Thursday, July 31, 2025

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ईआरसीपी के मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मिले

उल्लेखनीय है कि इस बांध परियोजना को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार प्रस्तावित डूंगरी बांध से 13 जिलों को पानी देने के नाम पर करौली और सवाई माधोपुर जिलों के अधिकांश हिस्से को उजाड़ना चाहती है।

नई दिल्ली, 29 जुलाई  2025  (यूटीएन)। पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना के तहत सवाई माधोपुर और करौली जिले की सीमा पर बनास नदी में प्रस्तावित डूंगरी बांध के निर्माण को लेकर लगातार बढ़ रहे विरोध के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने आज केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने इस मामले में उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि इस बांध परियोजना को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार प्रस्तावित डूंगरी बांध से 13 जिलों को पानी देने के नाम पर करौली और सवाई माधोपुर जिलों के अधिकांश हिस्से को उजाड़ना चाहती है।
इसके अलावा राजस्थान में जल संकट से निपटने के लिए उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल से चिनाब नदी बेसिन से जुड़ी तीन प्रमुख जल परियोजनाओं को शीघ्र लागू करने का आग्रह किया। इन योजनाओं से हिमालय से निकलने वाली नदियों का अतिरिक्त जल ब्यास, रावी और उझ जैसी पूर्ववर्ती नदियों की ओर मोड़ा जा सकेगा, जिससे उत्तर भारत के कई राज्यों के साथ-साथ राजस्थान को भी पानी की बड़ी राहत मिल सकेगी। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने केंद्र सरकार से इन परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृत और क्रियान्वित करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि ये योजनाएं राजस्थान के दीर्घकालिक जल संकट का समाधान बन सकती हैं और यह कदम राज्य के भविष्य के लिए “मील का पत्थर” साबित होगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राजस्थान को 1.0 मिलियन एकड़ फीट  पानी पीने के लिए 1.0मिलियन एकड़ फीट सिंचाई के लिए और 0.2 मिलियन एकड़ फीट औद्योगिक जरूरतों के लिए चाहिए. इसके साथ ही राज्य में मौजूद प्राकृतिक झीलों और जलाशयों में 1.0 मिलियन एकड़ फीट पानी स्टोर करने की क्षमता भी है, जिसका पूरा उपयोग इन परियोजनाओं से संभव हो सकेगा. मुख्य तीन लाभ जो राजस्थान को मिल सकते हैं उनमें ब्यास और सतलुज नदियों में पानी बढ़ेगा।जिससे इंदिरा गांधी नहर को और अधिक पानी मिलेगा, जिससे पश्चिमी राजस्थान की बड़ी आबादी को सिंचाई और पीने के पानी में राहत मिलेगी.
*केंद्रीय कृषिमंत्री  शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की*
दिल्ली दौर के दौरान मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की। इस दौरान ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव शैलेष सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट सहित दोनों केंद्रीय मंत्रालयों और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें। बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग की ओर से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत 3,286 करोड़ रुपये मजदूरी मद में, 944 करोड़ रुपये मैटिरियल कॉम्पोनेंट में तथा प्रशासनिक मद में 154 करोड़ रुपये यानि कुल 4,384 करोड़ रुपये की राशि राजस्थान को इसी वित्तीय वर्ष में पिछले दिनों जारी कर दी गई है। इस पर मुख्यमंत्री भजनलाल ने केंद्रीय मंत्री को राज्य की ओर से धन्यवाद दिया। बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की प्रगति पर भी चर्चा हुई।
इस महत्वपूर्ण योजना के तहत राजस्थान में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। वृहद स्तर पर सर्वे किया जा चुका है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने इस पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि आगे बनने वाले आवासों के सर्वे के सत्यापन का कार्य जैसे ही पूरा हो जाएगा, वैसे ही तुरंत अतिरिक्त मकानों के निर्माण की स्वीकृति दे दी जाएगी। राजस्थान में 7.46 लाख मकान बनाए जाने हैं, जिनमें से पीएम-जनमन योजना के तहत भी निर्माण होना है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को बारे में भी बैठक में चर्चा हुई। कृषि से जुड़े मुद्दों में ‘पर ड्रॉप-मोर क्रॉप’, बारिश का पानी संग्रहित करने के लिए तालाब रूपी डिग्गी निर्माण और खेतों में तार की बाड़ लगाने को लेकर योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति पर चर्चा हुई। वहीं, जयपुर के बस्सी क्षेत्र में कृषि की उल्लेखनीय प्रगति को लेकर भी बातचीत हुई।
भजनलाल शर्मा ने केंद्र सरकार की मदद से ग्राम पंचायत स्तर पर ‘कृषि पर्यवेक्षकों’ की व्यवस्था की मंशा भी जताई। विभिन्न विषयों के साथ-साथ अंतरराज्यीय व्यापार को मजबूत करने, राजस्थान की बेहतर मूंगफली किस्मों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें अधिसूचित करने एवं राजस्थान के लोकप्रिय अरंडी के तेल के संवर्धन को लेकर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने  शिवराज सिंह को राजस्थान में मॉनसून की अच्छी प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष राजस्थान में अपेक्षानुरूप अच्छी बारिश हुई है, जिसका असर निश्चित तौर पर अच्छी फसल के रूप में देखने को मिलेगा।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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ईआरसीपी के मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मिले

उल्लेखनीय है कि इस बांध परियोजना को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार प्रस्तावित डूंगरी बांध से 13 जिलों को पानी देने के नाम पर करौली और सवाई माधोपुर जिलों के अधिकांश हिस्से को उजाड़ना चाहती है।

नई दिल्ली, 29 जुलाई  2025  (यूटीएन)। पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना के तहत सवाई माधोपुर और करौली जिले की सीमा पर बनास नदी में प्रस्तावित डूंगरी बांध के निर्माण को लेकर लगातार बढ़ रहे विरोध के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने आज केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने इस मामले में उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि इस बांध परियोजना को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार प्रस्तावित डूंगरी बांध से 13 जिलों को पानी देने के नाम पर करौली और सवाई माधोपुर जिलों के अधिकांश हिस्से को उजाड़ना चाहती है।
इसके अलावा राजस्थान में जल संकट से निपटने के लिए उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल से चिनाब नदी बेसिन से जुड़ी तीन प्रमुख जल परियोजनाओं को शीघ्र लागू करने का आग्रह किया। इन योजनाओं से हिमालय से निकलने वाली नदियों का अतिरिक्त जल ब्यास, रावी और उझ जैसी पूर्ववर्ती नदियों की ओर मोड़ा जा सकेगा, जिससे उत्तर भारत के कई राज्यों के साथ-साथ राजस्थान को भी पानी की बड़ी राहत मिल सकेगी। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने केंद्र सरकार से इन परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृत और क्रियान्वित करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि ये योजनाएं राजस्थान के दीर्घकालिक जल संकट का समाधान बन सकती हैं और यह कदम राज्य के भविष्य के लिए “मील का पत्थर” साबित होगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राजस्थान को 1.0 मिलियन एकड़ फीट  पानी पीने के लिए 1.0मिलियन एकड़ फीट सिंचाई के लिए और 0.2 मिलियन एकड़ फीट औद्योगिक जरूरतों के लिए चाहिए. इसके साथ ही राज्य में मौजूद प्राकृतिक झीलों और जलाशयों में 1.0 मिलियन एकड़ फीट पानी स्टोर करने की क्षमता भी है, जिसका पूरा उपयोग इन परियोजनाओं से संभव हो सकेगा. मुख्य तीन लाभ जो राजस्थान को मिल सकते हैं उनमें ब्यास और सतलुज नदियों में पानी बढ़ेगा।जिससे इंदिरा गांधी नहर को और अधिक पानी मिलेगा, जिससे पश्चिमी राजस्थान की बड़ी आबादी को सिंचाई और पीने के पानी में राहत मिलेगी.
*केंद्रीय कृषिमंत्री  शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की*
दिल्ली दौर के दौरान मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की। इस दौरान ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव शैलेष सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट सहित दोनों केंद्रीय मंत्रालयों और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें। बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग की ओर से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत 3,286 करोड़ रुपये मजदूरी मद में, 944 करोड़ रुपये मैटिरियल कॉम्पोनेंट में तथा प्रशासनिक मद में 154 करोड़ रुपये यानि कुल 4,384 करोड़ रुपये की राशि राजस्थान को इसी वित्तीय वर्ष में पिछले दिनों जारी कर दी गई है। इस पर मुख्यमंत्री भजनलाल ने केंद्रीय मंत्री को राज्य की ओर से धन्यवाद दिया। बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की प्रगति पर भी चर्चा हुई।
इस महत्वपूर्ण योजना के तहत राजस्थान में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। वृहद स्तर पर सर्वे किया जा चुका है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने इस पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि आगे बनने वाले आवासों के सर्वे के सत्यापन का कार्य जैसे ही पूरा हो जाएगा, वैसे ही तुरंत अतिरिक्त मकानों के निर्माण की स्वीकृति दे दी जाएगी। राजस्थान में 7.46 लाख मकान बनाए जाने हैं, जिनमें से पीएम-जनमन योजना के तहत भी निर्माण होना है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को बारे में भी बैठक में चर्चा हुई। कृषि से जुड़े मुद्दों में ‘पर ड्रॉप-मोर क्रॉप’, बारिश का पानी संग्रहित करने के लिए तालाब रूपी डिग्गी निर्माण और खेतों में तार की बाड़ लगाने को लेकर योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति पर चर्चा हुई। वहीं, जयपुर के बस्सी क्षेत्र में कृषि की उल्लेखनीय प्रगति को लेकर भी बातचीत हुई।
भजनलाल शर्मा ने केंद्र सरकार की मदद से ग्राम पंचायत स्तर पर ‘कृषि पर्यवेक्षकों’ की व्यवस्था की मंशा भी जताई। विभिन्न विषयों के साथ-साथ अंतरराज्यीय व्यापार को मजबूत करने, राजस्थान की बेहतर मूंगफली किस्मों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें अधिसूचित करने एवं राजस्थान के लोकप्रिय अरंडी के तेल के संवर्धन को लेकर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने  शिवराज सिंह को राजस्थान में मॉनसून की अच्छी प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष राजस्थान में अपेक्षानुरूप अच्छी बारिश हुई है, जिसका असर निश्चित तौर पर अच्छी फसल के रूप में देखने को मिलेगा।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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