Saturday, October 25, 2025

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बाजार में बिक रहीं 112 दवाएं कर देंगी बीमार

इन 112 में 52 सैंपल्स की जांच सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेट्रीज ने की, जबकि 60 सैंपल्स को स्टेट लैब्स ने 'नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी' यानी मानक गुणवत्ता से कम पाया.

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025 (यूटीएन)। मरीजों की सेहत को दुरुस्त करने वाली दवाइयों की क्वालिटी को लेकर सरकार ने चौंकाने वाली जानकारी दी है. दरअसल, सितंबर 2025 के दौरान बाजार में दवाओं की जांच की गईं, जिनमें 112 दवाओं के सैंपल क्वालिटी चेक में फेल हो गए. इसका मतलब यह है कि मरीजों को ठीक करने वाली ये 112 दवाएं उन्हें बीमार कर सकती हैं. इन 112 में 52 सैंपल्स की जांच सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेट्रीज ने की, जबकि 60 सैंपल्स को स्टेट लैब्स ने ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी’ यानी मानक गुणवत्ता से कम पाया. वहीं, छत्तीसगढ़ में दवा का एक सैंपल नकली भी पाया गया. यह जानकारी हेल्थ मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने दी.
*क्या हैं एन एस क्यूं दवाइयां?*
हेल्थ मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि हर महीने दवाइयों की क्वालिटी चेक की जाती है. इसके लिए सेंट्रल और स्टेट की लैब्स में सैंपल्स टेस्ट किए जाते हैं. सितंबर में हुई इस जांच में कुल 112 दवाइयों के सैंपल मानक गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे. एन एस क्यूं का मतलब है कि ये दवाइयां एक या उससे ज्यादा क्वालिटी पैरामीटर्स में फेल हो गईं. इनमें दवा का असर करने वाला तत्व सही मात्रा में नहीं था या कोई और कमी थी.
अधिकारियों ने यह भी साफ किया कि यह खराबी सिर्फ उन सैंपल्स के बैच में थी, जिनकी जांच की गई. इसका मतलब यह नहीं कि उस कंपनी की दूसरी दवाइयां या उनके अन्य बैच भी खराब हैं. लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. यह जांच सिर्फ एक खास बैच की थी. मार्केट में उपलब्ध दूसरी दवाइयों पर इसका असर नहीं है.
*एक दवा मिली नकली*
इन 112 सैंपल्स के अलावा छत्तीसगढ़ में एक दवा का सैंपल नकली पाया गया। इस दवा को ऐसी कंपनी ने बनाया था, जिसके पास लाइसेंस ही नहीं था. इस कंपनी ने किसी दूसरी कंपनी के ब्रांड नेम का गलत इस्तेमाल किया. इसका मतलब यह है कि यह दवा पूरी तरह फर्जी थी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है.
*हर महीने होती है जांच*
दवाइयों का क्वालिटी चेक रेगुलर प्रोसेस है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन हर महीने दवाइयों के सैंपल्स की जांच करता है. इसके बाद जो दवाइयां क्वालिटी टेस्ट में फेल हो जाती हैं या नकली पाई जाती हैं, उनकी लिस्ट सीडीएससीओ की वेबसाइट पर डाली जाती है. सितंबर 2025 की इस लिस्ट में कुल 112 एनएसक्यू सैंपल्स और एक नकली दवा शामिल है.
*ऐसी दवाओं से कैसे बचें?*
पर्चे की जांच करें:दवा खरीदने से पहले उसका बैच नंबर और मैन्युफैक्चरिंग डेट चेक करें. सीडीएससीओ की वेबसाइट पर जाकर आप एन एस  क्यू दवाइयों की लिस्ट देख सकते हैं. लाइसेंस्ड दुकान से खरीदें: हमेशा किसी विश्वसनीय और लाइसेंस्ड मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदें. डॉक्टर से सलाह लें: अगर आपको दवा की क्वालिटी पर शक हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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बाजार में बिक रहीं 112 दवाएं कर देंगी बीमार

इन 112 में 52 सैंपल्स की जांच सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेट्रीज ने की, जबकि 60 सैंपल्स को स्टेट लैब्स ने 'नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी' यानी मानक गुणवत्ता से कम पाया.

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025 (यूटीएन)। मरीजों की सेहत को दुरुस्त करने वाली दवाइयों की क्वालिटी को लेकर सरकार ने चौंकाने वाली जानकारी दी है. दरअसल, सितंबर 2025 के दौरान बाजार में दवाओं की जांच की गईं, जिनमें 112 दवाओं के सैंपल क्वालिटी चेक में फेल हो गए. इसका मतलब यह है कि मरीजों को ठीक करने वाली ये 112 दवाएं उन्हें बीमार कर सकती हैं. इन 112 में 52 सैंपल्स की जांच सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेट्रीज ने की, जबकि 60 सैंपल्स को स्टेट लैब्स ने ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी’ यानी मानक गुणवत्ता से कम पाया. वहीं, छत्तीसगढ़ में दवा का एक सैंपल नकली भी पाया गया. यह जानकारी हेल्थ मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने दी.
*क्या हैं एन एस क्यूं दवाइयां?*
हेल्थ मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि हर महीने दवाइयों की क्वालिटी चेक की जाती है. इसके लिए सेंट्रल और स्टेट की लैब्स में सैंपल्स टेस्ट किए जाते हैं. सितंबर में हुई इस जांच में कुल 112 दवाइयों के सैंपल मानक गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे. एन एस क्यूं का मतलब है कि ये दवाइयां एक या उससे ज्यादा क्वालिटी पैरामीटर्स में फेल हो गईं. इनमें दवा का असर करने वाला तत्व सही मात्रा में नहीं था या कोई और कमी थी.
अधिकारियों ने यह भी साफ किया कि यह खराबी सिर्फ उन सैंपल्स के बैच में थी, जिनकी जांच की गई. इसका मतलब यह नहीं कि उस कंपनी की दूसरी दवाइयां या उनके अन्य बैच भी खराब हैं. लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. यह जांच सिर्फ एक खास बैच की थी. मार्केट में उपलब्ध दूसरी दवाइयों पर इसका असर नहीं है.
*एक दवा मिली नकली*
इन 112 सैंपल्स के अलावा छत्तीसगढ़ में एक दवा का सैंपल नकली पाया गया। इस दवा को ऐसी कंपनी ने बनाया था, जिसके पास लाइसेंस ही नहीं था. इस कंपनी ने किसी दूसरी कंपनी के ब्रांड नेम का गलत इस्तेमाल किया. इसका मतलब यह है कि यह दवा पूरी तरह फर्जी थी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है.
*हर महीने होती है जांच*
दवाइयों का क्वालिटी चेक रेगुलर प्रोसेस है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन हर महीने दवाइयों के सैंपल्स की जांच करता है. इसके बाद जो दवाइयां क्वालिटी टेस्ट में फेल हो जाती हैं या नकली पाई जाती हैं, उनकी लिस्ट सीडीएससीओ की वेबसाइट पर डाली जाती है. सितंबर 2025 की इस लिस्ट में कुल 112 एनएसक्यू सैंपल्स और एक नकली दवा शामिल है.
*ऐसी दवाओं से कैसे बचें?*
पर्चे की जांच करें:दवा खरीदने से पहले उसका बैच नंबर और मैन्युफैक्चरिंग डेट चेक करें. सीडीएससीओ की वेबसाइट पर जाकर आप एन एस  क्यू दवाइयों की लिस्ट देख सकते हैं. लाइसेंस्ड दुकान से खरीदें: हमेशा किसी विश्वसनीय और लाइसेंस्ड मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदें. डॉक्टर से सलाह लें: अगर आपको दवा की क्वालिटी पर शक हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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