सोनभद्र,04 मार्च 2024 (यूटीएन)। अदिकालीन संस्कृति सोनभद्र की विशेष पहचान है। उक्त बातें संस्कृति, साहित्य, कला, पर्यटन के क्षेत्र में अनवरत रूप से कार्यरत विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट की ओर से सोनभद्र स्थापना दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर रविवार की शाम वरिष्ठ साहित्यकार, रामायण कलचर मैपिंग योजना के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एवं संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के विशेषज्ञ दीपक कुमार केसरवानी ने कही। जिला उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के कार्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी में केसरवानी ने कहा कि आदिकाल से आधुनिक काल तक विशिष्ट संस्कृति सोनभद्र में कायम रही है। सोनभद्र विश्व का एकमात्र ऐसा जनपद है जहां पर 130 किलोमीटर के क्षेत्रफल में भूतात्विक, पुरातात्विक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक स्थल सहित आदिवासी संस्कृति विराजती है।
शोण महानद के नाम पर आधारित सोनभद्र जनपद वर्तमान समय में देश के उत्तर प्रदेश का अंतिम एवं एकमात्र जनपद है जिसकी भौगोलिक सीमाएं बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य से जुड़ी हुई है। जिला उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिला अध्यक्ष, वरिष्ठ व्यापारी, भाजपा नेता रतनलाल गर्ग ने कहा कि सोनभद्र जनपद की स्थापना में अधिवक्ताओं, पत्रकारों, व्यापारियों, स्थानीय नागरिकों का विशेष योगदान रहा है। जनपद मुख्यालय के स्थाईकरण के लिए यहां के निवासियों को तत्कालीन शासन- प्रशासन से कड़ा मुकाबला करना पड़ा, अंतत जीत जनता की हुई। वर्तमान समय में हमारे सोनभद्र में उच्च शिक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज, हवाई अड्डा आदि की सुविधाएं विद्यमान हैं। जनपद में पर्यटन उद्योग की स्थापना का कार्य तेजी के साथ चल रहा है।
इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष दीपक कुमार केसरवानी ने जिला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला अध्यक्ष रतन लाल गर्ग और नगर अध्यक्ष प्रमोद कुमार गुप्ता को अंगवस्त्रम, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार मनोज जालान ने किया। इस अवसर पर समाजसेवी हिदायतुल्ला खान, मनीष खंडेवाल, नरेंद्र गर्ग, संतोष सिंह, विमल अग्रवाल, विमल जालान, चंदन केसरी, रामेश्वर अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य नागरिक, व्यापारी नेता उपस्थित रहे।
सोनभद्र- ब्यूरो चीफ, ( मकसूद अहमद ) |