नई दिल्ली, 29 सितंबर 2023 (यूटीएन)। प्रमुख दिगम्बर जैनाचार्य सुनील सागर महाराज की प्रेरणा से पर्युषण पर्व के अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी के अवसर पर दिल्ली में पहली बार दस हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने एक साथ निर्जला उपवास किया। कल ऋषभ विहार में सैंकड़ों श्रद्धालुओं का सामुहिक पारणा होगा। आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली भी आचार्य का आशीर्वाद लेने एवं दस उपवास की तपस्या करने वाले श्रद्धालुओं की अनुमोदना करने ऋषभ विहार पहूंचे। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जैन धर्म ने सम्पूर्ण विश्व को शाकाहार, सदाचार एवं तप और त्याग का मार्ग दिखाया है।
यदि हम इस मार्ग पर चलें तो विश्व में अहिंसा और शांति की स्थापना हो सकती है। उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों पूर्व भगवान महावीर ने जो रास्ता दिखलाया इमानदारी से यदि उस पर चला जाए तो देश की ही नहीं सम्पूर्ण विश्व की सभी समस्याएं एक साथ सुलझ सकती हैं। लवली ने कहा कि भगवान ऋषभदेव से लेकर महावीर स्वामी तक बतलाए गए मार्ग का अनुसरण किया जाए तो विश्व से हिंसा, चोरी, झूठ एवं परिग्रह का खात्मा हो जाएगा यदि ये सब समाप्त हो गए तो सम्पूर्ण विश्व की अधिकांश समस्याओं से स्वत ही निजात मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत के नाम पर ही हमारे देश का नाम भारत रखा गया था।
इस अवसर पर उन्होंने जैन धर्म जानिए नामक पुस्तक का विमोचन भी किया। अनंत चतुर्दशी के अवसर पर आचार्य सुनील सागर की प्रेरणा से दिल्ली में पहली बार एक साथ दस हजार से भी अधिक जैन धर्मावलंबियों ने एक साथ निर्जला उपवास किया। दिगम्बर जैन सभा ऋषभ विहार के महामंत्री विपुल जैन ने बताया कि कल यहां आचार्य के पावन सानिध्य में कल सैकड़ों श्रद्धालुओं का पारणा यहां प्रवचन मंडप में करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह एक अनूठा दृश्य होगा जब इतनी बड़ी संख्या में दिगम्बर जैन समाज के तपस्वी एक साथ पारणा करेंगे।
इसमें पर्युषण पर्व के दौरान लगातार दस दिनों तक उपवास करने वाले एवं अनंत चतुर्दशी के दिन एक दिन का उपवास करने वाले श्रद्धालु सामुहिक पारणा करेंगे। चेयरमैन विजय जैन ने बताया कि इस वर्ष पर्युषण पर्व में एक अलग ही माहौल रहा दिल्ली के इतिहास में पहली बार जैन रामायण का मंचन किया गया। इसके अलावा जैन धर्म में विशेष महत्व रखने वाले इंद्रधवज महामंडल विधान का आयोजन भी पहली बार किया गया। जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया तथा पहली बार जिनालयों पर पर ध्वजा चढ़ाने का सौभाग्य मिला। उन्होंने बताया कि इस दौरान अभिषेक, शांतिधारा, पूजन-विधान एवं अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |