामीण डाक सेवकों से मिलकर मन गदगद हो गया। ये वे साथी हैं जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर विभाग का नाम रोशन किया है। अपने डाक परिवार के सदस्यों से आत्मीय संवाद कर उनके अनुभवों को जाना, उनके सुझावों और सोच से डाक सेवा को और बेहतर बनाने की प्रेरणा भी मिली। इनकी सेवा भावना, समर्पण और जज्बा-यही तो है जो “डाक सेवा” को “जन सेवा” बनाता है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।