नई दिल्ली, 04 सितम्बर (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर के अपने समकक्ष लॉरेंस वोंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद साझा प्रेस वार्ता की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद को लेकर हमारी चिंताएं समान हैं। हमारा मानना है कि सभी मानवतावादी देशों का कर्तव्य है कि वे एकजुटता से आतंकवाद का मुकाबला करें। मैं पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के लोगों के प्रति व्यक्त की गई संवेदनाओं और आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में उनके समर्थन के लिए प्रधानमंत्री वांग और सिंगापुर सरकार का आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हरित और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर के लिए हुए समझौते से समुद्री क्षेत्र में हरित ईंधन आपूर्ति श्रृंखला और डिजिटल बंदरगाह निकासी को बढ़ावा मिलेगा।
भारत अपने बंदरगाह बुनियादी ढांचे के विकास पर तेजी से काम कर रहा है। इसमें सिंगापुर का अनुभव बेहद उपयोगी है। आज हमने सिंगापुर की कंपनी पीएसए इंटरनेशनल की ओर से विकसित भारत-मुंबई कंटेनर टर्मिनल के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। इससे हमारी कंटेनर हैंडलिंग क्षमता में और वृद्धि होगी। सिंगापुर हमारी एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और शांति एवं स्थिरता के संयुक्त दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए आसियान के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे संबंध कूटनीति से कहीं आगे तक जाते हैं। यह एक उद्देश्यपूर्ण साझेदारी है, जो साझा मूल्यों पर आधारित है, आपसी हितों से निर्देशित है। यह शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए एक साझा दृष्टिकोण से प्रेरित है। इससे पहले साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा, ‘आज दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में सिंगापुर हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। सिंगापुर से भारत में बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है। हमारे रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। लोगों के बीच संबंध गहरे और जीवंत हैं।
आज हमने अपनी साझेदारी के भविष्य के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। हमारा सहयोग केवल पारंपरिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगा। बदलते समय के साथ उन्नत विनिर्माण, हरित नौवहन, कौशल विकास, नागरिक, परमाणु और शहरी जल प्रबंधन जैसे क्षेत्र भी हमारे सहयोग का केंद्र बिंदु बनेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा,सिंगापुर के प्रधानमंत्री बनने के बाद लॉरेंस वोंग की पहली भारत यात्रा पर मैं उनका स्वागत करता हूं। यह यात्रा और भी खास है क्योंकि हम भारत-सिंगापुर संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
सिंगापुर की अपनी पिछली यात्रा के दौरान हमने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमने तय किया है कि आपसी व्यापार को गति देने के लिए द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते और आसियान के साथ हमारे मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध समीक्षा की जाएगी। हमारे राज्य भी भारत-सिंगापुर संबंधों में महत्वपूर्ण हितधारक होंगे।

जनवरी में जब राष्ट्रपति थर्मन भारत आए थे, तो उन्होंने ओडिशा का भी दौरा किया था। पिछले एक साल में ओडिशा, तेलंगाना, असम और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने सिंगापुर का दौरा किया है। गुजरात स्थित गिफ्ट सिटी हमारे शेयर बाजारों को जोड़ने वाला एक और नया सेतु बन गया है। पिछले साल हस्ताक्षरित सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम साझेदारी समझौते ने भी अनुसंधान और विकास को एक नई दिशा दी है। सेमीकंडक्टर इंडिया सम्मेलन में सिंगापुर की कंपनियों की सक्रिय भागीदारी अपने आप में एक बड़ी बात थी। सिंगापुर चेन्नई में एक राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने में मदद करेगा। यह केंद्र उन्नत विनिर्माण के क्षेत्र में कुशल जनशक्ति तैयार करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी और नवाचार हमारी साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं। हमने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम और अन्य डिजिटल तकनीकों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। आज अंतरिक्ष क्षेत्र में हुआ समझौता अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग में एक नया अध्याय जोड़ रहा है। हमने अपने युवाओं को उनकी प्रतिभा से जोड़ने के लिए इस वर्ष के अंत में भारत-सिंगापुर हैकाथॉन के अगले दौर का आयोजन करने का निर्णय लिया है। यूपीआई और पेनाउ हमारी डिजिटल कनेक्टिविटी के सफल उदाहरण हैं और यह खुशी की बात है कि आज 13 नए भारतीय बैंक इसमें शामिल हुए हैं।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।