नई दिल्ली, 02 सितम्बर (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया अब भारत पर भरोसा करती है और देश के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर उद्योग का भविष्य बनाने के लिए तैयार है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार जल्द ही सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के सुधार शुरू करेगी.’सेमीकॉन इंडिया 2025′ का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल चिप मार्केट में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि देश ट्रिलियन डॉलर के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक मजबूती पर भी प्रकाश डाला और कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश ने इस वर्ष अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की विकास दर हासिल की. उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, कुछ ही दिन पहले, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े आए हैं. एक बार फिर, भारत ने हर उम्मीद और हर आकलन से बेहतर प्रदर्शन किया है. ऐसे समय में जब दुनिया की अर्थव्यवस्था में चिंताएं हैं, आर्थिक स्वार्थ से उत्पन्न चुनौतियां हैं, भारत ने 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है. उन्होंने कहा, दुनिया भारत पर भरोसा करती है, भारत में विश्वास करती है और भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि यह प्रदर्शन दर्शाता है कि भारत एक उत्पाद राष्ट्र बनने की सही राह पर है.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया और ग्लोबल कंपनियों से भारत में विनिर्माण करने का आग्रह करते हुए कहा कि देश ने कुछ ही वर्षों में सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए एक मजबूत नींव रखी है. यशोभूमि में 2 से 4 सितंबर तक आयोजित हो रहे तीन दिवसीय ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ सम्मेलन का विषय ‘बिल्डिंग द नेक्स्ट सेमीकंडक्टर पावरहाउस’ है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 2021 से स्वीकृत 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में 18 अरब डॉलर का निवेश किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा, दुनिया भारत पर भरोसा करती है, दुनिया भारत में विश्वास करती है और दुनिया भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है. उन्होंने आगे कहा कि पिछली सदी का आकार तेल से बना था, लेकिन भविष्य चिप्स से बनेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट पहले ही 600 अरब डॉलर के मूल्य तक पहुंच चुका है और जल्द ही 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा और भारत इसमें एक प्रमुख भूमिका निभाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा, हमारा सेमीकंडक्टर उद्योग केवल चिप निर्माण तक सीमित नहीं है, हम एक ऐसा सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बना रहे हैं, जो भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाएगा.नोएडा और बेंगलुरु स्थित डिजाइन सेंटर दुनिया के कुछ सबसे एडवांस्ड चिप्स बनाने पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग की चुनौतियों पर काम कर रहा है.
*तेल काला सोना था, लेकिन चिप्स सेमीकंडक्टर हीरे*
सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, तेल काला सोना था, लेकिन चिप्स (सेमीकंडक्टर) हीरे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हमारी पिछ्ली शताब्दी को तेल ने आकार दिया। दुनिया का भाग्य तेल के कुओं से तय होता था। लेकिन, 21वीं शताब्दी की शक्ति छोटी से चिप में सिमट कर रह गई है। ये चिप भले ही छोटी सी है, लेकिन इसमें दुनिया की प्रगति को बड़ी गति देने की ताकत हैं।
*सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने पर जोर*
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पीएम 3 सितंबर को भी सुबह साढ़े 9 बजे इस सम्मेलन में भाग लेंगे। इस दौरान वह सीईओ गोलमेज सम्मेलन में भी शामिल होंगे। 2 से 4 सितंबर तक चलने वाला यह तीन दिवसीय सम्मेलन भारत में एक मजबूत, लचीले व टिकाऊ सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने पर केंद्रित होगा। सेमीकंडक्टर आधुनिक तकनीक का हृदय हैं। ये स्वास्थ्य, परिवहन, संचार, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए बेहद अहम है। जैसे-जैसे दुनिया डिजिटलाइजेशन और ऑटोमेशन की ओर बढ़ रही है, सेमीकंडक्टर आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता का आधार बन गए हैं।
*जब पीएम मोदी की बात पर ठहाकों से गूंज उठा हॉल*
कार्यक्रम में अपने भाषण की शुरुआत में पीएम मोदी ने कुछ ऐसा कहा कि पूरा सभागार ठहाकों से गूंज उठा।
दरअसल पीएम मोदी ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा कि कल रात ही मैं जापान और चीन की यात्रा से वापस लौटा हूं। इस पर सभागार में मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। जिसके बाद पीएम मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘गया था, इसलिए तालियां बजा रहे हैं या वापस लौटा हूं इसलिए।’ प्रधानमंत्री के इतना कहते ही सभागार में मौजूद सभी लोग ठहाका मारकर हंस पड़े। बता दें कि सेमीकॉन इंडिया-2025 चौथा संस्करण है। अब तक के इस सबसे बड़े आयोजन में 48 देशों की 350 से अधिक कंपनियां और रिकॉर्ड संख्या में वैश्विक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर महाशक्ति बनाना है। यह आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) और वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग संघ, एसईएमआई द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है.इस कार्यक्रम में 20,750 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं, जिनमें 48 देशों के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि, 150 से अधिक वक्ता (50 ग्लोबल लीडर्स) और 350 से अधिक प्रदर्शक शामिल हैं।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।