नई दिल्ली, 25 मई 2025 (यूटीएन)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने तुर्की और अजरबैजान से सेब के आयात पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया. उन्होंने भारत मंडपम में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद यह अनुरोध किया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह इस पर विचार करेंगे. इसके साथ ही सुखविंदर सिंह सुखू ने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार की लागत को केंद्र सरकार के साथ साझा करने की राज्य की मांग भी रखी.
*सुक्खू की डिमांड मोदी भी नहीं कर सके मना*
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया, ‘नीति आयोग की बैठक के बाद मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें हिमाचल प्रदेश के बागवानों की समस्या से अवगत कराया. मैंने प्रधानमंत्री जी को बताया कि बाहरी देशों से आयात होने वाले सेबों के कारण हिमाचल प्रदेश के बागवानों के सेबों के दाम गिर जाते हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान होता है. तुर्किए और अन्य देशों से होने वाला आयात इस नुकसान को और बढ़ा देता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम प्रयास करेंगे कि हिमाचल के बागवानों को नुकसान न हो.
*तुर्की और अजरबैजान से तनाव*
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने तुर्की और अजरबैजान से सेब के आयात पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध ऐसे समय किया है, जब दोनों देशों से तनाव चल रहा है. बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान दोनों देशों ने पाकिस्तान को सार्वजनिक समर्थन दिया है, जिसके बाद से भारत से टेंशन बढ़ गई है.
*सीएम सुक्खू ने हिमाचल के लिए मांगी अधिक निधि*
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को नई दिल्ली में वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया से भेंट की. इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ मौजूद राज्य सरकार के अधिकारियों ने आयोग के समक्ष प्रस्तुति दी और राज्य की ओर से एक ज्ञापन भी सौंपा. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के लिए निधि आवंटन बढ़ाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि देश के पहाड़ी राज्य भौगोलिक दृष्टि से विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हैं। इसी कारण उन्हें उनका उचित हक मिलना चाहिए. प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए राज्य की सेवाओं के लिए ग्रीन बोनस की मांग भी की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी के कारण राज्य को नुकसान हुआ है और इसके लिए राज्य को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए राजस्व घाटा अनुदान को बढ़ाया जाना चाहिए, न कि धीरे-धीरे समाप्त किया जाए. मुलाकात के दौरान डॉ. पनगढ़िया ने आश्वासन दिया.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।