सीतापुर, 20 मार्च 2025 (यूटीएन)। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या को एक सप्ताह बीत चुका है। इस हत्याकांड में पुलिस अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। पुलिस बार-बार जांच की दिशा बदल रही है। इस पर सवाल उठ रहे हैं। पहले खाद्यान्न घोटाला, जमीन खरीद-फरोख्त और एक महिला से अवैध संबंधों की थ्योरी सामने आई थी। अब इस हत्याकांड को आध्यात्मिक गुरु से विवाद और उसके शिष्य से संबंधों की दिशा में मोड़ने की कोशिश की जा रही है। अब एक नई जांच थ्योरी सामने आई है। बताया गया है कि हत्या का संबंध एक तथाकथित आध्यात्मिक गुरु और उसके शिष्य के बीच कथित संबंधों से हो सकता है।
इस थ्योरी के सामने आने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया है। पुलिस की इस नई थ्योरी को मृतक राघवेंद्र बाजपेयी की पत्नी रश्मि बाजपेयी ने खुद खारिज कर दिया है। रश्मि ने मीडिया के सामने आकर पुलिस द्वारा बनाई जा रही कहानियों से असहमति जताई और कहा कि इनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। 8 मार्च को लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेमपुर क्रॉसिंग फ्लाईओवर पर दिनदहाड़े हमलावरों ने पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक की पत्नी रश्मि बाजपेई की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि हत्या की मुख्य वजह अखबार में छपी खबर है। घटना राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिनदहाड़े हुई, इसलिए पुलिस पर भारी दबाव है।
हत्या की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने कई लेखपालों, रिटायर्ड फौजियों, कुछ अपराधियों समेत करीब 25 लोगों को हिरासत में लिया और 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की। सर्विलांस टीम ने हजारों फोन कॉल और सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। पिछले दो दिनों में सीतापुर पुलिस ने कुछ पत्रकारों को बुलाकर नई जांच थ्योरी पेश की। बिना कोई लिखित प्रेस नोट या बाइट जारी किए पुलिस ने कहा कि हत्या का मामला मृतक पत्रकार के एक तथाकथित आध्यात्मिक गुरु और उसके शिष्य से कथित संबंधों से जुड़ा हो सकता है। इस थ्योरी के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इसका कड़ा विरोध हुआ। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की पत्नी रश्मि बाजपेयी ने कहा कि बाबा का यह खुलासा पूरी तरह से गलत है। यह बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि ये बड़े राजनीतिक लोग खुद को बचाने के लिए सब कुछ कर रहे हैं।
रश्मि ने कहा कि उनका बाबा के स्थान से कोई लेना-देना नहीं है, वह उनके स्थान पर पूजा करने जाते थे और उनका उनसे कोई लेना-देना नहीं है। रश्मि ने कहा कि गुरुवार रात को बाबा उन्हें छोड़ने आए थे, फिर शुक्रवार सुबह वह पूजा करने गए, शनिवार को भी वह पूजा करने गए, जिस दिन हत्या हुई, जब ऐसी स्थिति थी तो वह बाबा के स्थान पर पूजा करने क्यों गए। रश्मि ने सवाल उठाया है कि जब बाबा पर शक था तो उन्हें पहले क्यों नहीं पकड़ा गया। रश्मि ने लखीमपुर वाली थ्योरी पर भी सवाल उठाए। रश्मि ने कहा कि 26 तारीख को रुद्राभिषेक हुआ था और 9 फरवरी को वे एक लड़के का इलाज कराने गए थे और एक बार वे मेंढक बाबा के स्थान पर पूजा कराने गए थे। यही तीन स्थान पुलिस को मिले हैं। इसके अलावा लखीमपुर से कोई संबंध नहीं है।