नई दिल्ली, 29 मई 2025 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने इंटर-सेविस संगठन अधिनियम (आईएसओ एक्ट) के तहत नए नियमों को अधिसूचित किया है, जिससे सेना के विभिन्न अंगों में एकजुटता और कमांड की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम सेना के संचालन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी गजट अधिसूचना 27 मई को जारी की गई थी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये नियम इंटर-सेविस संगठन के कमांड, नियंत्रण और अनुशासन को बेहतर बनाने में मदद करेंगे, जिससे सेना के कई अंगों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित होगा।
*अब पूर्ण रूप से लागू हुआ इंटर-सेविस संगठन अधिनियम 2023*
इन नियमों के अधिसूचना के बाद, इंटर-सेविस संगठन (कमांड, कंट्रोलऔर डिसिप्लिन) अधिनियम 2023 अब पूर्ण रूप से लागू हो गया है। इससे आईएसओ के प्रमुखों को अधिक अधिकार मिलेंगे, जिससे वे जल्दी से अनुशासनात्मक मामलों का निपटारा कर सकेंगे और प्रक्रियाओं में किसी तरह की दोहराव से बच सकेंगे।
*किस-किस को क्या अधिकार मिलेगा?*
वहीं रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया कि इस अधिनियम से कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को यह अधिकार मिलेगा कि वे अपने तहत कार्यरत सेवा कर्मियों पर कमांड और नियंत्रण स्थापित करें, जिससे इन संगठनों में अनुशासन और प्रशासन प्रभावी तरीके से बनाए रखा जा सके। यह बिना किसी भी सेवा की विशेष शर्तों को बदले हुए होगा। इन नए नियमों का उद्देश्य अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने में मदद करना है। ये नियम आईएसओ के संचालन के लिए अनुशासन, प्रशासनिक नियंत्रण और ऑपरेशनल सामंजस्य के लिए एक मजबूत ढांचा स्थापित करेंगे।
*2023 के मानसून सत्र में पास हुआ था बिल*
यह बिल 2023 के मानसून सत्र में दोनों सदनों की तरफ से पास किया गया था और राष्ट्रपति की सहमति 15 अगस्त 2023 को प्राप्त हुई थी। यह अधिनियम 10 मई 2024 से प्रभावी हो गया है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।