Tuesday, October 7, 2025

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प्रक्रिया हाईजैक कर दलित और ओबीसी के वोट काटे जा रहे हैं: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों को बचा रहे हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है, वे उन्हें बचा रहे हैं, जिन्होंने वोट चोरी किया है।

नई दिल्ली, 18 सितम्बर (यूटीएन)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने चुनावी धांधली के आरोपों को और धार दी। राहुल गांधी ने कहा, ‘सबसे पहले, यह हाइड्रोजन बम नहीं है, हाइड्रोजन बम आने वाला है। यह इस देश के युवाओं को यह दिखाने और स्थापित करने में एक और मील का पत्थर है कि चुनावों में किस तरह धांधली की जा रही है।’ उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों को बचा रहे हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है। वे उन्हें बचा रहे हैं, जिन्होंने वोट चोरी किया है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘कर्नाटक में अलंद एक निर्वाचन क्षेत्र है। किसी ने 6018 वोटों को हटाने की कोशिश की। हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में अलंद में कुल कितने वोट हटाए गए। ये संख्या 6,018 से कहीं ज्यादा है, लेकिन कोई उन 6018 वोटों को हटाते हुए पकड़ा गया। यह संयोग से पकड़ा गया। हुआ यूं कि वहां के बूथ लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट हटा दिया गया है, तो उसने जांच की कि उसके चाचा का वोट किसने हटाया और उसने पाया कि वोट हटाने वाला एक पड़ोसी था। उसने अपने पड़ोसी से पूछा, लेकिन उन्होंने कहा कि मैंने कोई वोट नहीं हटाया। न तो वोट हटाने वाले व्यक्ति को और न ही जिसका वोट हटाया गया था, उसे पता था। किसी और ताकत ने इस प्रक्रिया को हाईजैक कर लिया और वोट हटा दिया। वोटों को हटाने का काम किसी व्यक्ति के जरिए नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके केंद्रीकृत तरीके से किया गया।
*कर्नाटक के बाहर विभिन्न राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल*
राहुल गांधी ने कहा कि अलंद में मतदाताओं के नाम पर 6018 आवेदन दाखिल किए गए। जिन लोगों ने ये आवेदन दाखिल किए, उन्होंने वास्तव में इन्हें कभी दाखिल ही नहीं किया। यह आवेदन एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके स्वचालित रूप से दाखिल किया गया। कर्नाटक के बाहर विभिन्न राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल अलंद में नंबरों को हटाने के लिए किया गया और यह कांग्रेस के मतदाताओं को निशाना बनाकर किया गया।
*’मैं यहां जो कर रहा हूं, वह मेरा काम नहीं‘*
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अदालत या किसी उच्चतर एजेंसी का रुख करेंगे तो राहुल गांधी ने कहा, ‘सच कहूं तो, मैं यहां जो कर रहा हूं, वह मेरा काम नहीं है। मेरा काम लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदारी करना है। मेरा काम लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करना नहीं है। यह भारत की संस्थाओं का काम है। वे ऐसा नहीं कर रही हैं, इसलिए मुझे यह करना पड़ रहा है। हमारी प्रस्तुति के अंत तक, जिसमें 2-3 महीने लगेंगे, आपके मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं रहेगा कि भारत में राज्य दर राज्य, लोकसभा दर लोकसभा चुनाव वोटों की चोरी हुई है।
*’ऐसी कोई बात नहीं कहने जा रहा हूं, जो 100 प्रतिशत प्रमाण पर आधारित न हो‘*
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं इस मंच पर ऐसी कोई बात नहीं कहने जा रहा हूं, जो 100 प्रतिशत सत्य पर आधारित न हो। मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो अपने देश से प्यार करता है, मैं अपने संविधान से प्यार करता हूं, मैं लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्यार करता हूं और मैं उस प्रक्रिया की रक्षा कर रहा हूं। मैं यहां ऐसी कोई बात नहीं कहने जा रहा हूं, जो 100 प्रतिशत प्रमाण पर आधारित न हो, जिसे आप निर्धारित कर सकें।
*सीरियल नंबर देखिए… एक सॉफ्टवेयर मतदान केंद्र में पहला नाम चुन रहा है‘*
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘आइए बात करते हैं कि यह कैसे किया जा रहा है और मैं क्यों ऐसा कह रहा हूं। हम कह रहे हैं कि यह एक केंद्रीकृत तरीके से किया जा रहा है और यह किसी व्यक्ति का उपयोग करके नहीं, बल्कि एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करके किया जा रहा है। सीरियल नंबर देखिए… एक सॉफ्टवेयर मतदान केंद्र में पहला नाम चुन रहा है और उसका उपयोग वोटों को हटाने के लिए कर रहा है।
किसी ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक स्वचालित कार्यक्रम चलाया कि मतदान केंद्र पर पहला मतदाता ही आवेदक हो। उसी व्यक्ति ने राज्य के बाहर से मोबाइल फोन मंगवाए, उनका उपयोग आवेदन दाखिल करने के लिए किया और हमें पूरा यकीन है कि यह एक केंद्रीकृत तरीके से और बड़े पैमाने पर किया गया था। यह किसी कार्यकर्ता के स्तर पर नहीं किया गया था। यह पूरी तरह से सरल स्तर पर किया गया था।
*कर्नाटक सीआईडी ने सितंबर तक 18 रिमाइंडर पत्र लिखे*
राहुल गांधी ने कहा कि 23 फरवरी को एफआईआर दर्ज की गई। कर्नाटक सीआईडी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मार्च में ही इन नंबरों और इन लेन-देन का पूरा विवरण मांगा। अगस्त में चुनाव आयोग ने जवाब दिया, कोई भी मांग पूरी नहीं की और हमें जानकारी नहीं दी। उसने कर्नाटक सीआईडी को वह जानकारी नहीं दी जो उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचा सके। 24 जनवरी को कर्नाटक सीआईडी ने चुनाव आयोग को फिर से पत्र लिखा और कहा कि कृपया हमें पूरी जानकारी भेजें। कोई जवाब नहीं। कर्नाटक सीआईडी ने 25 सितंबर तक 18 रिमाइंडर पत्र लिखे हैं। इसी बीच कर्नाटक के मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिल्ली में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि एक मामला है, कृपया यह जानकारी उपलब्ध कराएं। कर्नाटक के मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव आयोग से कई बार अनुरोध किया। अब यह इस बात का पक्का सबूत है कि ज्ञानेश कुमार ऐसा करने वालों को बचा रहे हैं। यह इस बात का भी पक्का सबूत है कि यह सब केंद्रीकृत तरीके से किया जा रहा है। बड़े पैमाने पर किया जा रहा है और बड़े संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
*कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में हो रहा*
राहुल गांधी ने कहा, ‘भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने वाले लोगों को बचाना बंद करना चाहिए। हमने आपको यहां 100% पुख्ता सबूत दे दिया है। चुनाव आयोग को इन फोन नंबरों, इन ओटीपी का डेटा एक हफ्ते के भीतर जारी करना होगा। महाराष्ट्र के राजुरा में 6815 लक्षित मतदाता जोड़े गए। अलंद में हमने हटाए गए मतदाता पकड़े, राजुरा में भी जोड़े गए, लेकिन मूल विचार वही है। यह वही व्यवस्था है, जो ऐसा कर रहा है। यह कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में हो रहा है, और हमारे पास इसके सबूत हैं।
*यह पिछले 10-15 साल से चल रहा है’*
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि यह पिछले 10-15 साल से चल रहा है। यह एक व्यवस्था है, यह एक ढांचा है। लोकतंत्र को हाईजैक कर लिया गया है। लोकतंत्र को केवल भारत के लोग ही बचा सकते हैं। कोई और लोकतंत्र को नहीं बचा सकता। राहुल गांधी यहां आकर कुछ भी कह सकते हैं और कह सकते हैं कि यह सच है, लेकिन भारत के लोग यह कर सकते हैं।
*राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें*
मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों को ‘बचा रहे’ हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को नष्ट किया है। कुछ लोग लाखों मतदाताओं के नाम हटाने के लिए उन्हें सुनियोजित तरीके से निशाना बना रहे हैं। अल्पसंख्यकों और दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। कर्नाटक के अलंद में कांग्रेस के मतदाताओं को निशाना बनाने के लिए फर्जी लोगों द्वारा 6018 वोट हटाने के आवेदन दायर किए गए। वोटों को हटाने का काम किसी व्यक्ति के जरिए नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके केंद्रीकृत तरीके से किया गया। कांग्रेस के गढ़ में योजनाबद्ध तरीके से वोटों को हटाया गया। कर्नाटक सीआईडी ने चुनाव आयोग से वोटों को हटाने के विवरण मांगते हुए जांच शुरू कर दी, लेकिन चुनाव आयोग विवरण नहीं दे रहा है।
चुनाव आयोग वोटरों के नाम हटाने का विवरण न देकर लोकतंत्र के ‘हत्यारों’ का बचाव कर रहा है।
कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए गए। मुख्य चुनाव आयुक्त को भारतीय लोकतंत्र की हत्या करने वाले लोगों की रक्षा करना बंद करना चाहिए। यह वोटों को हटाकर ‘वोट चोरी’ का एक और उदाहरण है। मुख्य चुनाव आयुक्त को एक हफ्ते के भीतर ‘वोट हटाने’ का विवरण देना चाहिए। हमारा काम आपके सामने सच्चाई पेश करना है। कानूनी व्यवस्था जैसी अन्य संस्थाएं भी हैं, जिन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए। मेरा काम लोकतांत्रिक व्यवस्था में भाग लेना है।
संवैधानिक संस्थाएं अपना काम ठीक से नहीं कर रही हैं। एक देशभक्त भारतीय होने के नाते, जो संविधान से प्रेम करता है, लोकतंत्र की रक्षा के लिए सच्चाई सामने लाना मेरा कर्तव्य है। लोकतंत्र को केवल भारत के लोग ही बचा सकते हैं। जिस दिन उन्हें यह एहसास होगा कि लोकतंत्र और संविधान की चोरी हो रही है, काम हो जाएगा।
*जल्द ही वोट चोरी पर हाइड्रोजन बम फोड़ेगी कांग्रेस*
इससे पहले राहुल ने पटना में 1 सितंबर को अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन कार्यक्रम में कहा था कि उनकी पार्टी जल्द ही वोट चोरी पर हाइड्रोजन बम फोड़ेगी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का सामना नहीं कर पाएंगे। इस बीच कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक पोस्ट किया। पोस्ट में पार्टी ने लिखा, ‘कुर्सी की पेटी बांध लीजिए पोस्ट के साथ पिछले महीने हुए संवाददाता सम्मेलन की एक वीडियो क्लिप भी साझा की गई है। ऐसे में अनुमान लगाया है कि इस बार भी राहुल गांधी ‘वोट चोरी’ का ही मुद्दा उठा सकते हैं। इस वीडियो की पृष्ठभूमि में सिद्धू मूसेवाला का गाना बज रहा है।
*राहुल गांधी के आरोप आरोप गलत और निराधार हैं: चुनाव आयोग*
चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए राहुल के सभी आरोपों को गलत ठहराया है. राहुल ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों को बचा रहे हैं.
इलेक्शन कमीशन ने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के कुछ ही मिनटों बाद जवाब दे दिया. आयोग ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ”राहुल गांधी के आरोप आरोप गलत और निराधार हैं.
*आयोग ने पोस्ट के जरिए कई बातें स्पष्ट की हैं*
कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन वोट डिलीट नहीं कर सकता. राहुल गांधी ने इसको लेकर गलत जानकारी दी है.
वोट डिलीट करने से पहले प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिया जाता है.
2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र में वोटर डिलीट करने की असफल कोशिश हुई थी, जिस पर चुनाव आयोग ने खुद एफआईआर दर्ज करवाई. चुनाव परिणाम: अलंद विधानसभा से 2018 में बीजेपी के सुबध गुट्टेदार जीते थे, जबकि 2023 में कांग्रेस के बी.आर. पाटिल जीते.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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राहुल गांधी ने कहा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों को बचा रहे हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है, वे उन्हें बचा रहे हैं, जिन्होंने वोट चोरी किया है।

नई दिल्ली, 18 सितम्बर (यूटीएन)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने चुनावी धांधली के आरोपों को और धार दी। राहुल गांधी ने कहा, ‘सबसे पहले, यह हाइड्रोजन बम नहीं है, हाइड्रोजन बम आने वाला है। यह इस देश के युवाओं को यह दिखाने और स्थापित करने में एक और मील का पत्थर है कि चुनावों में किस तरह धांधली की जा रही है।’ उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों को बचा रहे हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है। वे उन्हें बचा रहे हैं, जिन्होंने वोट चोरी किया है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘कर्नाटक में अलंद एक निर्वाचन क्षेत्र है। किसी ने 6018 वोटों को हटाने की कोशिश की। हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में अलंद में कुल कितने वोट हटाए गए। ये संख्या 6,018 से कहीं ज्यादा है, लेकिन कोई उन 6018 वोटों को हटाते हुए पकड़ा गया। यह संयोग से पकड़ा गया। हुआ यूं कि वहां के बूथ लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट हटा दिया गया है, तो उसने जांच की कि उसके चाचा का वोट किसने हटाया और उसने पाया कि वोट हटाने वाला एक पड़ोसी था। उसने अपने पड़ोसी से पूछा, लेकिन उन्होंने कहा कि मैंने कोई वोट नहीं हटाया। न तो वोट हटाने वाले व्यक्ति को और न ही जिसका वोट हटाया गया था, उसे पता था। किसी और ताकत ने इस प्रक्रिया को हाईजैक कर लिया और वोट हटा दिया। वोटों को हटाने का काम किसी व्यक्ति के जरिए नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके केंद्रीकृत तरीके से किया गया।
*कर्नाटक के बाहर विभिन्न राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल*
राहुल गांधी ने कहा कि अलंद में मतदाताओं के नाम पर 6018 आवेदन दाखिल किए गए। जिन लोगों ने ये आवेदन दाखिल किए, उन्होंने वास्तव में इन्हें कभी दाखिल ही नहीं किया। यह आवेदन एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके स्वचालित रूप से दाखिल किया गया। कर्नाटक के बाहर विभिन्न राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल अलंद में नंबरों को हटाने के लिए किया गया और यह कांग्रेस के मतदाताओं को निशाना बनाकर किया गया।
*’मैं यहां जो कर रहा हूं, वह मेरा काम नहीं‘*
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अदालत या किसी उच्चतर एजेंसी का रुख करेंगे तो राहुल गांधी ने कहा, ‘सच कहूं तो, मैं यहां जो कर रहा हूं, वह मेरा काम नहीं है। मेरा काम लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदारी करना है। मेरा काम लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करना नहीं है। यह भारत की संस्थाओं का काम है। वे ऐसा नहीं कर रही हैं, इसलिए मुझे यह करना पड़ रहा है। हमारी प्रस्तुति के अंत तक, जिसमें 2-3 महीने लगेंगे, आपके मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं रहेगा कि भारत में राज्य दर राज्य, लोकसभा दर लोकसभा चुनाव वोटों की चोरी हुई है।
*’ऐसी कोई बात नहीं कहने जा रहा हूं, जो 100 प्रतिशत प्रमाण पर आधारित न हो‘*
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं इस मंच पर ऐसी कोई बात नहीं कहने जा रहा हूं, जो 100 प्रतिशत सत्य पर आधारित न हो। मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो अपने देश से प्यार करता है, मैं अपने संविधान से प्यार करता हूं, मैं लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्यार करता हूं और मैं उस प्रक्रिया की रक्षा कर रहा हूं। मैं यहां ऐसी कोई बात नहीं कहने जा रहा हूं, जो 100 प्रतिशत प्रमाण पर आधारित न हो, जिसे आप निर्धारित कर सकें।
*सीरियल नंबर देखिए… एक सॉफ्टवेयर मतदान केंद्र में पहला नाम चुन रहा है‘*
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘आइए बात करते हैं कि यह कैसे किया जा रहा है और मैं क्यों ऐसा कह रहा हूं। हम कह रहे हैं कि यह एक केंद्रीकृत तरीके से किया जा रहा है और यह किसी व्यक्ति का उपयोग करके नहीं, बल्कि एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करके किया जा रहा है। सीरियल नंबर देखिए… एक सॉफ्टवेयर मतदान केंद्र में पहला नाम चुन रहा है और उसका उपयोग वोटों को हटाने के लिए कर रहा है।
किसी ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक स्वचालित कार्यक्रम चलाया कि मतदान केंद्र पर पहला मतदाता ही आवेदक हो। उसी व्यक्ति ने राज्य के बाहर से मोबाइल फोन मंगवाए, उनका उपयोग आवेदन दाखिल करने के लिए किया और हमें पूरा यकीन है कि यह एक केंद्रीकृत तरीके से और बड़े पैमाने पर किया गया था। यह किसी कार्यकर्ता के स्तर पर नहीं किया गया था। यह पूरी तरह से सरल स्तर पर किया गया था।
*कर्नाटक सीआईडी ने सितंबर तक 18 रिमाइंडर पत्र लिखे*
राहुल गांधी ने कहा कि 23 फरवरी को एफआईआर दर्ज की गई। कर्नाटक सीआईडी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मार्च में ही इन नंबरों और इन लेन-देन का पूरा विवरण मांगा। अगस्त में चुनाव आयोग ने जवाब दिया, कोई भी मांग पूरी नहीं की और हमें जानकारी नहीं दी। उसने कर्नाटक सीआईडी को वह जानकारी नहीं दी जो उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचा सके। 24 जनवरी को कर्नाटक सीआईडी ने चुनाव आयोग को फिर से पत्र लिखा और कहा कि कृपया हमें पूरी जानकारी भेजें। कोई जवाब नहीं। कर्नाटक सीआईडी ने 25 सितंबर तक 18 रिमाइंडर पत्र लिखे हैं। इसी बीच कर्नाटक के मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिल्ली में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि एक मामला है, कृपया यह जानकारी उपलब्ध कराएं। कर्नाटक के मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव आयोग से कई बार अनुरोध किया। अब यह इस बात का पक्का सबूत है कि ज्ञानेश कुमार ऐसा करने वालों को बचा रहे हैं। यह इस बात का भी पक्का सबूत है कि यह सब केंद्रीकृत तरीके से किया जा रहा है। बड़े पैमाने पर किया जा रहा है और बड़े संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
*कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में हो रहा*
राहुल गांधी ने कहा, ‘भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने वाले लोगों को बचाना बंद करना चाहिए। हमने आपको यहां 100% पुख्ता सबूत दे दिया है। चुनाव आयोग को इन फोन नंबरों, इन ओटीपी का डेटा एक हफ्ते के भीतर जारी करना होगा। महाराष्ट्र के राजुरा में 6815 लक्षित मतदाता जोड़े गए। अलंद में हमने हटाए गए मतदाता पकड़े, राजुरा में भी जोड़े गए, लेकिन मूल विचार वही है। यह वही व्यवस्था है, जो ऐसा कर रहा है। यह कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में हो रहा है, और हमारे पास इसके सबूत हैं।
*यह पिछले 10-15 साल से चल रहा है’*
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि यह पिछले 10-15 साल से चल रहा है। यह एक व्यवस्था है, यह एक ढांचा है। लोकतंत्र को हाईजैक कर लिया गया है। लोकतंत्र को केवल भारत के लोग ही बचा सकते हैं। कोई और लोकतंत्र को नहीं बचा सकता। राहुल गांधी यहां आकर कुछ भी कह सकते हैं और कह सकते हैं कि यह सच है, लेकिन भारत के लोग यह कर सकते हैं।
*राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें*
मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों को ‘बचा रहे’ हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को नष्ट किया है। कुछ लोग लाखों मतदाताओं के नाम हटाने के लिए उन्हें सुनियोजित तरीके से निशाना बना रहे हैं। अल्पसंख्यकों और दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। कर्नाटक के अलंद में कांग्रेस के मतदाताओं को निशाना बनाने के लिए फर्जी लोगों द्वारा 6018 वोट हटाने के आवेदन दायर किए गए। वोटों को हटाने का काम किसी व्यक्ति के जरिए नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके केंद्रीकृत तरीके से किया गया। कांग्रेस के गढ़ में योजनाबद्ध तरीके से वोटों को हटाया गया। कर्नाटक सीआईडी ने चुनाव आयोग से वोटों को हटाने के विवरण मांगते हुए जांच शुरू कर दी, लेकिन चुनाव आयोग विवरण नहीं दे रहा है।
चुनाव आयोग वोटरों के नाम हटाने का विवरण न देकर लोकतंत्र के ‘हत्यारों’ का बचाव कर रहा है।
कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए गए। मुख्य चुनाव आयुक्त को भारतीय लोकतंत्र की हत्या करने वाले लोगों की रक्षा करना बंद करना चाहिए। यह वोटों को हटाकर ‘वोट चोरी’ का एक और उदाहरण है। मुख्य चुनाव आयुक्त को एक हफ्ते के भीतर ‘वोट हटाने’ का विवरण देना चाहिए। हमारा काम आपके सामने सच्चाई पेश करना है। कानूनी व्यवस्था जैसी अन्य संस्थाएं भी हैं, जिन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए। मेरा काम लोकतांत्रिक व्यवस्था में भाग लेना है।
संवैधानिक संस्थाएं अपना काम ठीक से नहीं कर रही हैं। एक देशभक्त भारतीय होने के नाते, जो संविधान से प्रेम करता है, लोकतंत्र की रक्षा के लिए सच्चाई सामने लाना मेरा कर्तव्य है। लोकतंत्र को केवल भारत के लोग ही बचा सकते हैं। जिस दिन उन्हें यह एहसास होगा कि लोकतंत्र और संविधान की चोरी हो रही है, काम हो जाएगा।
*जल्द ही वोट चोरी पर हाइड्रोजन बम फोड़ेगी कांग्रेस*
इससे पहले राहुल ने पटना में 1 सितंबर को अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन कार्यक्रम में कहा था कि उनकी पार्टी जल्द ही वोट चोरी पर हाइड्रोजन बम फोड़ेगी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का सामना नहीं कर पाएंगे। इस बीच कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक पोस्ट किया। पोस्ट में पार्टी ने लिखा, ‘कुर्सी की पेटी बांध लीजिए पोस्ट के साथ पिछले महीने हुए संवाददाता सम्मेलन की एक वीडियो क्लिप भी साझा की गई है। ऐसे में अनुमान लगाया है कि इस बार भी राहुल गांधी ‘वोट चोरी’ का ही मुद्दा उठा सकते हैं। इस वीडियो की पृष्ठभूमि में सिद्धू मूसेवाला का गाना बज रहा है।
*राहुल गांधी के आरोप आरोप गलत और निराधार हैं: चुनाव आयोग*
चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए राहुल के सभी आरोपों को गलत ठहराया है. राहुल ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों को बचा रहे हैं.
इलेक्शन कमीशन ने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के कुछ ही मिनटों बाद जवाब दे दिया. आयोग ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ”राहुल गांधी के आरोप आरोप गलत और निराधार हैं.
*आयोग ने पोस्ट के जरिए कई बातें स्पष्ट की हैं*
कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन वोट डिलीट नहीं कर सकता. राहुल गांधी ने इसको लेकर गलत जानकारी दी है.
वोट डिलीट करने से पहले प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिया जाता है.
2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र में वोटर डिलीट करने की असफल कोशिश हुई थी, जिस पर चुनाव आयोग ने खुद एफआईआर दर्ज करवाई. चुनाव परिणाम: अलंद विधानसभा से 2018 में बीजेपी के सुबध गुट्टेदार जीते थे, जबकि 2023 में कांग्रेस के बी.आर. पाटिल जीते.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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