नई दिल्ली, 29 मई 2025 (यूटीएन)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पीओके में रह रहे लोगों को लेकर कहा, वो लोग भारत की मुख्यधारा में कभी न कभी जरूर वापल लौटेंगे. मैं जानता हूं वहां के ज्यादातर लोग भारत के साथ एक जुड़ाव महसूस करते हैं, लेकिन कुछ हैं जिन्हें भटकाया गया है.
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, पीओके में रह रहे हमारे भाइयों की स्थिति कुछ ऐसी ही हैं जैसे वीर योद्धा महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्ति सिंह की थी. छोटे भाई के अलग हो जाने के बाद भी बड़े भाई का विश्वास उन पर बना रहा था. वो अपने भाई को लेकर कहते थे, तब कुपंथ को छोड़ सुपथ पर स्वयं चला आएगा.

मेरा ही भाई है, मुझसे दूर कहां जाएगा
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, भारत हमेशा ही दिलों को जोड़ने की बात करता है. वो दिन दूर नहीं है जब हमारा ही अंग पीओके स्वयं लौट कर कहेगा कि मैं भारत ही हूं, मैं वापस आया हूं. पीओके का भारत के साथ एकीकरण इस देश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक समृद्धि पर निर्भर करता है.
राजनाथ सिंह ने कहा, मैं मानता हूं कि पाक अधिकृत कश्मीर के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा है. हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प के लिए प्रतिबद्ध है और हमें यह पूरा विश्वास है कि हमारे वो भाई जो आज हमसे भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग है, वे भी अपने स्वाभिमान, आत्मा की आवाज और स्वेच्छा से भारत की मुख्य धारा में कभी न कभी जरूर वापस लौटेगें.
*पूरी दुनिया में अनिश्चितता का माहौल*
राजनाथ सिंह ने कहा आज पूरी दुनिया में अनिश्चितता का माहौल दिखाई दे रहा है। हर जगह संघर्ष चल रहा है। वैसे तो इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन आज की अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितता का मूल कारण विश्वास की कमी है। इसके विपरीत, अगर हम अपने देश को देखें, तो हमारा प्रयास देश के भीतर विभिन्न क्षेत्रों, समुदायों और आर्थिक क्षेत्रों के बीच विश्वास का एक मजबूत माहौल बनाने का रहा है। इन प्रयासों के माध्यम से हमें अभूतपूर्व सफलता मिली है।
*भारत ने भरोसे की नींव पर रचा विकास का मॉडल*
रक्षा मंत्री ने कहा कि कहा कि जहां एक ओर पूरा विश्व अनिश्चितता और संघर्षों के दौर से गुजर रहा है, वहीं भारत ने आपसी विश्वास और एकजुटता के सहारे अभूतपूर्व प्रगति की है. राजनाथ सिंह ने कहा कि, “आज पूरे विश्व में एक तरह की अनिश्चितता का माहौल दिखाई दे रहा है. हर जगह संघर्ष की स्थिति बनी हुई है. इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन मौजूदा अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता का मूल कारण विश्वास की कमी है.

*भारत में ‘ट्रस्ट आधारित मॉडल*
उन्होंने आगे कहा कि भारत ने विपरीत परिस्थितियों के बीच भी सामाजिक, क्षेत्रीय और आर्थिक वर्गों के बीच भरोसे का माहौल बनाने का प्रयास किया है, और यही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि रही है. हमने देश के विभिन्न क्षेत्रों, समुदायों और आर्थिक वर्गों के बीच मजबूत भरोसे का वातावरण खड़ा करने की दिशा में लगातार कार्य किया है. इन प्रयासों के कारण हमें अभूतपूर्व सफलता मिली है.
*वैश्विक संकट और भारत की भूमिका*
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि भारत ने न सिर्फ आंतरिक स्थिरता पर ध्यान दिया है, बल्कि दुनिया को भी यह संदेश दिया है कि एक लोकतांत्रिक, समावेशी और भरोसेमंद शासन व्यवस्था कैसे वैश्विक अस्थिरता के दौर में मार्गदर्शक बन सकती है. उन्होंने भारतीय उद्योग जगत को भी देश के इस विकासात्मक सफर में भागीदार बनने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया. रक्षा मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया के कई हिस्से युद्ध, आर्थिक अस्थिरता और सामाजिक तनावों से जूझ रहे हैं. ऐसे में भारत का “विश्वास आधारित विकास मॉडल” एक प्रेरणा बनकर उभरता है.
*हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत पर काम कर रहे*
हम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प के लिए प्रतिबद्ध है और हमें यह पूर्ण विश्वास है कि हमारे वो भाई जो आज हमसे भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग है वे भी अपने स्वाभिमान, आत्मा की आवाज और स्वेच्छा से भारत की मुख्य धारा में कभी न कभी जरुर वापस लौटेंगे। वहां के अधिकांश लोग भारत के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते है और कुछ गिने चुने ही हैं जिन्हें भटकाया गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अभी दो दिन पहले ही अडवांस्ड मल्टीरोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के एक्जिक्यूशन मॉडल को मंजूरी दी है। ये भारत की डिफेंस कैपेबिलिटी मज़बूती प्रदान करने के साथ-साथ देश में एयरोस्पेस सेक्टर को एक नई ऊंचाई देगा।
उन्होंने कहा कि अडवांस्ड मल्टीरोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट के अंतर्गत पांच प्रोटोटाइप डिवेलप करने की योजना है जिसका बाद में सीरियल प्रॉडक्शन होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि पहली बार किसी मेगा डिफेंस प्रोजेक्ट में पब्लिक सेक्टर कंपनियों के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर को भी भागीदारी करने का मौका मिलेगा।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।