नई दिल्ली, 13 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मिजोरम की पहली राजधानी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई. यह ट्रेन आइजोल के सायरंग स्टेशन को दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से जोड़ेगी. इसकी साप्ताहिक सेवाएं 19 सितंबर से शुरू होंगी. राष्ट्रीय राजधानी और मिजोरम के बीच सीधा संपर्क प्रदान करने वाली यह ट्रेन 57.81 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति से 43 घंटे 25 मिनट में 2,510 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. ट्रेन का उद्घाटन दिवस कार्यक्रम इसकी नियमित सेवा से अलग है. 51.38 किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन 8071 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है. आइजोल के दुर्गम इलाकों में रेलवे लाइन बिछाना इंजीनियरिंग चमत्कार से कम नहीं है.

रेल लाइन बिछाने में 11 साल लगे हैं. इस बैराबी-सैरांग रेल लाइन की आधारशिला पीएम मोदी ने नवंबर 2024 में रखी थी. इस पूरे रेलवे रूट के बीच 4 रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं. इसी के साथ 48 टनल 150 से ज्यादा छोटे बड़े ब्रिज मौजूद हैं. दुर्गम पहाड़ों, घने जंगलों और भारी बारिश ने शुरुआती सर्वे को ही बेहद चैलेंजिंग बना दिया था. इतनी अवधि में कई बार सर्वे रिपोर्ट भी बदली गई. लेकिन कड़ी मेहनत और डेडीकेशन के बाद अब ये सफलता मिली है. इस पूरे रूट पर प्राकृतिक खूबसूरती देखते ही बनती है घने जंगलों के बीच विशालकाय पहाड़ और बड़ी नदियां हैं दूर दूर तक आबादी नहीं है. इसी के साथ इस रूट पर देश का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज भी मौजूद है.
जिसकी ऊंचाई 114 मीटर है जो कुतुब मीनार से भी 42 मीटर ऊंचा है. भूकंप जोन-5 में बने इस पुल की मजबूती 100 साल तक बनी रहे, ऐसा डिजाइन किया गया है. अभी तक असम के सिलचर से बैराबी तक ही लोग ट्रेन से सफर कर सकते थे. लेकिन अब बैराबी से मिजोरम की राजधानी आइजॉल को भी जोड़ कर एक बड़ा इतिहास लिखा गया है.
सिलचर से आइजॉल तक लगभग 150 किमी की दूरी के लिए एक व्यक्ति को बाय रोड 1000 रुपए तक चुकाने पड़ते थे. लेकिन अब ट्रेन के द्वारा 80 रुपए से भी कम में सफर कर सकेंगे.
इस ट्रेन के चलने से यहां कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो व्यापार बढ़ेगा रोजगार बढ़ेगा टूरिस्ट भी आकर्षित होंगे जिससे मिजोरम के विकास को पंख लगेंगे. बैराबी-सैरांग लाइन सिर्फ मिजोरम तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि रेलवे इस परियोजना को और आगे बढ़ाकर म्यांमार बॉर्डर तक ले जाने की योजना पर काम कर रहा है.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।