सोनभद्र, 20 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। संयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शरण मिश्र ने बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में चल रहे मतभेद पर चिंता व्यक्त करते हुए बयान जारी किया है कि बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सदस्यो के बीच आपसी मतभेद से प्रदेश के लाखो अधिवक्ताओ का भविष्य अधर में लटक गया है जो बहुत ही दुःखद है। उन्होंने बताया कि इस मतभेद का कारण मेरठ में संपन्न हुआ अधिवक्ता सम्मेलन है।
मिश्र ने कहा कि विगत दिनों 18 अक्टूबर को मेरठ बार एसोसिएशन के तत्वावधान में मेरठ में प्रदेश भर के अधिवक्ताओं संघों के अध्यक्ष एवं मंत्री की बैठक के बाद अधिवक्ता हितों के लिए 21 अथवा 22 अक्टूबर को न्यायालयी कार्यों से विरत रहकर अधिवक्ता हितों से संबंधित माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी का मानव श्रृंखला बनाकर घेराव करने और फिर ज्ञापन देने के आह्वान पर बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश में सदस्यो के बीच आपसी मतभेद खुलकर सामने आ गया है।
मेरठ में अधिवक्ता महासम्मेलन द्वारा अधिवक्ता हितों को लेकर प्रस्तावित आंदोलन और कार्य योजना से क्रोधित होकर 19 अक्टूबर को बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के माननीय अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ द्वारा एक पत्र प्रदेश के समस्त बार संघों के अध्यक्ष एवं मंत्री को जारी किया गया है जिसमें मेरठ बार एसोसिएशन एसोसिएशन द्वारा बुलाए गए अधिवक्ता महासम्मेलन को असंवैधानिक करार देते हुए उनके आहवाह्न पर प्रदेश के बार संघों द्वारा 21 या 22 अक्टूबर को न्यायालयी कार्यों से विरत रहने और किसी भी प्रकार का ज्ञापन देने पर बार संघों एवम अधिवक्ताओं के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक करवाई करने की चेतावनी दी गई है।
साथ ही पत्र में सचिव बार कौंसिल ऑफ उत्तर को उक्त पत्र को प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवम जिला जज को मेल से तत्काल भेजने को भी कहा गया है। बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष द्वारा जारी उक्त पत्र के वायरल होने और अधिवक्ताओं द्वारा पढ़ने के बाद प्रदेश के अधिकता संघों में हड़कंप मच गया है। वही माननीय अध्यक्ष बार काउंसिल उत्तर प्रदेश द्वारा जारी पत्र के विरोध में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष एवम सदस्य जय नारायण पांडे द्वारा एक पत्र जारी करके यह कहा गया है कि माननीय अध्यक्ष बार काउंसिल उत्तर प्रदेश द्वारा जारी पत्र पर बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के किसी सदस्य से कोई विचार विमर्श नही किया गया है।
उन्होने आपत्ति करते हुए या आरोप लगाया गया कि माननीय अध्यक्ष बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा जारी पत्र उनका निजी विचार है उसमें बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के अन्य सदस्यों का कोई समर्थन नहीं है। साथ ही बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के सदस्य विनोद कुमार पांडे द्वारा भी फेसबुक अकाउंट पर अध्यक्ष बार काउंसिल उत्तर प्रदेश शिव किशोर गौड़ के पत्र पर आपत्ति व्यक्त करते हुए यह आरोप लगाया गया है कि उक्त पत्र केवल और केवल माननीय अध्यक्ष बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किया गया है इसमें ना तो मेरी और ना ही किसी सदस्य की कोई सहमति है।
संयुक्त अधिवक्ता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शरण मिश्र ने बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के माननीय अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि आपस की लड़ाई और टकराव से अधिवक्ता हितों की लड़ाई कमजोर होगी इसलिए हमें आपसी मतभेद को दूर कर प्रदेश के अधिवक्ताओं को विश्वास में लेकर अधिवक्ता हितों से संबंधित मुद्दों को मजबूती के साथ प्रदेश सरकार द्वारा समाधान कराने का प्रयास करना होगा जिससे बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश सहित प्रदेश के अधिकता संघों और अधिवक्ताओं का मान सम्मान कायम रह सके।