वृंदावन-मथुरा, 12 मार्च 2023 (यूटीएन)। वृंदावन-मथुरा और आसपास के क्षेत्र में चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों के पहिये लगभग 6 घंटे तक थमे रहे। वेतन वृद्घि की मांग को लेकर चालकों ने बसें नहीं चलाईं और पागल बाबा मंदिर के नजदीक स्थित वर्कशॉप में प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया। ई-बस चालकों ने कहा कि 8 घंटे की डॺूटी में उन्हें महज 12,500 रुपए वेतन दिया जाता है। वे 26 दिन काम करते हैं और 4 दिन का अवकाश मिलता है। मथुरा-वृंदावन के अलावा ग्रामीण मार्ग पर चलने वाली 50 बसों के लिए 130 चालक नियुक्त हैं, जिनकी 8-8 घंटे की डॺूटी के बाद तब्दीली होती है। कम्पासी ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। कंपनी ने पिछले काफी समय से चालकों का वेतन नहीं बढ़ाया है। इससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
ई-बस चालकों ने कहा कि 8 घंटे की डॺूटी में उन्हें महज 12,500 रुपए वेतन दिया जाता है। वे 26 दिन काम करते हैं और 4 दिन का अवकाश मिलता है। मथुरा-वृंदावन के अलावा ग्रामीण मार्ग पर चलने वाली 50 बसों के लिए 130 चालक नियुक्त हैं, जिनकी 8-8 घंटे की डॺूटी के बाद तब्दीली होती है। कम्पासी ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। कंपनी ने पिछले काफी समय से चालकों का वेतन नहीं बढ़ाया है। इससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है। ई-बसें नहीं चलने से सुबह 5:30 से 11:30 बजे तक मथुरा-वृंदावन के बीच आवागमन करने वाले दैनिक यात्रियों को असुविधाओं को सामना करना पड़ा। हड़ताल की सूचना पर परिवहन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक मदन मोहन शर्मा, कम्पासी कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक कृष्णा और स्टेशन प्रभारी कौशल किशोर पाठक वर्कशाप पहुंचे। उन्होंने बस चालकों को समझाते हुए वेतन में एक हजार रुपए वृद्धि कराये जाने के आश्वासन दिया। इसके बाद चालकों ने हड़ताल खत्म कर दी।
रिपोर्टर-मथुरा, (दुर्गा प्रसाद) |