Monday, September 1, 2025

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किसानों के हितों को लेकर समझौता नहीं किया जा सकता: पीएम मोदी

दरअसल पीएम मोदी ने भारत की हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की 100 वीं जन्म जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

नई दिल्ली, 07 अगस्त 2025 (यूटीएन)। भारत और अमेरिका के रिश्ते में कड़वाहट आ सकती है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप का नाम लिए बिना प्रतिक्रिया दी है. पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा कि हमारे लिए किसान सबसे पहले हैं. उन्होंने कहा कि किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर समझौता नहीं किया जा सकता है. दरअसल पीएम मोदी ने भारत की हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की 100 वीं जन्म जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने नई दिल्ली में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान कहा, ”हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है. भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा.
*किसानों की आय बढ़ाने के लिए हो रहा काम*
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”किसानों के हितों को सर्वोपरि रखना है और मुझे पता है कि इसके लिए मुझे कीमत चुकानी होगी. किसानों और पशुपालकों के कल्याण के लिए हम सारे प्रयास करेगें और उनके हितों से समझौता नहीं होगा. किसानों की आय बढ़ाना, खेती पर खर्च कम करना, आय के नए स्रोत बनाने के लक्ष्यों पर हम लगातार काम कर रहे हैं. हमारी सरकार ने किसानों की ताकत को देश की प्रगति का आधार माना है.
*वे महान और मां भारती के सच्चे सपूत थे*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जिनका योगदान किसी एक कालखंड तक सीमित नहीं रहता है… प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन ऐसे ही महान व्यक्ति थे और मां भारती के सच्चे सपूत थे। उन्होंने विज्ञान को जन सेवा का माध्यम बनाया….उन्होंने वो चेतना जागृत की जो आने वाले कई सदियों तक भारत की नीतियां और प्राथमिकताओं को दिशा देती रहती है। मैं आप सभी को स्वामीनाथन जन शताब्दी समारोह की शुभकामनाएं देता हूं।
*स्मारक सिक्का और डाक टिकट किया जारी*
पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले महान वैज्ञानिक स्वामीनाथन के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया है।
 *’राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ की बधाई दी*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज राष्ट्रीय हथकरघा दिवस भी है। पिछले 10 वर्षों में हथकरघा को देशभर में नई पहचान और ताकत मिली है। मैं आप सभी को हथकरघा क्षेत्र से जुड़े लोगों को ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ की बधाई देता हूं।
*प्रोफेसर स्वामीनाथन के साथ मेरा जुड़ाव कई वर्षों पुराना था‘*
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘प्रोफेसर स्वामीनाथन के साथ मेरा जुड़ाव कई वर्षों पुराना था। गुजरात की पहले की स्थितियां बहुत लोगों को पता है। पहले वहां सूखे और चक्रवात की वजह कृषि पर काफी सकंट रहता था, कच्छ का रेगिस्तान बढ़ता चला जा रहा था। जब मैं मुख्यमंत्री था उसी दौरान हमने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना पर काम शुरू किया। प्रोफेसर स्वामीनाथन ने उसमें बहुत ज्यादा दिलचस्पी दिखाया, उन्होंने खुले दिल से हमें सुझाव दिया, हमारा मार्गदर्शन किया। उनके योगदान से इस पहल को जबरदस्त सफलता भी मिली।
*प्रो. स्वामीनाथन से मुलाकात का अनुभव किया साझा*
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘प्रो. स्वामीनाथन से हुई हर मुलाकात मेरे लिए एक बहुमूल्य शिक्षण अनुभव था। उन्होंने कहा था, ‘विज्ञान केवल खोज के बारे में नहीं है, बल्कि वितरण के बारे में है। ‘उन्होंने अपने कार्यों से इसे सिद्ध किया। वो केवल रिसर्च नहीं करते थे, बल्कि खेती के तौर-तरीके बदलने के लिए किसानों को प्रेरित भी करते थे। आज भी भारत के कृषि क्षेत्र में उनकी दृष्टिकोण, उनके विचार हर तरफ नजर आते हैं। वो सही मायने में मां भारती के रत्न थे।’ इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘ मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि डॉ. स्वामीनाथन को हमारी सरकार में भारत रत्न से सम्मानित करने का सौभाग्य मिला।
*उनकी पहचान हरित क्रांति से भी आगे बढ़कर थी*
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘ डॉ. स्वामीनाथन ने भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने का अभियान चलाया। लेकिन उनकी पहचान हरित क्रांति से भी आगे बढ़कर थी। वो खेती में रासायनिक के बढ़ते प्रयोग और मोनो कल्चर खेती के खतरों से किसानों को लगातार जागरूक करते रहे।
*7 से 9 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा सम्मेलन*
सदाबहार क्रांति- जैव-सुख का मार्ग विषय पर आधारित 7 से 9 अगस्त तक चलने वाले इस सम्मेलन में सतत और समतामूलक विकास में प्रोफेसर स्वामीनाथन के योगदान को सम्मानित किया जाएगा। इस सम्मेलन का आयोजन एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (एमएसएसआरएफ), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के सहयोग से किया जा रहा है।
*डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन को जानें?*
डॉ. स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 1960 के दशक में उच्च उपज वाली गेहूं की किस्मों और आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देकर भारत की खाद्यान्न पैदावार में क्रांतिकारी बदलाव किया। उनका जन्म 7 अगस्त 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में हुआ था। उनका निधन 28 सितंबर 2023 को चेन्नई में 98 वर्ष की आयु में हुआ।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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किसानों के हितों को लेकर समझौता नहीं किया जा सकता: पीएम मोदी

दरअसल पीएम मोदी ने भारत की हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की 100 वीं जन्म जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

नई दिल्ली, 07 अगस्त 2025 (यूटीएन)। भारत और अमेरिका के रिश्ते में कड़वाहट आ सकती है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप का नाम लिए बिना प्रतिक्रिया दी है. पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा कि हमारे लिए किसान सबसे पहले हैं. उन्होंने कहा कि किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर समझौता नहीं किया जा सकता है. दरअसल पीएम मोदी ने भारत की हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की 100 वीं जन्म जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने नई दिल्ली में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान कहा, ”हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है. भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा.
*किसानों की आय बढ़ाने के लिए हो रहा काम*
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”किसानों के हितों को सर्वोपरि रखना है और मुझे पता है कि इसके लिए मुझे कीमत चुकानी होगी. किसानों और पशुपालकों के कल्याण के लिए हम सारे प्रयास करेगें और उनके हितों से समझौता नहीं होगा. किसानों की आय बढ़ाना, खेती पर खर्च कम करना, आय के नए स्रोत बनाने के लक्ष्यों पर हम लगातार काम कर रहे हैं. हमारी सरकार ने किसानों की ताकत को देश की प्रगति का आधार माना है.
*वे महान और मां भारती के सच्चे सपूत थे*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जिनका योगदान किसी एक कालखंड तक सीमित नहीं रहता है… प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन ऐसे ही महान व्यक्ति थे और मां भारती के सच्चे सपूत थे। उन्होंने विज्ञान को जन सेवा का माध्यम बनाया….उन्होंने वो चेतना जागृत की जो आने वाले कई सदियों तक भारत की नीतियां और प्राथमिकताओं को दिशा देती रहती है। मैं आप सभी को स्वामीनाथन जन शताब्दी समारोह की शुभकामनाएं देता हूं।
*स्मारक सिक्का और डाक टिकट किया जारी*
पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले महान वैज्ञानिक स्वामीनाथन के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया है।
 *’राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ की बधाई दी*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज राष्ट्रीय हथकरघा दिवस भी है। पिछले 10 वर्षों में हथकरघा को देशभर में नई पहचान और ताकत मिली है। मैं आप सभी को हथकरघा क्षेत्र से जुड़े लोगों को ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ की बधाई देता हूं।
*प्रोफेसर स्वामीनाथन के साथ मेरा जुड़ाव कई वर्षों पुराना था‘*
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘प्रोफेसर स्वामीनाथन के साथ मेरा जुड़ाव कई वर्षों पुराना था। गुजरात की पहले की स्थितियां बहुत लोगों को पता है। पहले वहां सूखे और चक्रवात की वजह कृषि पर काफी सकंट रहता था, कच्छ का रेगिस्तान बढ़ता चला जा रहा था। जब मैं मुख्यमंत्री था उसी दौरान हमने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना पर काम शुरू किया। प्रोफेसर स्वामीनाथन ने उसमें बहुत ज्यादा दिलचस्पी दिखाया, उन्होंने खुले दिल से हमें सुझाव दिया, हमारा मार्गदर्शन किया। उनके योगदान से इस पहल को जबरदस्त सफलता भी मिली।
*प्रो. स्वामीनाथन से मुलाकात का अनुभव किया साझा*
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘प्रो. स्वामीनाथन से हुई हर मुलाकात मेरे लिए एक बहुमूल्य शिक्षण अनुभव था। उन्होंने कहा था, ‘विज्ञान केवल खोज के बारे में नहीं है, बल्कि वितरण के बारे में है। ‘उन्होंने अपने कार्यों से इसे सिद्ध किया। वो केवल रिसर्च नहीं करते थे, बल्कि खेती के तौर-तरीके बदलने के लिए किसानों को प्रेरित भी करते थे। आज भी भारत के कृषि क्षेत्र में उनकी दृष्टिकोण, उनके विचार हर तरफ नजर आते हैं। वो सही मायने में मां भारती के रत्न थे।’ इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘ मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि डॉ. स्वामीनाथन को हमारी सरकार में भारत रत्न से सम्मानित करने का सौभाग्य मिला।
*उनकी पहचान हरित क्रांति से भी आगे बढ़कर थी*
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘ डॉ. स्वामीनाथन ने भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने का अभियान चलाया। लेकिन उनकी पहचान हरित क्रांति से भी आगे बढ़कर थी। वो खेती में रासायनिक के बढ़ते प्रयोग और मोनो कल्चर खेती के खतरों से किसानों को लगातार जागरूक करते रहे।
*7 से 9 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा सम्मेलन*
सदाबहार क्रांति- जैव-सुख का मार्ग विषय पर आधारित 7 से 9 अगस्त तक चलने वाले इस सम्मेलन में सतत और समतामूलक विकास में प्रोफेसर स्वामीनाथन के योगदान को सम्मानित किया जाएगा। इस सम्मेलन का आयोजन एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (एमएसएसआरएफ), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के सहयोग से किया जा रहा है।
*डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन को जानें?*
डॉ. स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 1960 के दशक में उच्च उपज वाली गेहूं की किस्मों और आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देकर भारत की खाद्यान्न पैदावार में क्रांतिकारी बदलाव किया। उनका जन्म 7 अगस्त 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में हुआ था। उनका निधन 28 सितंबर 2023 को चेन्नई में 98 वर्ष की आयु में हुआ।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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