Thursday, April 24, 2025

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जिला पूर्ति विभाग के कार्यालय में राशन कार्ड में अजब-गजब खेल: मृतकों को राशन, जीवितों को आश्वासन

सरकार की ओर से जारी होने वाले ऑनलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र का सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एकीकृत प्रबंधन आईएमपीएस माध्यम से कार्डधारकों का मिलान किया गया तो इसका खुलासा हुआ, मथुरा जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय के यहां से इन मृतकों के नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

मथुरा, 21 मार्च 2025 (यूटीएन)। जिला पूर्ति विभाग के दफ्तर में चक्कर लगाने के बाद भी लोगों के राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं, जबकि शासन से मिली सूची में 10,800 लोग ऐसे हैं जो मौत के बाद भी हर माह निशुल्क राशन ले रहे हैं। जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 18,63,437 लोगों को हर माह राशन दिया जा रहा है। इसमें से 10,800 लोगों की मौत हो चुकी है।

इसके बावजूद परिजन मृतकों के नाम पर भी राशन ले रहे हैं। शासन की ओर से जारी ऑनलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र का जब इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (आईएमपीएस) के जरिए कार्डधारकों से मिलान किया गया तो इसका खुलासा हुआ। मथुरा जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय से इन मृतकों के नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

राशन कार्ड में भी अजब-गजब खेल चल रहे हैं…………

लगभग 130 रुपये का बनता है। ऐसे में 10,800 लोग जो मर गए हैं उनके परिजन लगभग 14 लाख रुपये का राशन हर माह डकार रहे। जिले में 78 प्रतिशत लोगों की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो गई है। जिला पूर्ति अधिकारी सतीश कुमार मिश्रा ने बताया कि मृतकों के नाम कार्ड से हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। लगातार ई-केवाईसी करने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले दिनों शासन ने अपात्र और मृतकों का पता करने के लिए कार्डधारकों की ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी। विभाग ने अब इस प्रक्रिया को तेज कर दिया है। 

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जिला पूर्ति विभाग के कार्यालय में राशन कार्ड में अजब-गजब खेल: मृतकों को राशन, जीवितों को आश्वासन

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मथुरा, 21 मार्च 2025 (यूटीएन)। जिला पूर्ति विभाग के दफ्तर में चक्कर लगाने के बाद भी लोगों के राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं, जबकि शासन से मिली सूची में 10,800 लोग ऐसे हैं जो मौत के बाद भी हर माह निशुल्क राशन ले रहे हैं। जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 18,63,437 लोगों को हर माह राशन दिया जा रहा है। इसमें से 10,800 लोगों की मौत हो चुकी है।

इसके बावजूद परिजन मृतकों के नाम पर भी राशन ले रहे हैं। शासन की ओर से जारी ऑनलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र का जब इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (आईएमपीएस) के जरिए कार्डधारकों से मिलान किया गया तो इसका खुलासा हुआ। मथुरा जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय से इन मृतकों के नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

राशन कार्ड में भी अजब-गजब खेल चल रहे हैं…………

लगभग 130 रुपये का बनता है। ऐसे में 10,800 लोग जो मर गए हैं उनके परिजन लगभग 14 लाख रुपये का राशन हर माह डकार रहे। जिले में 78 प्रतिशत लोगों की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो गई है। जिला पूर्ति अधिकारी सतीश कुमार मिश्रा ने बताया कि मृतकों के नाम कार्ड से हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। लगातार ई-केवाईसी करने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले दिनों शासन ने अपात्र और मृतकों का पता करने के लिए कार्डधारकों की ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी। विभाग ने अब इस प्रक्रिया को तेज कर दिया है। 

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