Wednesday, November 12, 2025

National

spot_img

विधान सभाएँ हमारी संसदीय प्रणाली का एक प्रमुख स्तंभ हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति ने उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों से विकास और जन कल्याण के कार्यों को पूर्ण समर्पण के साथ करने का आग्रह किया, उन्होंने कहा कि ऐसा कार्य दलगत राजनीति से ऊपर होता है।

नई दिल्ली, 03 नवंबर 2025 (यूटीएन)। राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू ने आज  उत्तराखंड राज्य के गठन की रजत जयंती के अवसर पर देहरादून, उत्तराखंड में उत्तराखंड विधान सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि विधान सभाएँ हमारी संसदीय प्रणाली का एक प्रमुख स्तंभ हैं। बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने संसदीय प्रणाली को अपनाकर निरंतर जवाबदेही को अधिक महत्व दिया। जनता के प्रति निरंतर जवाबदेही संसदीय प्रणाली की एक ताकत और चुनौती दोनों है। राष्ट्रपति ने कहा कि विधायक जनता और सरकार के बीच सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से जुड़ने और जमीनी स्तर पर उनकी सेवा करने का अवसर प्राप्त करना एक बड़ा सौभाग्य है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि विधायक जन समस्याओं के समाधान और उनके कल्याण के लिए सक्रिय रूप से कार्य करते रहें, तो जनता और उनके प्रतिनिधियों के बीच विश्वास का बंधन अटूट रहेगा।
राष्ट्रपति ने उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों से विकास और जन कल्याण के कार्यों को पूर्ण समर्पण के साथ करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कार्य दलगत राजनीति से ऊपर होता है। उन्होंने उन्हें समाज के वंचित वर्गों के कल्याण और विकास के लिए विशेष संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को विकास के अवसर प्रदान करना भी उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत, हमारे संविधान निर्माताओं ने सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता का प्रावधान किया था। उन्होंने संवैधानिक निर्देशों के अनुरूप समान नागरिक संहिता विधेयक को लागू करने के लिए उत्तराखंड विधान सभा के सदस्यों की सराहना की। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि उत्तराखंड विधान सभा में 550 से अधिक विधेयक पारित हो चुके हैं, जिनमें उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, उत्तराखंड ज़मींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार विधेयक, और नकल विरोधी विधेयक शामिल हैं। उन्होंने पारदर्शिता, नैतिकता और सामाजिक न्याय से प्रेरित होकर ऐसे विधेयक पारित करने के लिए विधायकों की सराहना की।राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड अद्वितीय प्राकृतिक संपदा और सौंदर्य से संपन्न है।
राज्य को प्रकृति के इन उपहारों का संरक्षण करते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड के लोगों ने विकास की प्रभावशाली उपलब्धियाँ हासिल की हैं। राज्य ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के क्षेत्रों में सराहनीय प्रगति की है। डिजिटल और भौतिक कनेक्टिविटी तथा बुनियादी ढाँचे के विकास में भी प्रगति हुई है। व्यापक विकास प्रयासों के परिणामस्वरूप, उत्तराखंड ने मानव विकास सूचकांकों के कई मानकों पर सुधार किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ, उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य राज्य और देश को तीव्र विकास के पथ पर आगे ले जाते रहेंगे।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

International

spot_img

विधान सभाएँ हमारी संसदीय प्रणाली का एक प्रमुख स्तंभ हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति ने उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों से विकास और जन कल्याण के कार्यों को पूर्ण समर्पण के साथ करने का आग्रह किया, उन्होंने कहा कि ऐसा कार्य दलगत राजनीति से ऊपर होता है।

नई दिल्ली, 03 नवंबर 2025 (यूटीएन)। राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू ने आज  उत्तराखंड राज्य के गठन की रजत जयंती के अवसर पर देहरादून, उत्तराखंड में उत्तराखंड विधान सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि विधान सभाएँ हमारी संसदीय प्रणाली का एक प्रमुख स्तंभ हैं। बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने संसदीय प्रणाली को अपनाकर निरंतर जवाबदेही को अधिक महत्व दिया। जनता के प्रति निरंतर जवाबदेही संसदीय प्रणाली की एक ताकत और चुनौती दोनों है। राष्ट्रपति ने कहा कि विधायक जनता और सरकार के बीच सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से जुड़ने और जमीनी स्तर पर उनकी सेवा करने का अवसर प्राप्त करना एक बड़ा सौभाग्य है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि विधायक जन समस्याओं के समाधान और उनके कल्याण के लिए सक्रिय रूप से कार्य करते रहें, तो जनता और उनके प्रतिनिधियों के बीच विश्वास का बंधन अटूट रहेगा।
राष्ट्रपति ने उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों से विकास और जन कल्याण के कार्यों को पूर्ण समर्पण के साथ करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कार्य दलगत राजनीति से ऊपर होता है। उन्होंने उन्हें समाज के वंचित वर्गों के कल्याण और विकास के लिए विशेष संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को विकास के अवसर प्रदान करना भी उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत, हमारे संविधान निर्माताओं ने सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता का प्रावधान किया था। उन्होंने संवैधानिक निर्देशों के अनुरूप समान नागरिक संहिता विधेयक को लागू करने के लिए उत्तराखंड विधान सभा के सदस्यों की सराहना की। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि उत्तराखंड विधान सभा में 550 से अधिक विधेयक पारित हो चुके हैं, जिनमें उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, उत्तराखंड ज़मींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार विधेयक, और नकल विरोधी विधेयक शामिल हैं। उन्होंने पारदर्शिता, नैतिकता और सामाजिक न्याय से प्रेरित होकर ऐसे विधेयक पारित करने के लिए विधायकों की सराहना की।राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड अद्वितीय प्राकृतिक संपदा और सौंदर्य से संपन्न है।
राज्य को प्रकृति के इन उपहारों का संरक्षण करते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड के लोगों ने विकास की प्रभावशाली उपलब्धियाँ हासिल की हैं। राज्य ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के क्षेत्रों में सराहनीय प्रगति की है। डिजिटल और भौतिक कनेक्टिविटी तथा बुनियादी ढाँचे के विकास में भी प्रगति हुई है। व्यापक विकास प्रयासों के परिणामस्वरूप, उत्तराखंड ने मानव विकास सूचकांकों के कई मानकों पर सुधार किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ, उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य राज्य और देश को तीव्र विकास के पथ पर आगे ले जाते रहेंगे।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

National

spot_img

International

spot_img
RELATED ARTICLES