नई दिल्ली, 15 मार्च 2025 (यूटीएन)। पाकिस्तान ने हाल ही में बलूचिस्तान प्रांत में हुई ट्रेन अपहरण की घटना के लिए भारत को दोषी ठहराने की कोशिश की। 11 मार्च को क्वेटा से पेशावर के लिए रवाना हुई जफर एक्सप्रेस पर बेलोन हिल्स में हथियारबंद हमलावरों ने हमला किया। इस हमले में 21 यात्रियों सहित 58 लोग मारे गए। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शौकत अली खान ने कहा कि हमलावरों के नेता अफगानिस्तान में स्थित थे और कथित तौर पर भारत द्वारा प्रायोजित थे। भारत ने पाकिस्तान के उन निराधार आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है जिसमें पाकिस्तान ने अपने आंतरिक मुद्दों के लिए भारत को दोषी ठहराने की कोशिश की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को दूसरों पर उंगली उठाने और अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए बाहरी ताकतों को दोष देने के बजाय आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। उदाहरण के लिए, नवंबर 2020 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत पर पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारतीय विदेश मंत्रालय ने दृढ़ता से खारिज कर दिया था। भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को अपनी धरती से आतंकवाद का समर्थन करना बंद करना होगा।
भारत का मानना है कि सभी द्विपक्षीय मुद्दों को शांतिपूर्ण और आतंकवाद मुक्त वातावरण में हल किया जाना चाहिए। पाकिस्तान की ओर से इस तरह के आरोप उसकी आंतरिक राजनीतिक और आर्थिक विफलताओं से ध्यान हटाने की कोशिश है। विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान अपनी घरेलू समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करता रहता है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भी पाकिस्तान के आरोपों का कड़ा जवाब दिया है। भारत ने पाकिस्तान को उसके खुद के मानवाधिकार उल्लंघन और आतंकवाद को समर्थन देने के लिए फटकार लगाई है। भारत ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और वहां विकास और सुशासन भारत का आंतरिक मामला है।
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