नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025 (यूटीएन)। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर सुगबुगाहट तेज हो गई है. इन्हीं चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। वे दो दिन से दिल्ली में हैं तथा अनेक वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इससे पहले कल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके बाद गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।इन मुलाकातों ने राजस्थान में कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक दिशा को लेकर चर्चाओं को गरमा दिया है.
*पीएम मोदी ने खुद वसुंधरा को मिलने बुलाया*
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात संसद भवन में हुई. दोनों की बैठक करीब 20 मिनट तक चली. इस मुलाकात को लेकर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया तो सामने नहीं आई, लेकिन इससे राजस्थान मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चाएं गरमा गईं. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा को याद किया था.निश्चित रूप से वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री से राजस्थान की राजनीति में अपने घटते कद और अहमियत को लेकर भी चर्चा करी होगी. सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर वसुंधरा राजे के नाम को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं उसे लेकर भी इस मुलाकात में मंथन हुआ होगा। बाद में वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जाकर मिलीं. उल्लेखनीय है कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होने से पहले संभावितों की लिस्ट में वसुंधरा राजे का नाम भी चला था। बाद में धनखड़ को उपराष्ट्रपति बना दिया गया था।
वसुंधरा राजे प्रदेश की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इस बार पार्टी ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया था। अब धनखड़ के इस्तीफे के बाद पार्टी वसुंधरा के अनुभव का फायदा लेना चाहती है। राजे को प्रदेश में सर्वमान्य नेता माना जाता है। जाट समाज पर भी उनकी विशेष पकड़ मानी जाती है। पार्टी का मानना है कि अगर अगला उपराष्ट्रपति राजस्थान से बनता है तो उसमें राजे की मर्जी भी शामिल हो। उपराष्ट्रपति की दौड़ में राजस्थान के रहने वाले सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का नाम भी चल रहा है। ओम माथुर और वसुंधरा राजे की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में पार्टी के लिए राजे को साधना जरूरी हो जाता है। वहीं प्रदेश में सरकार बने डेढ़ साल से ज्यादा का समय हो गया है। ऐसे में भजनलाल कैबिनेट विस्तार की चर्चा भी जोरों पर है। इस मुलाकात को इससे जोड़कर भी देखा जा रहा है।
जानकारों का मानना है कि वसुंधरा अपने गुट के नेताओं को मंत्रिमंडल और राजनीति नियुक्तियों में तरजीह दिलाने और अन्य संगठनात्मक मुद्दों को लेकर लंबे समय से पीएम मोदी से मिलने का समय मांग रही थीं। वहीं मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा व उनके सरपरस्त भी चाहेंगे कि सरकार में उनका दबदबा बना रहे।
फिलहाल भाजपा की ओर से इस मुलाकात या संभावित बदलाव को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी हलकों में हलचल तेज हो चुकी है। वसुंधरा राजे की बढ़ती सक्रियता और प्रधानमंत्री से हुई उनकी मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर लगातार जारी है। दिल्ली में हुई मुलाकातों की अंदरखाने वजह चाहे जो हो, लेकिन राजस्थान के दो कद्दावर नेताओं की एकसाथ राजधानी में मौजूदगी और शीर्ष नेताओं से मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में कई चर्चाओं को जन्म दे दिया है.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।