Sunday, June 29, 2025

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दिल्ली एम्स में दी गई साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग, कर्मचारियों को सतर्क रहने की सलाह

कई महीनों तक एम्स में सर्वर डाउन रहा था, इसके चलते ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, अपॉइंटमेंट, ऑनलाइन रिपोर्ट समेत एम्स की सभी डिजिटल सेवाएं प्रभावित हुई थीं।

नई दिल्ली, 26 मई 2025 (यूटीएन)। एम्स के कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। 16 से 23 मई तक चले इस प्रशिक्षण के दौरान अस्पताल के सभी कर्मचारियों को संदिग्ध ईमेल और फर्जी फोन कॉल से बचने की सलाह दी गई। साथ ही डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं से बचाव का तरीका भी बताया गया। एम्स के निदेशक डॉ. एम निवासन की ओर से जारी आदेश के तहत कर्मचारियों को यह प्रशिक्षण दिया गया।
ताकि कर्मचारी साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें। बता दें कि एम्स में साइबर अटैक की घटना हो चुकी है। नवंबर 2022 में एम्स के सर्वर पर रैनसमवेयर अटैक हुआ था। इसके चलते एम्स के सर्वर ने काम करना बंद कर दिया था। कई महीनों तक एम्स में सर्वर डाउन रहा था। इसके चलते ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, अपॉइंटमेंट, ऑनलाइन रिपोर्ट समेत एम्स की सभी डिजिटल सेवाएं प्रभावित हुई थीं
फिर फर्जी ईमेल के जरिए एम्स के सर्वर को हैक कर लिया गया। इसके बाद नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने हाल के दिनों में दुनिया के कई हिस्सों में तनाव को देखते हुए अपने कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग दी।
संस्थान के प्रबंधन का मानना ​​है कि मौजूदा हालात में साइबर सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। ताकि हैकर दोबारा साइबर अटैक कर अस्पताल के डेटा में सेंध न लगा सके।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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दिल्ली एम्स में दी गई साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग, कर्मचारियों को सतर्क रहने की सलाह

कई महीनों तक एम्स में सर्वर डाउन रहा था, इसके चलते ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, अपॉइंटमेंट, ऑनलाइन रिपोर्ट समेत एम्स की सभी डिजिटल सेवाएं प्रभावित हुई थीं।

नई दिल्ली, 26 मई 2025 (यूटीएन)। एम्स के कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। 16 से 23 मई तक चले इस प्रशिक्षण के दौरान अस्पताल के सभी कर्मचारियों को संदिग्ध ईमेल और फर्जी फोन कॉल से बचने की सलाह दी गई। साथ ही डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं से बचाव का तरीका भी बताया गया। एम्स के निदेशक डॉ. एम निवासन की ओर से जारी आदेश के तहत कर्मचारियों को यह प्रशिक्षण दिया गया।
ताकि कर्मचारी साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें। बता दें कि एम्स में साइबर अटैक की घटना हो चुकी है। नवंबर 2022 में एम्स के सर्वर पर रैनसमवेयर अटैक हुआ था। इसके चलते एम्स के सर्वर ने काम करना बंद कर दिया था। कई महीनों तक एम्स में सर्वर डाउन रहा था। इसके चलते ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, अपॉइंटमेंट, ऑनलाइन रिपोर्ट समेत एम्स की सभी डिजिटल सेवाएं प्रभावित हुई थीं
फिर फर्जी ईमेल के जरिए एम्स के सर्वर को हैक कर लिया गया। इसके बाद नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने हाल के दिनों में दुनिया के कई हिस्सों में तनाव को देखते हुए अपने कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग दी।
संस्थान के प्रबंधन का मानना ​​है कि मौजूदा हालात में साइबर सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। ताकि हैकर दोबारा साइबर अटैक कर अस्पताल के डेटा में सेंध न लगा सके।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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