अमेरिकी,12 मार्च 2025 (यूटीएन)। कंपनियों को फायदा होगा और नौकरियां बढ़ेंगी। लेकिन, आलोचकों का कहना है कि इससे कीमतें बढ़ेंगी और व्यापार युद्ध छिड़ सकता है। ये टैक्स कई देशों के साथ अमेरिका के संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। खासकर कनाडा और यूरोपीय संघ के साथ, जिन पर पहले छूट दी गई थी। ट्रंप ने व्यापार को लेकर हमेशा सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कई देशों के साथ व्यापार समझौतों पर फिर से बातचीत की है। उनका मानना है कि मौजूदा समझौते अमेरिका के लिए अनुमति हैं।
स्टील और एल्युमीनियम पर टैक्स उनकी इसी नीति का हिस्सा हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम आयात पर फिर से टैरिफ लगा दिए हैं। ये टैरिफ बुधवार से लागू हो गए हैं। पहले जो छूट, कोटा और कुछ उत्पादों को बाहर रखा गया था, वो अब खत्म हो गए हैं। ट्रंप अमेरिका के फायदे के लिए वैश्विक व्यापार को बदलना चाहते हैं। इस कदम से उनकी ये कोशिश और तेज हो गई है।
अब सभी स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25% टैक्स लगेगा। साथ ही, इन मेटल्स से बने नट, बोल्ट, बुलडोजर ब्लेड और सोडा कैन जैसे सैकड़ों उत्पादों पर भी टैक्स बढ़ा दिया गया है। इसका मकसद अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों को बचाना है। इसका असर भारत के स्टील निर्यात पर पड़ेगा। उनके उत्पाद महंगे पड़ेंगे। यह कदम उनकी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को घटाएगा। इससे पहले कुछ देशों को इन टैक्स से छूट मिली हुई थी। लेकिन, अब ये छूट खत्म हो गई है। इससे वैश्विक व्यापार में और उथल-पुथल मच सकती है।
टैक्स की समयसीमा से पहले टेंशन बढ़ गया था। ट्रंप ने कनाडा से आने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर टैक्स दोगुना करके 50% करने की धमकी दी थी। लेकिन, बाद में वह पीछे हट गए। ओंटारियो के प्रीमियर डग फोर्ड ने मिनेसोटा, मिशिगन और न्यूयॉर्क को बिजली निर्यात पर अपने प्रांत का 25% सरचार्ज हटाने पर सहमति जताई थी। यह सरचार्ज तब तक हटा रहेगा जब तक अमेरिका के पुराने टैक्स वापस नहीं ले लिए जाते।
कई देश इसका विरोध कर रहे हैं और जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर अलग-अलग टैरिफ लगाए हैं। साथ ही दो अप्रैल से यूरोपीय संघ, ब्राजील और दक्षिण कोरिया से आयात पर भी ‘जवाबी’ दरों पर टैक्स लगाने की योजना बनाई है।