नई दिल्ली, 12 मार्च 2025 (यूटीएन)। भारत में 200 डायमंड डीए 40 एनजी ट्रेनर विमानों के निर्माण और आपूर्ति के लिए यह एक ऐतिहासिक समझौता है। यह रणनीतिक साझेदारी भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत की गई है। इसका उद्देश्य वाणिज्यिक पायलट प्रशिक्षण क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। इस पहल के माध्यम से देशभर के एफटीओ को उन्नत प्रशिक्षण विमानों की निरंतर और किफायती आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इस समझौते के तहत, एसीआई एक केंद्रीय समन्वयक के रूप में कार्य करेगा, जो मांग को एकत्रित करने, विमान आवेदन का प्रबंधन करने और एफटीओ को सुचारू रूप से विमान हस्तांतरित करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएगा।
एसएसआईपीएल,ऑस्ट्रिया की डायमंड एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में, भारत में एक अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा स्थापित करेगा, जहां डीए 40 एनजी विमानों का उत्पादन, रखरखाव और संपूर्ण जीवन चक्र समर्थन प्रदान किया जाएगा। भारत के सबसे बड़े ट्रेनर विमान ऑर्डर से पायलट प्रशिक्षण अवसंरचना को मजबूती मिलेगी। एशिया फ्लाइट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन के लिए विमान बुकिंग की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे प्रशिक्षण क्षमता में विस्तार होगा। इससे हजारों नई नौकरियां उत्पन्न होंगी। पहली डिलीवरी मई 2025 तक होने की उम्मीद है। वार्षिक उत्पादन 100 विमानों तक बढ़ेगा। यह सब ‘मेक इन इंडिया’ की पहल के अंतर्गत होगा।
इस समझौते से विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। दो तीन वर्षों में डायमंड डीए 40 एनजी ट्रेनर विमानों को तैयार करने में मामले में देश चालीस फीसदी आत्मनिर्भरता हासिल करेगा। यह एमओयू एसएआईपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वैभव डी. और एशिया के महासचिव कैप्टन अरविंद बडोनी ने किंजरापू राममोहन नायडू, नागरिक उड्डयन मंत्री, भारत सरकार और कीर्ति वर्धन सिंह विदेश राज्य मंत्री और एयरो क्लब ऑफ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में औपचारिक रूप दिया है। इस साझेदारी की प्रमुख विशेषताएं हैं।
एसएसआईपीएल मई 2025 तक विमान डिलीवरी शुरू करेगा, जिसमें 2025 के अंत तक 70 विमानों की प्रारंभिक आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद वार्षिक उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 100 विमान तक किया जाएगा। यह पहल दुनिया के सबसे बड़े ट्रेनर विमान ऑर्डरों में से एक है, जो भारत की पायलट प्रशिक्षण अवसंरचना को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। लगभग पांच वर्ष में यह आत्मनिर्भरता 70 फीसदी तक पहुंचेगी। भारत की पायलट प्रशिक्षण क्षमता को बढ़ावा देने सक्थि एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री और एयरो क्लब ऑफ इंडिया ने डीए 40 एनजी ट्रेनर विमान के निर्माण के लिए की महत्वपूर्ण साझेदारी की है। यह समझौता भारत को दुनिया में पायलटों की ट्रेनिंग के क्षेत्र में सिरमौर बनाने की तरफ ले जाएगा। अगले 10 वर्ष में 10,000 पायलट तैयार होंगे।
मंगलवार को एयरो क्लब ऑफ इंडिया और एसएआईपीएल के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ है। इसके तहत एयरो क्लब ऑफ इंडिया को 200 विमान मिलेंगे। यह देश में पहली बार निजी क्षेत्र द्वारा ट्रेनर विमान निर्माण की पहल है। इस समझौते से पायलट प्रशिक्षण क्षमता का विस्तार होगा। इस साझेदारी के तहत प्रति वर्ष 1,000 पायलटों को प्रशिक्षित करने और अगले 10 वर्षों में 10,000 पायलटों को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे वे विभिन्न प्रकार के वाणिज्यिक विमानों का संचालन करने में सक्षम होंगे। एशियाई वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी करके एफटीओ के लिए लीज व्यवस्था उपलब्ध कराई गई, जिससे पूंजीगत लागत कम होगी और प्रशिक्षण अधिक सुलभ बनेगा।
पूरे भारत में उच्च गुणवत्ता वाले डीए 40 एनजी विमान की तैनाती से पायलट प्रशिक्षण को मानकीकृत किया जाएगा, जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता और सुरक्षा स्तर में सुधार होगा। आईपीएल के इस महत्वपूर्ण निवेश से लगभग 250 प्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न होंगी, साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से कई गुना अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। एयरो क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजीव प्रताप रूडी ने कहा, सक्थि एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री के साथ यह साझेदारी भारत के विमानन क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डायमंड डीए 40 एनजी विमानों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करके, हम कुशल पायलटों की बढ़ती मांग को पूरा करने और उड़ान प्रशिक्षण अवसंरचना को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।
यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के अनुरूप है। देश को विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और उत्कृष्टता की ओर ले जाएगी। वैभव डी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सक्थि एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, हमें एयरो क्लब ऑफ इंडिया के साथ मिलकर भारत की विमानन निर्माण और प्रशिक्षण क्षमताओं को मजबूत करने पर गर्व है। डीए 40 एमजी का स्थानीय निर्माण न केवल ट्रेनर विमानों की कमी को दूर करेगा, बल्कि नवाचार को बढ़ावा देगा, उच्च कौशल वाली नौकरियों का सृजन करेगा और भारत को एक वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह साझेदारी भारतीय विमानन उद्योग के भविष्य में निवेश करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री, किंजरापू राममोहन नायडू ने कहा, मैं एरो क्लब ऑफ इंडिया और शक्ति एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड को इस ऐतिहासिक अवसर पर हार्दिक बधाई देता हूं।
इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना हमारे उस लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके तहत हम भारत को उड़ान प्रशिक्षण संगठनों का वैश्विक केंद्र बनाना चाहते हैं। शक्ति एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री की पहल सराहनीय है। यह भारत में प्रशिक्षण विमान बनाने वाली पहली निजी कंपनी बनी है। यह उपलब्धि हमारे देश की एयरोस्पेस नवाचार और विनिर्माण क्षमताओं की वृद्धि का प्रमाण है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इन विमानों के स्वदेशी निर्माण से न केवल आयात पर हमारी निर्भरता कम होगी, बल्कि भारत में पायलट प्रशिक्षण के लिए एक आत्मनिर्भर तंत्र को भी मजबूती मिलेगी।