नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (यूटीएन)। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और कोरिया अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ (केआईटीए) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित आठवां भारत-कोरिया व्यापार साझेदारी मंच आज नई दिल्ली में आयोजित हुआ जो भारत और कोरिया गणराज् य के बीच विकसित हो रही आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस मंच को संबोधित करते हुए, कोरिया के व्यापार उप मंत्री जोंगवोन पार्क ने भारत-कोरिया सहयोग की परिवर्तनकारी क्षमता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, “जब एक और एक मिलते हैं, तो वे ग्यारह बन जाते हैं। यदि भारत और कोरिया पारस्परिक रूप से लाभकारी तरीके से अपनी साझेदारी को बढ़ाते हैं, तो हम ग्यारह से कहीं अधिक तालमेल बना पाएंगे।” पार्क ने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए तीन रणनीतिक दिशाएँ बताईं।
पहला, औद्योगिक सहयोग को मज़बूत करना: दोनों देशों की पूरक औद्योगिक संरचनाओं का लाभ उठाते हुए, कोरिया का लक्ष्य स्थिर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और नए विकास इंजनों को सुरक्षित करने के लिए भारत की मेक इन इंडिया पहल के साथ जुड़ना है। दोनों सरकारों के परामर्श से कोरिया-भारत औद्योगिक सहयोग समिति की स्थापना से सीमा पार साझेदारी को और बढ़ावा मिलेगा। दूसरा, सीईपीए का उन्नयन: उन्होंने भारत-कोरिया व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) को उन्नत करने के लिए चल रही वार्ताओं को शीघ्र पूरा करने का आह्वान किया, जिसका उद्देश्य अधिक सुदृढ़ और गतिशील आर्थिक संबंधों के लिए उदारीकरण दरों और नियम मानकों को बढ़ाना है।
तीसरा, वैश्विक सहयोग का विस्तार: कोरिया की नई दक्षिणी नीति और भारत की एक्ट ईस्ट नीति पर प्रकाश डालते हुए पार्क ने अपने रणनीतिक प्रभाव को बढ़ाने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक मंच पर संयुक्त प्रयासों के महत्व पर बल दिया। भारत में कोरिया के माननीय राजदूत, सियोंग हो ली ने भारत की स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं और अनुसंधान एवं विकास में कोरियाई कंपनियों के निवेश के महत्व पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से जहाज निर्माण, अर्धचालक और एमएसएमई में सहयोग की “दूसरी लहर” की वकालत की, और परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, एआई और रक्षा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने पर जोर दिया।
कोरिया अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष सियोकमिन चांग ने कोरिया-भारत विनिमय समिति की स्थापना की योजना की घोषणा की, जो सीआईआई की कोरियाई समिति के समकक्ष कार्य करेगी और दोनों देशों के व्यावसायिक नेताओं के लिए एक संवाद मंच के रूप में कार्य करेगी। सीआईआई के मनोनीत अध्यक्ष आर. मुकुंदन ने ऑटोमोटिव, डिजिटल अर्थव्यवस्था और स्थिरता को सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में पहचाना। उन्होंने कहा कि भारत का नवीकरणीय ऊर्जा की ओर संक्रमण प्रौद्योगिकी सहयोग के नए अवसर प्रस्तुत करता है।
कोरिया के महावाणिज्यदूत, सीआईआई कोरिया परिषद के सह-अध्यक्ष शिव सिद्धांत कौल ने भविष्य की साझेदारियों को आगे बढ़ाने में उद्यमिता और हरित प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस मंच ने आर्थिक सहयोग को गहरा करने और व्यापार, प्रौद्योगिकी और रणनीतिक जुड़ाव में नए क्षेत्रों की खोज करने के लिए भारत और कोरिया की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।


